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    दिल्ली में जलभराव की समस्या होगी दूर, अपनाया जाएगा ये तरीका; बजट में करोड़ों रुपये आवंटित

    दिल्ली में जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के लिए 603 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इस बजट से नालों के पुनर्निर्माण और खुले जल निकायों की सफाई जैसे काम किए जाएंगे। इससे मानसून के मौसम में जलभराव और बाढ़ की समस्या से काफी हद तक राहत मिलने की उम्मीद है।

    By Santosh Kumar Singh Edited By: Rajesh KumarUpdated: Tue, 25 Mar 2025 11:38 PM (IST)
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    दिल्ली में जलभराव की समस्या से मिलेगी मुक्ति। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो जागरण, नई दिल्ली। हर साल मानसून में दिल्लीवासियों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ता है। जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण हल्की बारिश होते ही सड़कें जलमग्न हो जाती हैं।

    वर्ष 2023 के मानसून सीजन में यमुना किनारे के इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। जलभराव व बाढ़ की समस्या के समाधान के लिए नालों के पुनर्निर्माण की घोषणा की गई है।

    सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के लिए कुल 603 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इसमें से 315 करोड़ रुपये विभिन्न योजनाओं पर खर्च किए जाएंगे। बाढ़ नियंत्रण के लिए नालों के पुनर्निर्माण की योजना भी प्रस्तावित की गई है।

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    150 करोड़ रुपये का बजट

    इस मद में 150 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य नालों की जल वहन क्षमता को बढ़ाना है, ताकि बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या को रोका जा सके। बाढ़ नियंत्रण के लिए खुले जल निकायों की सफाई और उनमें से गाद निकालने की भी सरकार योजना बना रही है।

    इसके साथ ही आधुनिक मशीनें भी खरीदी जाएंगी, ताकि जलभराव को नियंत्रित किया जा सके और बाढ़ नियंत्रण को और प्रभावी बनाया जा सके।

    एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश

    उल्लेखनीय है कि दिल्ली के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच से प्रेरित होकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजटीय प्रावधान पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 की तुलना में 31.5 प्रतिशत अधिक है।

    दिल्ली की दशा सुधारने और उसे विकास के पथ पर ले जाने के लिए पेश किया गया यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है। इसमें यमुना की सफाई, महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण, बुनियादी ढांचा विकास, पानी, सीवरेज समेत 10 क्षेत्रों पर जोर देकर राष्ट्रीय राजधानी को विकसित करने का खाका पेश किया गया है।

    बजट में जहां भाजपा के विकसित दिल्ली संकल्प पत्र की झलक दिखती है, वहीं दिल्ली को डबल इंजन की सरकार होने का लाभ भी साफ तौर पर मिलता दिख रहा है। डबल इंजन की वजह से ही दिल्ली सरकार केंद्र समर्थित कई बड़ी योजनाओं को बजट में शामिल कर पाई है।

    बजट में सरकार ने जनता के हर वर्ग को संतुष्ट करने की कोशिश की है, साथ ही जटिल समस्याओं से जूझ रहे लोगों को राहत की उम्मीद भी दिखाई है। इसमें दिल्ली को दुनिया की सबसे अच्छी राजधानी बनाने के साथ ही व्यापारियों, महिलाओं, गरीबों, छात्रों, युवाओं और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की मंशा नजर आ रही है।

    दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में लौटी भाजपा सरकार विधानसभा में बजट पेश करते हुए काफी उत्साहित नजर आई।

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