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    G-20 Summit in Delhi: गलियों-सड़कों के किनारे रखे जा रहे गमले, पौधों को तरोताजा रखने के लिए किया जा रहा ये काम

    G-20 Summit। जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल की साज-सज्जा में देश के अन्य हिस्सों से भी पेड़-पौधे मंगाए जा रहे हैं। चूंकि दिल्ली में अभी का फूलों का मौसम नहीं है तो ऐसे पौधे भी अलग-अलग राज्यों से मंगाए जा रहे हैं। खास यह है कि दूर-दराज से आ रहे यह पेड़-पौधे और फूल मुरझाए नहीं इसके लिए इन पर कुछ रसायनों का छिड़काव भी किया जा रहा है।

    By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Fri, 25 Aug 2023 08:26 AM (IST)
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    गलियों-सड़कों के किनारे रखे जा रहे गमले, पौधों को तरोताजा रखने के लिए किया जा रहा ये काम

    नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। G-20 Summit। जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल की साज-सज्जा में देश के अन्य हिस्सों से भी पेड़-पौधे मंगाए जा रहे हैं। चूंकि दिल्ली में अभी का फूलों का मौसम नहीं है, तो ऐसे पौधे भी अलग-अलग राज्यों से मंगाए जा रहे हैं। खास यह है कि दूर-दराज से आ रहे यह पेड़-पौधे और फूल मुरझाए नहीं, इसके लिए इन पर कुछ रसायनों का छिड़काव भी किया जा रहा है।

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    जी-20 सम्मेलन की तैयारी में यूं तो पीडब्ल्यूडी, एनडीएमसी और डीडीए का उद्यान विभाग बड़ा रोल अदा कर रहे हैं, लेकिन नोडल एजेंसी के तौर पर वन विभाग महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। वन विभाग को अपना काम पूरा करने के लिए एक सितंबर तक का समय दिया गया है।

    रास्तों में रखे जा रहे गमले

    वन विभाग राष्ट्राध्यक्षों के गुजरने वाले मार्गों पर छोटे व मध्यम आकार के गमले रखवा रहा है। चुनिंदा जगहों पर बांस के पौधे लगवाए जा रहे हैं। अलग-अलग जगह फूलों वाले पौधे भी लगाए जा रहे हैं।

    यमुना में आई बाढ़ से बर्बाद हुए पेड़-पौधे

    10 हजार बड़े आकार के गमले मुख्य सचिव नरेश कुमार के सहयोग से एक कॉरपोरेट हाउस के सीएसआर फंड में मंगवाए गए हैं, इन्हें भी प्रमुख स्थानों पर रखवाया जा रहा है। बताया जाता है कि 60 से 70 प्रतिशत तक काम पूरा किया जा चुका है। पिछले दिनों यमुना में आई बाढ़ में डूब क्षेत्र व नर्सरी दोनों ही जगह लगे पेड़-पौधे बड़े पैमाने पर बर्बाद हो गए थे।

    अन्य राज्यों से मंगाए जा रहे पौधे

    ऐसे में जी-20 की जरूरतों को पूरा करने के लिए देश के अन्य राज्यों से इनकी आपूर्ति करवाई जा रही है। मसलन बांस और डोंटटा के पौधे असम से मंगवाए गए हैं। वहीं, फूलों वाले पौधे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से मंगाए गए हैं। चूंकि यह पौधे ट्रकों में लंबी दूर तय करके आ रहे हैं और बिना धूप-पानी के इनके सूखने या मुरझाने की आशंका है, इन पर हार्मोंस रसायन का छिडकाव किया जा रहा है।

    वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एक लीटर पानी में एक मिली हार्मोंस मिला पानी छिड़कने से पौधे मुरझाते नहीं हैं।

    जैसे-जैसे जी-20 सम्मेलन का समय पास आ रहा है, हमारा काम भी जोर पकड़ता जा रहा है। सिर्फ गमले रखवाना ही नहीं, बल्कि उनमें लगे पौधों और फूलों को तरोजाता भी बनाए रखना है। इसके लिए भी सभी संभव उपाय किए जा रहे हैं और गमलों को कोई क्षति न पहुंचे, इस पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है। -सीडी सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन विभाग, दिल्ली सरकार।