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    Delhi News: डीडीएमए की बैठक में लिए गए 4 बड़े फैसले, 2 करोड़ दिल्ली वालों को मिली बड़ी राहत

    Omicron Wave दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की एक अहम बैठक बृहस्पतिवार को हुई जिसमें मास्क नहीं लगाने पर चालान नहीं करने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी अब तक मास्क ना पहनने पर 500 रुपये फाइन लगता था।

    By Jp YadavEdited By: Updated: Fri, 01 Apr 2022 05:14 AM (IST)
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    Delhi News: डीडीएमए की बैठक में लिए गए 4 बड़े फैसले, 2 करोड़ दिल्ली वालों को मिली बड़ी राहत

    नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बृहस्पतिवार को हुई एक अहम बैठक में कई बड़े और जनहितकारी निर्णय लिए गए हैं, जिससे दिल्ली के 2 करोड़ लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। डीडीएमए की अहम बैठक में सबसे बड़ा फैसला यही हुआ है कि अब दिल्ली में मास्क नहीं पहनने पर लगने वाला जुर्माना खत्म होगा। अब तक  मास्क नहीं पहनने की सूरत में 500 रुपये के जुर्माने का प्रविधान था, जिसे अब खत्म कर दिया गया है। इससे भी पहले मास्क नहीं पहनने पर 2000 रुपये के जुर्माने का प्रविधान था। इसे डीडीएमए की पिछली बैठक में खत्म किया गया था। अब ताजा फैसले में मास्क नहीं लगाने की छूट मिल गई है। वैसे जानकारों की मानें तो कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ मास्क सबसे बड़ा हथियार है और आगे भी रहेगा। 

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    यहां पर बता दें कि उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अहम बैठक हुई, जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। दिल्ली में कोरोना की स्थिति और टीकाकरण की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि अब मास्क नहीं पहनने पर कोई जुर्माना नहीं वसूला जाएगा।  इस बीच चीन के अलावा दक्षिण एशिया और यूरोप के कई देशों में ओमिक्रोन का ताजा वैरिएंट कहर बरपा रहा है। वहीं, बढ़ते मामलों के मद्देनजर डीडीएमए ने यह फैसला भी लिया है कि देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी एक्ट अभी बरकरारा रहेगा, ताकि कोरोना जांच और टीकाकरण भी जारी रहे।

    डीडीएमए की बैठक में लिए गए ये 4 बड़े फैसले

    1. देश की राजधानी दिल्ली में अब मास्क नहीं लगाने पर ना कोई चालान किया जाएगा और ना ही जुर्माना ही भरना होगा

    2. डीडीएमए की बैठक में 500 रुपये का जुर्माना भी खत्म कर दिया गया है

    3. एहतियात के तौर पर डाक्टरों, प्रयोगशालाओं और स्वैच्छिक नेटवर्क के जरिये विशिष्ट बीमारियों / स्थितियों की निगरानी की जाएगी

    4. यह भी निर्णय लिया गया है कि महामारी एक्ट जारी रहेगा, ताकि कोरोना जांच और टीकाकरण भी जारी रहे, जो कोरोना से जंग में अब भी सबसे बड़ा और अहम हथियार साबित हो रहा है।  

    वहीं, डीडीएमए की बैठक में कई निर्णय के साथ दिल्ली में कोरोना की स्थिति के पूरी तरह से नियंत्रण में होने और संक्रमण दर 0.5 प्रतिशत के आसपास होने पर संतोष जताया गया है। वहीं, हालात को देखते हुए डीडीएमए आगे भी इसी तरह का निर्णय लेता रहेगा।

    महाराष्ट्र में भी कोरोना से जुड़ीं सभी पाबंदियां की गई खत्म, लोगों को मिली राहत

    देश के बड़े राज्यों  में शुमार महाराष्ट्र में भी कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। इस बीच समूचे महाराष्ट्र में कोरोना संबंधी सभी पाबंदियां खत्म कर दी गई हैं। महाराष्ट्र सरकार कोरोना से जुड़ी सभी पाबंदियां तो खत्म कर दी गई हैं, लेकिन मास्क और शारीरिक दूरी का नियम अभी जारी रहेगा। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने आगामी गुड़ी पड़वा और राम नवमी त्योहार के मद्देनजर कोरोना संबंधी प्रतिबंध हटाने का निर्णय लिया है।

    दिल्ली में कोरोना के 113 नए मामले, एक भी मौत नहीं

    वहीं, मार्च महीने के अंतिम दिन बृहस्पतिवार (31 मार्च) को कोरोना की संक्रमण दर 0.49 प्रतिशत रही है। इस वजह से बृहस्पतिवार को कोरोना के 113 नए मामले आए और 114 मरीज ठीक हुए। राहत की बात यह है कि 24 घंटे में कोरोना से किसी मरीज की मौत नहीं हुई। दिल्ली में ओमिक्रोन का पहला मामला पांच दिसंबर को सामने आया था। इसके बाद से अब तक कोरोना के कुल चार लाख 23 हजार 675 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें चार लाख 22 हजार 485 मरीज ठीक हो चुके हैं। इससे मरीजों के ठीक होने की दर 99.71 प्रतिशत है। वहीं मृतकों की कुल संख्या 1054 है। जिसमें से दिसंबर में नौ मरीजों की मौत हुई थी। तीसरी लहर में सबसे ज्यादा जनवरी में 758 मरीजों की मौत हुई थी। इसके बाद फरवरी में 257 व मार्च में 30 मरीजों की मौत हुई। मौजूदा समय में कोरोना के 458 सक्रिय मरीज हैं। जिसमें से 21 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। कंटेनमेंट जोन की संख्या 2816 है। 

    उधर, इससे पहले बुधवार को 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 100 से अधिक मामले सामने आए थे। यह चिंता बढ़ाने वाली बात इसलिए भी है, क्योंकि कई दिनों से 100 से कम मामले आ रहे थे। इसके साथ ही संक्रमण दर 0.05 प्रतिशत भी इजाफा हुआ है। चीन, दक्षिण पूर्व एशिया और यूरोप के कुछ देशों में कोरोना वायरस संक्रमण की ताजा लहर को देखते हुए देश में भी चिंता बढ़ने लगी है। इस बाबत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी सतर्क हो गया है। पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के नाम चिट्ठी लिखकर उन्हें आगाह किया था। इसमें कहा है कि किसी प्रदेश का शासन-प्रशासन यह सोचकर लापरवाह न हो जाए कि अब नए कोरोना केस की संख्या चिंताजनक नहीं है। इसमें कोविड अनुकूल व्यवहार करना शामिल है।

    कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने राज्यों को एक एडवाइजरी जारी की थी। एडवाइजरी में कोरोना पर सतर्क रहने और लापरवाही ना बरतने की हिदायत दी गई थी। भले ही कोरोना के मामलों में कमी देखने को मिली है लेकिन कुछ राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ते हुए भी दिख रहे हैं। ऐसे में राज्य पहले जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन करें।

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