हंसराज कॉलेज ने रचा इतिहास, NIRF 2025 की रैंकिंग में हासिल किया देशभर में तीसरा स्थान
हंसराज कॉलेज के लिए आज का दिन गर्व का है। कॉलेज ने NIRF 2025 में देशभर में तीसरा स्थान हासिल किया है जो पिछले साल के 12वें स्थान से एक बड़ी छलांग है। प्राचार्या प्रो. रमा ने कहा कि उनका लक्ष्य शिक्षा और संस्कार के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करना है। उन्होंने इस सफलता को पूरे कॉलेज परिवार की सामूहिक मेहनत और समर्पण का परिणाम बताया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हंसराज कॉलेज परिवार के लिए आज का दिन अत्यंत गर्व और भावनाओं से भरा हुआ है। राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2025 में हंसराज कॉलेज ने अभूतपूर्व उपलब्धि दर्ज करते हुए पूरे भारत के श्रेष्ठ महाविद्यालयों में तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
यह सफलता पिछले वर्ष की तुलना में एक बड़ी छलांग है, जब कॉलेज 12वें स्थान पर था। कॉलेज की प्रतिष्ठा और गरिमा केवल एक शैक्षणिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि उसकी बुनियाद महामना दयानंद सरस्वती की तपस्या और महात्मा हंसराज के त्याग पर टिकी हुई है।
1948 से स्थापित इस संस्थान ने हमेशा यही प्रयास किया है कि विद्यार्थियों को केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि संस्कार और समाज के प्रति उत्तरदायित्व का भाव भी मिले। प्राचार्या प्रो. रमा ने कहा कि “हम कभी केवल रैंकिंग से प्रभावित नहीं हुए।
हमारा लक्ष्य हमेशा यही रहा है कि शिक्षा और संस्कार के क्षेत्र में निरंतर उत्कृष्टता प्राप्त की जाए और हमारे पूर्वजों की परंपरा का सम्मान हो।” कहा “मेरे लिए हंसराज कॉलेज केवल एक संस्थान नहीं, बल्कि एक परिवार है।
इस परिवार का हर सदस्य चाहे वह प्राध्यापक हो, विद्यार्थी (वर्तमान या पूर्व), नॉन-टीचिंग स्टाफ हो या कॉलेज के प्रति अपनत्व का भाव रखने वाला हर व्यक्ति इस उपलब्धि का साझेदार है। हमने मिलकर जो सपना बुना था, उसे सामूहिक मेहनत, अनुशासन और समर्पण ने वास्तविकता बना दिया।
इस यात्रा में विशेष सहयोग उप प्राचार्य डॉ. विजय रानी राजपाल और IQAC की निदेशक डॉ. अल्का कक्कड़ का रहा, जिनकी ऊर्जा और मार्गदर्शन ने पूरे कॉलेज समुदाय को निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उनका नेतृत्व इस प्रक्रिया की रीढ़ सिद्ध हुआ।
प्राचार्या ने इस अवसर पर उल्लेख किया कि पिछले दस वर्षों से उन्होंने प्राचार्या के रूप में केवल यही संकल्प लिया कि हंसराज परिवार की प्रतिष्ठा और ऊँचाइयों में निरंतर वृद्धि हो। उन्होंने भावुक होकर कहा कि ईश्वर साक्षी है, मैंने इन दस वर्षों में केवल एक ही सपना देखा।
हंसराज परिवार का उत्थान और उसके गौरव में वृद्धि। आज NIRF रैंकिंग में तीसरा स्थान देखकर संतोष है कि हमारा संकल्प धीरे-धीरे ही सही, परंतु सिद्धि तक पहुँच रहा है।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के यशस्वी कुलपति प्रो. योगेश सिंह का भी आभार व्यक्त किया, जिनके दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन ने हंसराज कॉलेज सहित विश्वविद्यालय के सभी घटकों को निरंतर प्रेरित किया।
यह सफलता केवल संख्याओं की कहानी नहीं है। यह शिक्षकों की निष्ठा, विद्यार्थियों की मेहनत, नॉन-टीचिंग स्टाफ के परिश्रम और पूर्व छात्रों के समर्थन का सामूहिक परिणाम है।
आज हंसराज कॉलेज केवल भारत के श्रेष्ठ महाविद्यालयों में नहीं, बल्कि शिक्षा, संस्कृति, खेल, शोध और नवाचार के क्षेत्र में वैश्विक पहचान बना रहा है। प्राचार्या ने कहा कि आज का दिन जितना भावुक करने वाला है, उससे अधिक गर्वित करने वाला है।
हंसराज कॉलेज केवल अकादमिक उत्कृष्टता का ही नहीं, बल्कि संस्कार और समाज-निर्माण का केंद्र रहा है। यहाँ के विद्यार्थी शिक्षा के साथ-साथ खेल, कला, संस्कृति, शोध और नवाचार में भी निरंतर नई ऊंचाइयां प्राप्त कर रहे हैं।
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