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    Delhi Crime: व्हीकल फाइनेंस कराने से पहले हो जाएं सतर्क, फर्जी दस्तावेजों के जरिए ठगी करनेवाले गैंग का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

    By Rakesh Kumar Singh Edited By: Sonu Suman
    Updated: Wed, 03 Jan 2024 04:20 PM (IST)

    फर्जी दस्तावेजों के जरिए दोपहिया वाहनों के लिए ऑनलाइन लोन जारी करवा ठगी करने वाले एक गिरोह के मास्टरमाइंड समेत तीन ठग को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की आइएफएसओ यूनिट ने गिरफ्तार किया किया है। आरोपित दोपहिया वाहनों के लिए ऑनलाइन लोन देने वाली कंपनी ओटीओ कैपिटल के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के जरिये लोन जारी करवा ठगी करते थे।

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    दिल्ली में फर्जी दस्तावेजों के जरिए व्हीकल फाइनेंस कराने के नाम पर ठगी करनेवाले गैंग का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। फर्जी दस्तावेजों के जरिए दोपहिया वाहनों के लिए ऑनलाइन लोन जारी करवा ठगी करने वाले एक गिरोह के मास्टरमाइंड समेत तीन ठग को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की आइएफएसओ यूनिट ने गिरफ्तार किया किया है। आरोपित दोपहिया वाहनों के लिए ऑनलाइन लोन देने वाली कंपनी ओटीओ कैपिटल के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के जरिये लोन जारी करवा ठगी करते थे।

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    दोपहिया वाहन फाइनेंस कराने के बाद आरोपित उसे अन्य लोगों को सही दस्तावेजों के साथ बेच देते थे। इनकी निशानदेही पर एक बुलेट सहित 13 दोपहिया वाहन और लोन दिलाने आदि फर्जीवाड़ा करने के लिए इस्तेमाल किए गए दो मोबाइल बरामद किए गए हैं। आईएफएसओ ने इस तरह के गिरोह का भंडाफोड़ वित्तीय संस्थानों को मौद्रिक नुकसान से बचाने के लिए बेहतर प्रयास किया है।

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    डीसीपी डॉक्टर हेमंत तिवारी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम अंकित (सोनीपत), समीर (गुलाबी बाग) व निसार (न्यू सीलमपुर) है। दोपहिया वाहनों के लिए आनलाइन लोन प्रदान करने वाली फाइनेंस कंपनी ओटीओ ने आइएफएसओ में शिकायत कर बताया था कि कंपनी ने फरवरी 2023 से मई 2023 की अवधि के दौरान 35 दोपहिया वाहनों को फाइनेंस किया था। बाद में यह पाया गया कि लोन जाली आईडी, तस्वीरों और वीडियो काल पर सत्यापन करके जाली दस्तावेज अपलोड करके प्राप्त किए गए।

    सोनीपत का रहनेवाला है अंकित

    एडिशनल डीसीपी सुनील पांचाल के नेतृत्व में एसआई सुमित कटारिया, हवलदार मंजीत व मनोज कुमार की टीम के साथ तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए साइबर विशेषज्ञों की एक टीम को भी शामिल किया गया। शुरू में जांच के दौरान पता चला कि कुछ मोबाइल नंबरों के माध्यम से विभिन्न वाहन डीलरों ने आरोपितों को वाहन सौंपे जिन्हें ओटीओ कैपिटल से लोन के लिए आवेदन किया गया था। इन नंबरों के कॉल डिटेल रिकार्ड की जांच से पता चला कि ये मोबाइल नंबर अंकित और हर्ष के हैं। अंकित और हर्ष अन्य आरोपितों के साथ वाहनों को फाइनेंस करने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड सहित जाली और नकली दस्तावेजों का उपयोग करके एक सिंडिकेट चला रहे थे। इसके बाद गांव गुढ़ा, सोनीपत के रहने वाले अंकित को गिरफ्तार कर लिया गया।

    ब्याज के आधार पर लोन का व्यवसाय शुरू किया

    पूछताछ में पता चला कि उसने इंग्लिश आनर्स में मास्टर्स की डिग्री और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। कोरोना के दौरान उसने ब्याज के आधार पर लोन देने का व्यवसाय शुरू किया। उस अवधि के दौरान वह गुलाबी बाग के समीर उर्फ राकी के संपर्क में आया, जिसने ओटीओ कैपिटल नामक कंपनी के माध्यम से जाली और नकली दस्तावेजों पर लोन के माध्यम से वाहन प्राप्त करने की योजना शुरू की, जिसमें ज्यादातर दोपहिया वाहन थे।

    अंकित की निशानदेही पर निसार गिरफ्तार

    अंकित ने समीर को फाइनेंस करना शुरू किया और फर्जी नामों पर 35-40 दोपहिया वाहन जारी कराए और उन्हें लाभ के आधार पर निसार को बेच दिया। अंकित की निशानदेही पर निसार को न्यू सीलमपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। निसार ने बताया कि उसने वाहनों को बेचने की व्यवस्था की थी। इसके बाद समीर मनोठिया उर्फ राकी को गुलाबी बाग से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार तीनों आरोपित पहले भी आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं। इसके रैकेट में शामिल अन्य आरोपितों के बारे में पता लगा उन्हें भी गिरफ्तार किया जएगा।

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