ब्रिटेन के साथ ही Free Trade Agreement से चांदनी चौक के व्यापारियों को मिलेगा बड़ा बाजार
चांदनी चौक के ज्वेलर्स और परिधान कारोबारियों को ब्रिटेन के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से बड़ी उम्मीदें हैं। एफटीए से दिल्ली-एनसीआर के एमएसएमई उद्यमियों को नया वैश्विक बाजार मिलने वाला है जिससे औद्योगिक क्षेत्रों में तेजी आएगी। वस्त्र रत्न आभूषण ऑटोमोबाइल पार्ट्स और आईटी जैसे क्षेत्रों में भी भारी लाभ की संभावना है। युवाओं के लिए नौकरी के नए अवसर खुलेंगे।

नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। चांदनी चौक में ज्वेलरी के थोक बाजार दरीबा के ज्वेलर्स तरुण गुप्ता भविष्य को लेकर काफी आशांवित हैं, क्योंकि ब्रिटेन के साथ हाल ही में हुए Free Trade Agreement (FTA) से उनके उत्पादों को बड़ा बाजार मिलने वाला है।
कुछ माह पूर्व उनके बेटे ने ज्वेलरी निर्यात को लेकर फर्म बनाई है, जिससे कनाडा और अमेरिका तक पहुंच बनी है, अब ब्रिटेन से भी संभावना जागी है। वह कहते हैं कि वहां भारतीय मूल के काफी लोग हैं, जिन्हें भारतीय डिजाइन वाली ज्वेलरी पसंद है।
अभी तक वे चांदनी चौक आने पर ही ज्वेलरी लेते थे, अब ब्रिटेन के बाजार तक वह सीधे पहुंच सकेंगे। इसी तरह, चांदनी चौक के परिधान कारोबारी भी खुश है, क्योंकि FTA से ब्रिटेन में उनके निर्यात में तीन से चार गुना तक की बढ़ोतरी होगी।
दिल्ली हिंदुस्तानी मर्केंटाइल एसोसिएशन के महामंत्री श्रीभगवान बंसल के अनुसार एफटीए से वह कारोबार 500 करोड़ रुपये सालाना तक पहुंचने की उम्मीद लगा रहे हैं। एफटीए से दिल्ली के उद्यमी, व्यापारी व निर्यातक के साथ पेशेवर अपनी-अपनी संभावनाएं टटोल रहे हैं।
पीएचडी चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के अध्यक्ष हेमंत जैन के अनुसार, ब्रिटेन के साथ एफटीए से झंडेवाला फ्लैटेड फैक्ट्री, जीटी करनाल रोड औद्योगिक क्षेत्र, नरेला, बवाना, मायापुरी व ओखला समेत अन्य औद्योगिक क्षेत्र को फायदा होने वाला है।
इन औद्योगिक क्षेत्रों में कपड़ा, चमड़े के सामान, इलेक्ट्राॅनिक्स और ऑटोमोटिव कंपोनेंट आदि जैसी वस्तुओं का उत्पादन करने वाली हजारों फैक्ट्रियां हैं।
खासकर दिल्ली-एनसीआर के हजारों एमएसएमई उद्यमियों को नया वैश्विक बाजार मिलने वाला है, जिनके उत्पाद सस्ते और गुणवत्ता में कहीं बेहतर हैं।
एफटीए के तहत उदार सीमा शुल्क प्रक्रियाओं के कारण एनसीआर के हजारों एमएसएमई आसानी से यूके के बाजार तक पहुंच पाएंगे और निर्यात फर्मों के पंजीकरण में वृद्धि होगी।
परिधानों के बड़े क्लस्टर गांधी नगर, टैंक रोड के साथ ही फैशन चप्पलों का औद्योगिक क्लस्टर मादीपुर बड़े विस्तार के तौर पर देख रहा है। औद्योगिक क्षेत्र भी पीछे नहीं है। नोएडा व मानेसर के गारमेंट निर्माताओं के उत्पादों की आसान पहुंच होगी।
हेमंत जैन के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के आटोमोटिव हब (मानेसर, गुरुग्राम, भिवाड़ी) को आटोमोटिव पार्ट्स पर कम टैरिफ का लाभ मिलेगा।
कंपोनेंट निर्माताओं के निर्यात में वृद्धि होगी। विशेष रूप से ईवी पार्ट्स, इलेक्ट्रिकल्स मामले में जो यूके की असेंबली लाइनों को अधिक निर्यात कर रहे हैं। इसी तरह नोएडा व गुरुग्राम के आइटी फर्म को भी यूके के बाजारों और ग्राहकों तक बेहतर पहुंच का लाभ मिलेगा।
कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री व चांदनी चौक के सांसद प्रवीन खंडेलवाल के अनुसार, यह समझौता वस्त्र, रत्न , आभूषण, चमड़े के उत्पाद, ऑटोमोबाइल पार्ट्स के दिल्ली-एनसीआर के उत्पादकों व विक्रेताओं को सीधे लाभ पहुंचाएगा। इसी तरह, आईटी, विधि, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे सेवा क्षेत्र को भी भारी लाभ मिलेगा।
ब्रिक्स चैंबर आफ कामर्स एंड इडस्ट्री के उपाध्यक्ष समीप शास्त्री के अनुसार, एफटीए से दिल्ली के पेशेवर युवाओं के लिए ब्रिटेन में नौकरी के नए द्वार खोलेगा। इसी तरह, ब्रिटेन की व्हिस्की तथा लग्जरी कारों की उपलब्धता बढ़ेगी। गुरुग्राम के आईटी सेक्टर में उछाल आएगा।
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