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    फर्नीचर डिजाइनिंग के फील्ड में बनाएं अपना करियर, संभावनाओं का बढ़ता संसार

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Wed, 16 Dec 2020 04:21 PM (IST)

    हाल ही में दुनिया के फर्नीचर बाजार में निर्यात संभावनाएं तलाशने के लिए बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी के बाद माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस फील्ड में फर्नीचर डिजाइनर्स के लिए तेजी से अवसर बढ़ेंगे...

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    इंटीरियर डिजाइनिंग पाठ्यक्रम के अंतर्गत भी इसकी पढ़ाई कराई जाती है।

    नई दिल्ली, जेएनएन। बड़े होटलों, कॉरपोरेट कंपनियों से लेकर फ्लैट्स और घरों में सजावट के लिए डिजाइनर फर्नीचर की बढ़ती मांग को देखते हुए केंद्र व राज्य सरकारों का इनदिनों फर्नीचर उद्योग पर काफी जोर है। विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में फर्नीचर का संगठित बाजार अभी तकरीबन 5 अरब डॉलर (करीब 3.68 खरब रुपये) का है। इसमें से 1.6 अरब डॉलर (करीब 1.18 खरब रुपये) का भारत निर्यात करता है, जिसे आगे और अधिक बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में फर्नीचर सेक्टर में घरेलू बाजार एवं निर्यात की नई संभावनाओं का जो परिदृश्य उभरकर सामने आ रहा है, उससे नि:संदेह इस क्षेत्र में करियर के अवसर बढ़ेंगे। गौरतलब है कि देश में फर्नीचर उद्योग के विकास के मद्देनजर सरकार द्वारा दो बड़े लक्ष्यों के लिए नई रणनीति बनाई गई है।

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    एक, देश में चीन से होने वाले लगभग एक अरब डॉलर (करीब 73.56 अरब रुपये) के फर्नीचर आयात को कम करने के मद्देनजर आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश के फर्नीचर उद्योग को हरसंभव प्रोत्साहन देना और दो, वैश्विक फर्नीचर निर्यात बाजार में भारत की हिस्सेदारी एक फीसद से अधिक करने तथा भारत से किए जा रहे फर्नीचर निर्यात के आकार को तेजी से बढ़ाना। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पिछले दिनों केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने रणनीतिक कदम आगे बढ़ाए हैं। जिस तरह चीन का फर्नीचर सेक्टर अपने विशालकाय फर्नीचर क्लस्टर के कारण दुनिया भर में सबसे आगे है, उसी आधार पर अब भारत में भी फर्नीचर क्लस्टर स्थापित करने की रणनीति सुनिश्चित की गई है। साथ ही, घरेलू बाजार पर चीनी फर्नीचर के दबदबे को खत्म करने के लिए फर्नीचर आयात पर लगने वाले शुल्क में 15 फीसद तक की बढ़ोत्तरी की गई है। इसके अलावा, फर्नीचर पाट्र्स के आयात पर लगने वाले शुल्क में भी 15 फीसद का इजाफा किया गया है।

    आकर्षक संभावनाएं: ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 तक देश की फर्नीचर इंडस्ट्री करीब 50 अरब डॉलर (लगभग 36.78 खरब रुपये) के आकार की ऊंचाई पर पहुंच सकती है। जाहिर है बाजार के कई गुना बढ़ने से इस सेक्टर में करियर के मौके भी उसी अनुपात में बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। वहीं, दूसरी ओर लोगों की बढ़ती रचनात्मक पसंद, खर्च करने की बेहतर क्षमता और बाजार में उपलब्ध बेहतरीन डिजाइन के चलते सभी बड़े होटलों एवं हाउसिंग प्रोजेक्ट से लेकर घरों में लगने वाले डिजाइनर फर्नीचर की मांग लगातार बढ़ रही है। इससे घरेलू बाजार में भी फर्नीचर सेक्टर की काफी जरूरत देखी जा रही है। गौरतलब है कि अभी भारत अपना अधिकांश ब्रांडेड फर्नीचर मुख्य रूप से चीन, वियतनाम, इंडोनेशिया, इटली तथा थाईलैंड से आयात करता है। लेकिन अब फर्नीचर आयात में कमी करके घरेलू बाजार में ही मैन्यूफैक्चरिंग को प्रोत्साहन देने से इस सेक्टर में करियर के मौके पहले से कहीं ज्यादा बढ़ेंगे।

    जॉब्स के मौके: फर्नीचर की नई-नई डिजाइनों और विविध उपयोगिताओं के कारण फर्नीचर सेक्टर में रोजगार और स्वरोजगार के मौके तेजी से बढ़ रहे हैं। इनमें फर्नीचर डिजाइनिंग और मार्केटिंग से संबंधित विभिन्न तरह के करियर के मौके हैं। किसी प्रतिष्ठित संस्थान से फर्नीचर डिजाइनिंग का कोर्स करने के बाद इस फील्ड में डिजाइनर के रूप में फर्नीचर निर्माण क्षेत्र की तमाम देसी-विदेशी कंपनियों में अपने लिए जॉब तलाश सकते हैं। अगर आप अपना स्वयं का रोजगार शुरू करना चाहते हैं, तो डिग्री या डिप्लोमा के आधार पर बैंक से ऋण मिल जाता है। कई प्रशिक्षण संस्थान भी इस फील्ड के अनुभवी लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया करा रहे हैं। कुल मिलाकर, इस फील्ड में डिजाइनिंग की गुणवत्ता और अनुभव में सुधार लाकर करियर के साथ-साथ अच्छी कमाई की जा सकती है।

    बुनियादी कौशल : फर्नीचर डिजाइनर का काम एक बेजान लकड़ी में जान डालकर उसे बदलते बाजार के अनुरूप आकर्षक रूप देना होता है, इसलिए फर्नीचर डिजाइनिंग के क्षेत्र में काम करने के लिए मार्केट में डिजाइनिंग को लेकर क्या कुछ नया किया जा रहा है, उस ओर हमेशा पैनी नजर रखनी होती है। ऐसे में इसके लिए रचनात्मक और कलात्मक पहलू का मजबूत होना बहुत जरूरी है, तभी इस फील्ड में आप तेजी से आगे बढ़ पाएंगे। कंप्यूटर तथा कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी होने से और फायदा हो सकता है।

    फर्नीचर डिजाइनिंग के कोर्स: फर्नीचर डिजाइनिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास है। देश में इसके लिए प्रतिष्ठित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइनिंग संस्थान समेत कई संस्थान हैं, जहां फर्नीचर डिजाइनिंग का संपूर्ण पाठ्यक्रम कराया जाता है। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए फर्नीचर डिजाइनिंग में र्सिटफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री के साथ-साथ पोस्ट ग्रेजुएशन के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। साथ ही, इंटीरियर डिजाइनिंग पाठ्यक्रम के अंतर्गत भी इसकी पढ़ाई कराई जाती है।

    डॉ. जयंतीलाल भंडारी

    (वरिष्ठ करियर विशेषज्ञ)

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