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    G20 Summit in Delhi: जी-20 के लिए ASI ने किया स्मारक तैयार, मेहमानों को दिखाने के लिए दिशा-निर्देश का इंतजार

    By V K ShuklaEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Sun, 27 Aug 2023 01:36 PM (IST)

    जी-20 को देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने स्मारक तैयार कर दिए हैं। यहां साफ सफाई से लेकर रंगरोगन तक का काम पूर कर लिया गया है। प्रमुख रूप से लालकिला कुतुबमीनार और हुमायूं के मकबरे में व्यवस्थाएं बेहतर की गई हैं। पुराना किला में भी खोदाई स्थल को फिर से खोलने के लिए हट बनाकर ढंक दिया गया है।

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    एएसआई ने स्मारक तैयार कर दिए हैं।

    नई दिल्ली, वीके शुक्ला। जी-20 को देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने स्मारक तैयार कर दिए हैं। यहां साफ सफाई से लेकर रंगरोगन तक का काम पूर कर लिया गया है। प्रमुख रूप से लालकिला, कुतुबमीनार और हुमायूं के मकबरे में व्यवस्थाएं बेहतर की गई हैं।

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    पुराना किला में भी खुदाई स्थल को फिर से खोलने के लिए हट बनाकर ढंक दिया गया है। मेहमानों के लिए पुराना किला में लाइट एंड साउंड शो भी तैयार कर दिया गया है। एएसआइ को अब दिशा निर्देश का इंतजार है। एएसआइ का कहना है कि जैसे ही निर्देश आते हैं हम विदेशी मेहमानों काे स्मारक दिखा सकेंगे।

    दिल्ली में एएसआइ के 174 स्मारक हैं, इसमें से 11 में टिकट लगता है। इसमें तीन विश्व धरोहर कुतुबमीनार, हुमायूं का मकबरा और लालकिला शामिल हैं। मेहमानों के लिहाज से पुराना किला का महत्व भी इसलिए बढ़ जाता है कि यहां पर भारत के प्राचीन इतिहास के पुरातात्विक दस्तावेज जुटाने के लिए खुदाई हो रही है। यहां पांच हजार साल पुराना भारत का इतिहास ढूंढा जा रहा है। जो पांडवों के किला इंद्रप्रस्थ से संबंधित है।

    महाभारत काल से भी कनेक्शन

    1955 के बाद से अब पांच बाद हाे चुकी खुदाई में अब तक इस कार्य में कुछ हद तक सफलता भी मिल चुकी है। यहां जनवरी से कुंती मंदिर स्थल पर हुई खुदाई में प्रारंभिक कुषाण काल की संरचनाएं मिली हैं। इस उत्खनन से इंद्रप्रस्थ के प्राचीन शहर के बारे में और जानकारी मिलने की उम्मीद है। यहां नौ सांस्कृतिक काल के प्रमाण मिले हैं। यह पांचवी बार उत्खन्न किया गया है।

    दिल्ली में ये एकमात्र पुरातात्विक स्थल है, जिसका संबंध महाभारत काल से है। पुराना किला में उत्खन्न के दौरान पूर्व मौर्य काल, मौर्य काल, शुंग, कुषाण काल, गुप्त,उत्तर गुप्त, राजपूत काल, सल्तनत व मुगल काल के अवशेष प्राप्त हो चुके हैं। यह किला जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल प्रगति मैदान से काफी नजदीक है एेसे में माना जा रहा है कि अतिथि यहां पहुंच सकते हैं।

    मेहमानों के लिए पुराना किला में लाइट एंड साउंड शो तैयार

    मेहमानों के लिए पुराना किला में लाइट एंड साउंड शो भी तैयार कर लिया गया है। यह कार्यकम आधे घंटे का होगा। पुराना किला में अब पांडवकालीन इतिहास भी देखने को मिल सकेगा। शुरू होने जा रहे लाइट एंड साउंड शो में पांडवों के समय के इतिहास को भी दिखाए जाने की तैयारी है।

    इसके साथ ही मौर्य, कुषाण के लेकर शेर शाह सूरी और हुमायूं से लेकर अकबर के पुराना किला से संबंधित इतिहास दिखाया जाएगा। आईटीडीसी (इंडियन टूरिज्म डवपलमेंट कार्पोरेशन) इस लाइट एंड साउंड शाे को हुमायूं के दरवाजे पर फिट कर चुका है। दरवाजे के पास लोहे के दो मोटे पाेल पर चार प्रोजक्टर लगाए गए हैं। हुमायूं के दरवाजे के खुले भागों पर परदे लगाए गए हैं, अलग अलग भागों में लाइटें लगाई गई हैं।

    ताज महल और कुतुबमीनार भी तैयार

    ताज महल के बाद हुमायूं का मकबरा ऐसी विश्व धरोहर है जहां बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं। पूर्व में दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष यहां पहुंचते रहे हैं। 23 साल पहले अमेरिकी राष्ट्रपति भारत भ्रमण में हुमायूं का मकबरा देखने आए थे। लालकिला, कुतुबमीनार में दूसरे देशों के पर्यटकों में दिलचस्पी रहती है। अतिथियों के यहां पहुंचने की संभावना के चलते पर्यटको के लिहाज से यहां सभी काम करा लिए गए हैं।

    रिपोर्ट इनपुट- वीके शुक्ला