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    UP News: शराब की दुकानों के लिए मिलेंगे लाइसेंस, 27 फरवरी तक लिए जाएंगे आवेदन; पढ़ें पूरी डिटेल

    Updated: Mon, 17 Feb 2025 04:17 PM (IST)

    ग्रेटर नोएडा में 239 मिश्रित शराब दुकानों के लाइसेंस के लिए आवेदन मांगे गए हैं। अभी तक करीब एक हजार आवेदकों ने पंजीकरण कराया है। 17 से 27 फरवरी तक आवेदन और प्रोसेसिंग भुगतान समेत अन्य कार्रवाई पूरी की जाएगी। पहले चरण की प्रक्रिया के तहत चयनित आवेदकों को छह मार्च को ई-लॉटरी से दुकानें आवंटित की जाएंगी। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।

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    17 से 27 फरवरी तक आवेदन व प्रोसेसिंग भुगतान समेत अन्य कार्रवाई पूरी की जाएगी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा में 239 मिश्रित शराब दुकानों के लाइसेंस के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इसके लिए अभी तक करीब एक हजार आवेदकों ने पंजीकरण कराया है। इन शराब दुकानों का लाइसेंस एक मार्च को समाप्त हो रहा है। अब 17 से 27 फरवरी तक आवेदन व प्रोसेसिंग भुगतान समेत अन्य कार्रवाई पूरी की जाएगी। 

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    पहले चरण की प्रक्रिया के तहत चयनित आवेदकों को छह मार्च को ई-लॉटरी से दुकानें आवंटित की जाएंगी। अभी तक मौजूदा लाइसेंस का नवीनीकरण ही किया जा रहा था। छह वर्ष बाद लाइसेंस के लिए नए आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। 

    मिश्रित शराब की दुकानों के लिए 239 आवेदन आमंत्रित किए

    जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक, नई शराब नीति के तहत राज्य में खुदरा कारोबार को फिर से पटरी पर लाने के लिए विभाग ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए जिले में मिश्रित शराब की दुकानों के लिए 239 आवेदन आमंत्रित किए हैं। इसमें कंपोजिट दुकानें शुरू की गई हैं, जिसमें बीयर व आइएमएफएल देश में बनी विदेशी शराब एक साथ बेची जाएगी। 

    वहीं, वर्तमान में जिले में 146 आइएमएफएल दुकानें, 140 बीयर, 234 देशी शराब, 29 प्रीमियम शराब व 27 माडल शाप संचालित हैं। फिलहाल 29 प्रीमियम शराब दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाएगा। 

    फिलहाल पहले की तरह ही संचालित रहेंगे मॉडल शॉप 

    आबकारी अधिकारी ने बताया नई शराब नीति में बीयर व विदेशी शराब की दुकानों को सम्मलित कर दिया जाएगा। इसके साथ ही देशी शराब की दुकानों में भी बियर का काउंटर जोड़कर कंपोजिट में अपग्रेड करने का भी विकल्प दिया जाएगा। फिलहाल मॉडल शॉप पहले की तरह ही संचालित रहेंगे। 

    आबकारी अधिकारी ने बताया आवेदन शुल्क लाइसेंस शुल्क से अलग है। एक बार जब शराब की दुकान ई-लॉटरी प्रणाली से आवंटित होती है, तो लाइसेंस शुल्क जमा करना होता है। लाइसेंस की लागत उसके स्थान और अपेक्षित राजस्व के आधार पर प्रत्येक दुकान के लिए अलग-अलग होती है। बताया राज्य भर में प्रति व्यक्ति केवल दो दुकानें आवंटित होंगी।

    संशोधित शराब नीति में मिश्रित करने से घटेगी शराब दुकानों की संख्या 

    आबकारी अधिकारी ने बताया जिले में अभी शराब की कुल दुकानों की संख्या 535 है। संशोधित शराब नीति में इसे घटाकर 500 कर दिया गया है। इसके चलते अब जिले में 239 समग्र शराब की दुकानें, 234 सह-अनट्री शराब की दुकानें, 27 माडल शाप के अलावा एक भांग की दुकान रहेगी।

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    वहीं, नए लाइसेंस जारी होने पर शराब की दुकानों का स्थान भी बदल सकता है। कई स्थानों पर विदेशी और बीयर की दुकानें आसपास हैं। इन्हें एक में कर दिया जाएगा। जबकि बची दुकान का स्थान बदल दिया जाएगा।

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