क्या दिल्ली में फिर दोहराया जाएगा भाजपा का पुराना इतिहास? AAP नेता गोपाल राय ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी
राष्ट्रीय राजधानी के लिए मुख्यमंत्री चुनने में देरी को लेकर भाजपा पर कटाक्ष करते हुए आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को भविष्यवाणी की कि दिल्ली में अगले पांच सालों में पहले की तरह फिर से तीन अलग-अलग मुख्यमंत्री देखने को मिल सकते हैं। राय ने कहा कि भाजपा अपनी निर्णायक जीत के बावजूद नेता चुनने के लिए संघर्ष कर रही है।

पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बहुमत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भीतर मंत्रिमंडल गठन को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी जारी है। इस बीच आप नेता गोपाल राय ने दिल्ली में भाजपा सरकार के पुराने इतिहास को याद दिलाया।
'पांच साल में बनेंगे तीन अलग-अलग सीएम'
राष्ट्रीय राजधानी के लिए मुख्यमंत्री चुनने में देरी को लेकर भाजपा पर कटाक्ष करते हुए आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को भविष्यवाणी की कि दिल्ली में अगले पांच सालों में पहले की तरह फिर से तीन अलग-अलग मुख्यमंत्री देखने को मिल सकते हैं।
'पार्टी के भीतर गहरा मतभेद'
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राय ने कहा कि भाजपा अपनी निर्णायक जीत के बावजूद नेता चुनने के लिए संघर्ष कर रही है, जो पार्टी के भीतर गहरे आंतरिक मतभेदों को दर्शाता है।
'AAP निभाएगी मजबूत विपक्ष की भूमिका'
उन्होंने कहा, "10 दिन बाद भी वे मुख्यमंत्री नहीं चुन पाए हैं, जो दर्शाता है कि उनके पास कोई चेहरा नहीं है। वास्तविकता यह है कि इतिहास खुद को दोहरा सकता है और हम अगले पांच सालों में तीन मुख्यमंत्री देख सकते हैं, जैसा कि दिल्ली में पिछली भाजपा सरकार के दौरान हुआ था।"
राय ने दोहराया कि आप एक मजबूत विपक्ष के रूप में काम करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि भाजपा दिल्ली के लोगों से किए गए अपने वादों को पूरा करे।
'भाजपा का चुनाव आयोग के साथ मिलीभगत'
उन्होंने कहा, "भाजपा ने चुनाव आयोग के साथ मिलीभगत करके प्रचार के दौरान अपनी सारी चालें चलीं। अपनी सारी ताकत के बावजूद दिल्ली की जनता हमारे साथ खड़ी रही और हम इसके लिए आभारी हैं।
सीटों के मामले में अंतर है, लेकिन हमने तय किया है कि आप लोगों के साथ खड़ी रहेगी और भाजपा के खिलाफ आवाज उठाएगी।"
भाजपा पर अंदरूनी सत्ता संघर्ष का आरोप
आप नेता ने भाजपा पर अंदरूनी सत्ता संघर्ष का भी आरोप लगाया और कहा कि जो भी मुख्यमंत्री बनेगा, उसे पार्टी के भीतर अन्य गुटों से प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री पद को लेकर अनिर्णय से पता चलता है कि भाजपा के भीतर कितने सत्ता समूह काम कर रहे हैं। कोई भी व्यक्ति चुना जाए, दूसरे समूह उनके नेतृत्व को बाधित करने की कोशिश करेंगे और इतिहास खुद को दोहराएगा।"
भाजपा के निर्णय का इंतजार
भाजपा द्वारा अभी तक अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवार को अंतिम रूप नहीं दिए जाने के कारण राय ने घोषणा की कि आप जमीनी स्तर पर अपने समर्थन को मजबूत करने पर काम करना शुरू कर देगी।
उन्होंने कहा, "हम अपनी योजना को अंतिम रूप देने से पहले भाजपा के निर्णय का इंतजार कर रहे थे, लेकिन हमारा धैर्य खत्म हो गया है। चूंकि वे अपने मुख्यमंत्री की घोषणा नहीं कर रहे हैं, इसलिए हम तुरंत अपना काम शुरू कर रहे हैं।"
भाजपा के पिछले शासन में बने तीन सीएम
आप के नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर राय ने कहा कि भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल की घोषणा करने के बाद ही पार्टी कोई फैसला करेगी। भाजपा 26 साल के अंतराल के बाद दिल्ली में सरकार बनाने के लिए तैयार है, जिसने आखिरी बार 1993 में विधानसभा चुनाव जीता था।
1993 से 1998 तक अपने पिछले कार्यकाल के दौरान, दिल्ली में भाजपा के मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज तीन मुख्यमंत्री रहे।
भाजपा ने हासिल की बहुमत
उल्लेखनीय है कि आप और भाजपा के बीच राजनीतिक विवाद तेज होने वाली है, भगवा पार्टी के नेतृत्व के अनिर्णय से आंतरिक संघर्ष की अटकलें बढ़ गई हैं।
हाल ही में संपन्न 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 48 सीटें हासिल कीं, जबकि आप ने 22 सीटें जीतीं। 5 फरवरी को मतदान के बाद 8 फरवरी को परिणाम घोषित किए गए। भाजपा की जीत ने राष्ट्रीय राजधानी में आप के एक दशक पुराने शासन को समाप्त कर दिया।
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