GRAP Restrictions in Delhi: दिल्ली में वाहनों पर जल्द लग जाएगा बैन, प्रदूषण बढ़ने पर इस बार ज्यादा रहेंगी पाबंदियां
दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत इस बार वाहनों पर पहले से ज्यादा पाबंदियां लगने जा रही हैं। तीसरे चरण में अब 11 पाबंदियां होंगी जबकि पिछले साल इनकी संख्या 8 थी। चौथे चरण की तीन पाबंदियां भी इस बार तीसरे चरण में ही शामिल कर दी गई हैं। जानिए इस बार GRAP के तहत क्या-क्या पाबंदियां लगने जा रही हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एनसीआर में प्रदूषण की एक प्रमुख वजह वाहनों से निकलने वाला धुंआ है। इसी के मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम, CAQM) अबकी बार ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप, GRAP) के तहत वाहनों पर पहले से ज्यादा पाबंदियां लगाने जा रहा है।
401 से 450 तक के एक्यूआई को पाबंदियों के तीसरे चरण में रखा जाता था। पिछले साल की आठ पाबंदियों की तुलना में इस बार इस श्रेणी में 11 पाबंदियां कर दी गई हैं। ग्रेप के चौथे चरण में लगाई जाने वाली तीन पाबंदियों को इस बार तीसरे चरण में ही शामिल कर दिया गया है।
अब तीसरे चरण में ही दिल्ली सरकार राजधानी में पंजीकृत (रजिस्टर्ड) डीजल चालित एवं बीएस तीन या उससे नीचे के मानकों वाले मध्यम गुड्स व्हीकल (एमजीवी) पर पाबंदी लगा सकेगी।
दिल्ली आने पर लगेगी रोक
दिल्ली से बाहर पंजीकृत बीएस तीन और उससे नीचे के मानकों वाले डीजल चालित हल्के व्यावसायिक वाहनों (एलसीवी-गुड्स कैरियर) को राजधानी में प्रवेश से रोका जाएगा। आवश्यक सेवाओं एवं आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने वाले वाहनों को इन पाबंदियों से पहले की तरह ही इस बार भी बाहर रखा गया है।
स्वच्छ ईंधन वाली बसें ही करेंगी दिल्ली में प्रवेश
एनसीआर राज्यों से आने वाली अंतरराज्यीय बसों में से भी केवल उन्हीं को राजधानी में प्रवेश दिया जाएगा जो इलेक्ट्रिक, सीएनजी या फिर बीएस छह मानकों वाली डीजल बसें हों। अन्य ईंधनों से चलने वाली बसों के प्रवेश पर पाबंदी रहेगी। मालूम हो कि आयोग की ओर से पहले ही एनसीआर राज्यों को अपने बस बेड़े में बदलाव के दिशा-निर्देश दे दिए गए थे।
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