होटलों की छतों पर कमांडों, बदली हुई पुलिस की वर्दी... G20 के दौरान दिल्ली में परिंदा भी नहीं मार पाएगा पर
आठ सितंबर से शुरू होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। जैसे-जैसे समय नजदीक आता जा रहा है अधिकारियों में हलचल बढ़ती जा रही है। सम्मेलन के दौरान राष्ट्राध्यक्षों उनके मंत्रियाें व अंतरराष्ट्रीय संगठनों के पदाधिकारियों के बीच पुलिस अधिकारी किन कपड़ों में नजर आएं। वहीं किस हाेटल में किस राष्ट्राध्यक्ष को ठहराया जाएगा इस सूचना को अति गोपनीय रखा जा रहा है।
नई दिल्ली, राकेश कुमार सिंह। आठ सितंबर से शुरू होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। जैसे-जैसे समय नजदीक आता जा रहा है, अधिकारियों में हलचल बढ़ती जा रही है। सम्मेलन के दौरान राष्ट्राध्यक्षों, उनके मंत्रियाें व अंतरराष्ट्रीय संगठनों के पदाधिकारियों के बीच पुलिस अधिकारी किन कपड़ों में नजर आएं। इसको लेकर विचार विमर्श जारी है।
आला अधिकारियों ने ली बैठक
बुधवार को पुलिस मुख्यालय में पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के साथ आला अधिकारियों की बैठक में बात रखी गई कि डीसीपी व उनसे ऊपर के अधिकारी एसपीजी जैसे कपड़े पहन सकते हैं। ऐसे में डीसीपी से विशेष आयुक्त रैंक के अधिकारी कोट, पेंट और टाई में नजर आ सकते हैं। डीसीपी श्वेता चौहान को इस संबंध में कोऑर्डिनेट करने को कहा गया है।
मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक, प्रगति मैदान स्टेडियम के अंदर, बाहर व होटलों के अंदर ड्यूटी करने वाले दिल्ली पुलिस की सुरक्षा यूनिट के सभी अधिकारी व पुलिसकर्मी ग्रे रंग के सफारी सूट तो पहनेंगे ही, साथ ही सम्मेलन के दौरान इस यूनिट के लिए ड्यूटी करने वाले अन्य कर्मी भी ग्रे रंग का सफारी सूट में नजर आएंगे।
बड़ी संख्या में जिले व अन्य यूनिटों के कर्मियों को कुछ समय के लिए अस्थायी तौर पर सुरक्षा यूनिट में तैनाती की गई है। प्रगति मैदान परिसर के बाहर, सड़कों व होटलों के बाहर ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी खाकी वर्दी में ही नजर आएंगे। सम्मेलन का समय बहुत नजदीक आ गया है, ऐसे में हजारों की संख्या में पुलिसकर्मियों के कपड़े कहां व कैसे सिलाए जाएंगे, इसको लेकर काफी दिक्कत आ सकती है। अब तक पुलिसकर्मी मुख्यालय से कपड़े ही प्राप्त कर रहे हैं।
किस होटल में रुकेंगे कौन-से राष्ट्रअध्यक्ष?
किस हाेटल में किस राष्ट्राध्यक्ष को ठहराया जाएगा, इस सूचना को अति गोपनीय रखा जा रहा है। विदेश मंत्रालय के अधिकारी व दिल्ली पुलिस सुरक्षा यूनिट के अधिकारी समेत कुछ एजेंसियों के चुनिंदा अधिकारियों के पास ही यह जानकारी है।
निचले रैंक के कर्मियों से यह जानकारी साझा नहीं की जा रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि सुरक्षा संबंधी कोई जानकारी लीक न हो और उसका खामियाजा भुगतना न पड़ जाए। जिस हाेटल में जितने बड़े राष्ट्र के राष्ट्राध्यक्ष ठहरेंगे उसी के अनुरूप होटलों की सुरक्षा रखी जाएगी। हर होटल में कई-कई स्तर की सुरक्षा रहेगी।
होटल की लिफ्ट राष्ट्राध्यक्षों व अन्य विदेशी मेहमानों के लिए आरक्षित रखी जाएगी, कुछ होटल कर्मचारियों, ऑपरेशनल सेवाओं व एक लिफ्ट आपातकाल के लिए रिजर्व रखी जाएगी जो सुरक्षाकर्मियाें के हवाले होगी।
छतों पर कमांडों रहेंगे तैनात
होटल के अंदर व बाहर कई स्तर की सुरक्षा के बंदोबस्त होंगे। दिल्ली पुलिस के अलावा, पैरा मिलिट्री, एनडीआरएफ, एनएसजी, आर्मी, एंटी ड्रोन सिस्टम, SWAT दस्ता, फायर बिग्रेड, एम्बुलेंस और बम निरोधक दस्ता की 24 घंटे तैनाती की जाएगी। हर दिन सुरक्षा जांच की जाएगी।
छतों पर कमांडो तैनात किए जाएंगे, जो अत्याधुनिक हथियारों व दूरबीन से लैस रहेंगे। यानी किसी भी तरह के आतंकी, जैविक, ड्रोन व हवाई हमले को विफल करने के लिए हर होटल में उसकी व्यवस्था की गई है। जिस देश के राष्ट्राध्यक्ष जिस होटल में ठहरेंगे, वहां उस देश के भी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती रहेगी।
अगर कम पड़ गए होटल...
दिल्ली में स्थित सभी राज्यों के भवनों के शीर्ष अधिकारियों से कहा गया है कि वे उन्हें जल्द से जल्द यह बताएं कि वे सम्मेलन के दौरान जरूरत पड़ने पर कितने कमरे विदेशी मेहमानों के लिए दे सकते हैं। अगर होटल कम पड़ेंगे तब वहां भी विदेशी मेहमानों को ठहराया जा सकता है। उधर, दिल्ली के सभी 23 होटलों को सुरक्षा यूनिट ने अभी ही अपने कब्जे में ले लिया है। हर दिन सुरक्षा यूनिट के अधिकारी होटलों की जांच कर रहे हैं।
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