Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi: पुराना किला में कुंती के चरणों में इंद्रप्रस्थ ढूंढ रहा ASI, पहले की खोदाई में मिल चुके हैं कई प्रमाण

    इस बार दो अलग अलग स्थानों पर खाेदाई शुरू कराई गई है। एक साइट कुंती देवी मंदिर पर है ताे दूसरी साइट पुराना किला में पीछे की ओर शेर मंडल के पास है जहां पर 2017-18 में खोदाई हुई थी।

    By V K ShuklaEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 07 Feb 2023 08:55 AM (IST)
    Hero Image
    Delhi: पुराना किला में कुंती के चरणों में इंद्रप्रस्थ ढूंढ रहा ASI

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पुराना किला में इस बार कुंती देवी मंदिर के पास खोदाई कर इंद्रप्रस्थ की राजधानी इंद्रप्रस्थ ढूंढी जाएगी।इसके लिए चार ट्रैंच (गड्ढे) खाेदाने की शुरुअात की गई है।भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की महानिदेशक की अनुमति मिलने के बाद अधिकारियों ने खोदाई के लिए यह नई साइट भी तय की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पुराना किला के अंदर कुंती देवी मंदिर है, इस मंदिर पर लगे पत्थर के अनुसार 1915 में इस मंदिर का जीर्णोंद्धार कराया गया है।मंदिर के पुजारी का दावा है कि 1880 से उनके पूर्वज इस मंदिर की देखरेख कर रहे हैं।हालांकि एएसआइ मंदिर के पास खाेदाई को केवल संयोग मान रहा है।

    पांडवों की राजधानी थी इंदप्रस्थ

    बता दें कि पुराना किला में पांडवों की राजधानी इंदप्रस्थ ढूढने के लिए हाे रही खोदाई में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) इस बार ईसा पूर्व 900 सालों से आगे बढ़ने जा रहा है। इस बार दो अलग अलग स्थानों पर खाेदाई शुरू कराई गई है। एक साइट कुंती देवी मंदिर पर है ताे दूसरी साइट पुराना किला में पीछे की ओर शेर मंडल के पास है जहां पर 2017-18 में खोदाई हुई थी। उस समस खोदाई के बाद इन्हें संरक्षित कर दिया गया था।

    एएसआइ ने इन गड्डों की मिट्टी निकालकर अब आगे बढ़ना शुरू कर दिया है।खोदाई कर टीम इसी उम्मीद से आगे बढ़ रही है कि जल्द ही कुछ न कुछ यहा जरूर मजबूत प्रमाण मिलेंगे।1955 के बाद यह पहला मौका होगा जब खोदाई को लेकर एएसआइ आरपार की लड़ाई के मूड में है, एएसअाइ चाहता है कि इस बार किसी निष्कर्ष पहुंचा जाना चाहिए।

    दरअसल यहां वे चित्रित मृदभांड मिले हैं, जिन्हें महाभारत काल का माना जाता है।यही चित्रित मृदभांड हस्तिनापुर और लाक्षागृह आदि के आसपास हुई खोदाई में भी मिले है।यही वह ताकत है जो एएसअाइ का यहां खोदाई कराने का हौसला बढ़ा रही है।यहां 1955 से लेकर अब तक पांचवीं बार खोदाई शुरू हुई है।

    2017-18 में हुई खाेदाई के बंद होने के दौरान तक मौर्य काल से पहले की परतों के प्रमाण मिले थे।एएसआइ का कहना है कि इस बार की खोदाई के दौरान उन चित्रित मृदभांड से संबंधित कार्य को पूरा करने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।जिसे पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ के समय के होने के रूप में पहचाना गया है।पुराना किला में पहले की खोदाई में 2500 वर्षों का एक निरंतर निवास स्थान होने के प्रमाण मिल चुके हैं।