Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    G20 Summit in Delhi: क्या है भारत की वेस्ट टू आर्ट तकनीक, दिल्ली आते ही विदेशी मेहमान जिसका करेंगे दीदार

    By Nihal SinghEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Fri, 25 Aug 2023 11:34 PM (IST)

    जी -20 शिखर सम्मेलन में आने वाले प्रतिदिन दिल्ली में आते ही एमसीडी की वेस्ट टू आर्ट तकनीक से रूबरू होंगे। इस प्रयोग को दिखाने के लिए निगम ने तैयारी की है। इसके तहत इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से बाहर निकलने के बाद महिपालपुर गोल चक्कर पर वेस्ट टू आर्ट तकनीक से रूबरू होंगे। इसके लिए महिपालपुर गोलचक्कर के सुंदरीकरण का कार्य चल रहा है।

    Hero Image
    गोलचक्कर के सुंदरीकरण का कार्य चल रहा है।

    नई दिल्ली, निहाल सिंह। जी -20 शिखर सम्मेलन में आने वाले प्रतिदिन दिल्ली में आते ही एमसीडी की वेस्ट टू आर्ट तकनीक से रूबरू होंगे। इस प्रयोग को दिखाने के लिए निगम ने तैयारी की है। इसके तहत इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से बाहर निकलने के बाद महिपालपुर गोल चक्कर पर वेस्ट टू आर्ट तकनीक से रूबरू होंगे। इसके लिए महिपालपुर गोलचक्कर के सुंदरीकरण का कार्य चल रहा है। इसमें भारतीय संगीत की संस्कृति को प्रस्तुत किया गया है, जहां सीतार और तबला बजाते हुए कलाकृति है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    खास बात यह है कि यह सब निगम ने अपने स्टोर में पड़े कबाड़ जैसे रेहडी, टीन, पंखे, लोहे के गेट आदि को हटाकर बनाया है। इसमें लाइटिंग और स्वागत सुंदर दिखने वाले हाथ भी लोगों को दूर से ही अपनी ओर आकर्षित करेंगे।

    31 अगस्त तक पूरा होगा काम

    निगम अधिकारी ने बताया कि 31 अगस्त तक यह कार्य पूरा हो जाएगा। चूंकि एयरपोर्ट से निकलने के बाद महिलपालपुर गोलचक्कर से होकर लोग गुजरते हैं तो उन्हें यह अपनी ओर आकर्षित करेगा। इसी तरह निगम ने प्रगति मैदान के पास स्टार्ट अप इंडिया में भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे यूनिकार्न भी भैरो मार्ग पर लगाए हैं। भारत मंडपम में जी20 शिखर सम्मेलन में जाने के दौरान प्रतिनिधि इससे रूबरू होंगे।

    दिल्ली नगर निगम ने वेस्ट टू आर्ट तकनीक का अनुभव प्रयोग वर्ष 2018 में वेस्ट टू वंडर पार्क बनाकर पेश किया था। इसमें दुनिया के सात अजूबों की प्रतिकृतिया इसी कबाड़ से बनाई गई है। यह पार्क सराय काले खां के पास निजामुद्दीन में बना। पार्क इतना लोकप्रिय हो गया कि सात करोड़ की लागत को टिकट राशि के जरिये निगम ने इसे एक साल में ही वसूल कर लिया। अब यह दिल्ली के एक प्रमुख स्थल के तौर पर जाना जाता है।

    वेस्ट टू वंडर पार्क प्रसिद्ध होने के बाद एमसीडी ने भारत दर्शन, शहीदी पार्क जैसे दो और पार्क बना दिए है। निगम का यह प्रयोग केंद्र सरकार को भी पंसद आया है। इसलिए इसे स्वच्छ सर्वेक्षण में भी शामिल किया गया है। ऐसा पार्क बनाने पर स्थानीय निकाय को 100 अंक अतिरिक्त दिए जाएंगे।

    रिपोर्ट इनपुट- निहाल सिंह