प्रदूषण से जंग के लिए दिल्ली तैयार, GRAP के तहत लगाई जानेवाली पाबंदियों पर 12 सदस्यीय उप-समिति लेगी फैसला
दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत लगाई जाने वाली पाबंदियों पर अब 12 सदस्यीय उप-समिति फैसला लेगी। इस समिति में प्रदूषण निकायों मौसम विभाग और एनसीआर जिलों के प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी शामिल हैं। समिति प्रदूषण की स्थिति और पूर्वानुमानों के आधार पर GRAP के विभिन्न चरणों की पाबंदियों को लागू करने या हटाने का निर्णय लेगी।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रदूषण से जंग में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तहत लगाई जाने वाली पाबंदियों पर 12 सदस्यीय उप समिति फैसला लेगी। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएमक्यूएम) ने इस उप समिति का पुनर्गठन किया है। इसमें प्रदूषण निकायों और मौसम विभाग के अधिकारियों के साथ साथ एनसीआर जिलों के प्रदेशों के प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी भी शामिल किए गए हैं।
गौरतलब है कि मौसम और मानवीय गतिविधियों के चलते हर साल ही जाड़े के दिनों में एनसीआर क्षेत्र को भयावह प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। इस दौरान कई बार तो प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा हो जाता है कि सांस लेना तक दूभर हो जाता है। वाहनों, स्कूल कालेजों और निर्माण कार्यों पर अलग-अलग तरह की पाबंदियां लगानी पड़ती हैं। इसी के मद्देनजर सीएक्यूएम एनसीआर को ग्रेप की जद में पहले ही ले चुका है, अब ग्रेप की पाबंदियां लगाने और हटाने के लिए उप समिति भी गठित कर दी गई है।
डॉ. एनपी शुक्ला को उप समिति के अध्यक्ष
सीएक्यूएम द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक आयोग के तकनीकी सदस्य डॉ. एनपी शुक्ला को उप समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। आयोग के अन्य सदस्यों में, सीपीसीबी, डीपीसीसी, मौसम विज्ञानी, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को भी शामिल किया गया है।
यह समिति नियमों को लागू करने को लेकर करेंगी बैठक
यह समिति लगातार बैठक करेगी और प्रदूषण की स्थिति सहित आगे के पूर्वानुमानों के आधार पर ग्रेप के विभिन्न चरणों की अलग-अलग पाबंदियों को लगाने या हटाने का फैसला करेगी। ग्रेप प्रतिबंधों को लगाने के लिए अलग-अलग विभागों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा भी यह समिति करेगी ताकि देखा जा सके कि प्रतिबंध किस हद तक कारगर साबित हुए हैं।