ग्रेटर कैलाश अस्पताल निर्माण के खिलाफ निवासियों की याचिका, अगली सुनवाई 12 सितंबर को
ग्रेटर कैलाश-1 में अस्पताल निर्माण के विरोध में आरडब्ल्यूए ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में रिहायशी इलाके में निर्माण से यातायात और प्रदूषण बढ़ने की आशंका जताई गई है। निवासियों का कहना है कि यह वाणिज्यिक भवन इलाके की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है। अदालत ने संबंधित विभागों से जवाब मांगा है और अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। ग्रेटर कैलाश -1 में बनाए जा रहे निजी अस्पताल को लेकर ग्रेटर कैलाश रेजिडेंट्स एसोसिएशन (जीकेआरए) ने कोर्ट का रुख किया है। याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा
आरडब्ल्यूए की ओर से हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में लिखा गया है कि अस्पताल का निर्माण रिहायशी इलाके में किया जा रहा है। इससे ट्रैफिक की समस्या बढ़ेगी और वायु व ध्वनि प्रदूषण में भी इजाफा होगा। याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने नगर निगम सहित संबंधित पक्ष को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले पर अगली सुनवाई 12 सितंबर को की जाएगी।
पर्यावरण के लिए खतरा
दरअसल, ग्रेटर कैलाश-1 में स्थानीय लोग प्रस्तावित निजी अस्पताल बनाए जाने के विरोध में हैं। आरडब्ल्यूए का पक्ष है कि रिहायशी क्षेत्र में बनाया जा रहा है ये वाणिज्यिक भवन इलाके में सुरक्षा, शांति और पर्यावरण के लिए खतरा साबित होगा।
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निर्माण पर रोक लगाने की मांग
इस बारे में लोग पहले ही मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता व गृहमंत्री अमित शाह सहित तमाम विभागों को पत्र भेजकर अस्पताल के निर्माण पर रोक लगाने की मांग उठा चुके हैं। वहीं, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन भी किए गए थे।
जीकेआरए अध्यक्ष संजय आनंद ने कहा कि यह 400-बेड का वाणिज्यिक परिसर रिहायशी क्षेत्र में बनाया जा रहा है।
इसके खुलने से इलाके की शांति और सुरक्षा पर सीधे असर पड़ेगा। सरकार से कई बार शिकायत करने पर भी समाधान नहीं हुआ, अब हाई कोर्ट में याचिका डाली है।
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