Delhi: दिल्ली में भारी वाहनों की आवाजाही के लिए नियामक उपाय करे सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने वर्ष 2006 के दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील का निपटारा करते हुए यह निर्देश दिया जिसमें सामान की लोडिंग और अनलोडिंग के लिए बाहरी रिंग रोड के अंदर ट्रकों के चलने पर 24 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया था। मुख्य याचिका का निपटारा दिल्ली हाईकोर्ट ने 2009 में कर दिया था।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार से राष्ट्रीय राजधानी में भारी वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने वर्ष 2006 के दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील का निपटारा करते हुए यह निर्देश दिया जिसमें सामान की लोडिंग और अनलोडिंग के लिए बाहरी रिंग रोड के अंदर ट्रकों के चलने पर 24 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया था।
दिल्ली सरकार उठाएगी कदम
पीठ ने कहा, ''विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) का निपटारा किया जाता है। मगर, इसका मतलब यह नहीं है कि दिल्ली सरकार शहर में भारी वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाएगी। इस संबंध में यदि अभी तक कोई नियामक उपाय नहीं किए गए हैं तो राज्य सरकार उचित निर्णय लेगी।''
पीठ ने उल्लेख किया कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2006 में ही दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन की याचिका पर ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले हाईकोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी।
एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दलील दी थी कि प्रतिबंध के कारण शहर में व्यापारिक गतिविधियां ठप हो गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसोसिएशन ने हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती दी थी और मुख्य याचिका का निपटारा दिल्ली हाईकोर्ट ने 2009 में कर दिया था।
कुतुब रोड में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की ओर से पेश वकील से कहा, ''जब मुख्य याचिका का निपटारा हाईकोर्ट द्वारा कर दिया गया है तो इस याचिका को लंबित रखने का कोई मतलब नहीं है।'' मार्च और अप्रैल 2006 में हाईकोर्ट ने कहा था कि ट्रकों को राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी रिंग रोड की परिधि में और सदर बाजार और कुतुब रोड में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
थोक बाजारों में ट्रकों के प्रवेश पर रोक
इसने दिल्ली के थोक बाजारों में ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी और इन भीड़भाड़ वाले इलाकों से सटे इलाकों में लोडिंग और अनलोडिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि उल्लंघन की स्थिति में एमसीडी परिसर को सील कर देगा।
मई, 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई पर रोक लगा दी थी और पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण को ट्रांसपोर्टरों की शिकायतों की जांच करने और दिशा-निर्देश सुझाने को कहा था।
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