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    कोरोना के बाद H3N2 वायरस ने बढ़ाई चिंता, दिल्ली के LNJP अस्पताल में बना स्पेशल वार्ड, डॉक्टरों की टीम तैनात

    By AgencyEdited By: Shyamji Tiwari
    Updated: Wed, 15 Mar 2023 01:14 PM (IST)

    H3N2 इंफ्लूएंजा वायरस ने के बढ़ते केस से एक नई मुश्किल सामने आ गई है। दिल्ली के LNJP अस्पताल ने सभी जरूरी सुविधाओं के साथ संक्रमित रोगियों के लिए 20 बेड का एक आइसोलेशन वार्ड तैयार किया है।

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    कोरोना के बाद H3N2 वायरस ने बढ़ाई चिंता, दिल्ली के LNJP अस्पताल में बना स्पेशल वार्ड

    नई दिल्ली, एएनआई। कोरोना वायरस के बाद देश में एक नए वायरस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। H3N2 इंफ्लूएंजा वायरस ने के बढ़ते केस से एक नई मुश्किल सामने आ गई है। हालांकि, सरकार ने इस वायरस से  निपटने के लिए पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल ने सभी जरूरी सुविधाओं के साथ संक्रमित रोगियों के लिए 20 बेड का एक आइसोलेशन वार्ड तैयार किया है। 

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    15 डॉक्टरों की टीम स्पेशल वार्ड में तैनात

    राष्ट्रीय राजधानी के LNJP अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि  हमने अस्पताल में 20 बेड वाला आइसोलेशन वार्ड बनाया है। आइसोलेशन वार्ड में 15 डॉक्टरों की एक टीम को चौबीसों घंटे ड्यूटी के लिए तैनात किया गया है। हमारे पास ऑक्सीजन सपोर्ट सहित सभी सुविधाएं हैं। हमने वेंटिलेटर लगाए हैं।

    चिकित्सा निदेशक ने आगे बताया कि हमने 15 डॉक्टरों की एक टीम तैनात की है, जो चौबीसों घंटे ड्यूटी कर रहे हैं। हमारे पास दवाओं का स्टॉक पर्याप्त भी है। इसमें एंटीबायोटिक्स की कोई भूमिका नहीं है। यह एक वायरल बीमारी है। इसलिए हम एंटी-वायरल दवाएं देते हैं। मरीजों को अपने आप एंटी-बायोटिक्स का सेवन नहीं करना चाहिए। 

    H3N2 वायरस के ये हैं लक्षण

    वायरल बीमारी के प्रमुख लक्षणों के बारे में बात करते हुए अधिकारी ने बताया कि मरीजों को सांस लेने में तकलीफ, खांसी और नाक बहना और बुखार है। ऐसे कई मरीज हैं जिन्हें सांस लेने में तकलीफ, खांसी, नाक बहना और बुखार है। कमजोर एंटीबॉडी वाले या जो अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं, उनमें संचरण का जोखिम अधिक है। ICMR द्वारा 5 मार्च तक साझा किए गए डेटा में एच3एन2 के ज्यादातर मामले सामने आए हैं। 

    खांसी और हफ्ते भर तक बुखार 

    डॉ. कुमार ने आगे विस्तार से बताया, "सबसे प्रमुख लक्षण एक सप्ताह तक बुखार, एक से दो सप्ताह तक खांसी और कुछ लोगों को सांस फूलना है। लगभग 10 प्रतिशत लोगों में ऑक्सीजन की कमी है।" उन्होंने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल में वायरस से किसी की मौत की सूचना नहीं है। उन्होंने कहा, "हम हर साल इन्फ्लूएंजा और स्वाइन फ्लू के लिए तैयारी करते हैं। हमने इस बार विशेष व्यवस्था की है, क्योंकि यह कुछ जगहों पर बहुत तेजी से फैल गया है।

    कुछ राज्यों में कुछ मौतें भी हुई हैं। हमारे अस्पताल में कोई मौत नहीं हुई है। H3N2 प्रमुख उपप्रकार रहा है जिसके बाद H1N1 आया है। ये दोनों उपप्रकार इन्फ्लुएंजा 'ए' प्रकार के हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि H3N2 सहित मौसमी इन्फ्लूएंजा से उत्पन्न होने वाले मामलों में मार्च के अंत से हरियाणा और कर्नाटक में एक-एक मौत होने का दावा किया गया है।