कई बार देखी फिल्म 'स्पेशल-26', फिर किया कारोबारी का अपहरण; हैरान कर देने वाली है वजह
किस तरह से पुलिस से बचा जा सकता है इसके लिए क्राइम पेट्रोल देखता। इसने स्पेशल-6 नाम का एक गिरोह बनाया। जिसमें अपने भाई व चार लोगों को और शामिल किया। गिरोह ने 24 नंवबर को चंड़ीगढ़ साइबर क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर ज्ञानेश्वर के कार्यालय पर रेड की थी।

नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। मंडावली इलाके में हुई कारोबारी ज्ञानेश्वर शुक्ला के अपहरण की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। फिल्मी अंदाज में स्पेशल-6 ने मिलकर बॉलीवुड फिल्म स्पेशल-26 की तर्ज पर कारोबारी का अपहरण किया था, पांच लाख की फिरौती मांगी थी और तीन लाख मिलने के बाद कारोबारी को अपहरण के चार दिन बाद छोड़ दिया था। पुलिस ने ऑपरेशन 'ज्ञान' चलाकर अपहरण में शामिल चार बदमाशों को ओखला फेज-3 से गिरफ्तार किया है। बदमाशों की पहचान मुख्य आरोपित राजकुमार चौहान, इसके भाई राहुल और संतोष व गौरव के रूप में हुई है।
इनके दो साथियों प्रदीप व रामतेज की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। पुलिस ने बदमाशों के पास से एक कार, लैपटॉप, आठ मोबाइल फोन, खिलौने वाली बंदूक व फिरौती के रकम के 89 हजार रुपये बरामद किए हैं। बदमाश एनएसपी न्यूज नाम के यूट्यूब चैनल से जुड़े थे। जिला पुलिस उपायुक्त जसमीत सिंह ने बताया कि गत 24 नवंबर को दुर्गेश नाम के व्यक्ति ने अपने दामाद ज्ञानेश्वर के अपहरण की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई थीं।
जांच के लिए एसीपी डॉ. सचिन शर्मा की देखरेख में थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार, एसआइ संजीत व अन्य की टीम बनाई। ऑपरेशन ज्ञान शुरू किया गया। बदमाशों ने पीड़ित के मोबाइल नंबर से ही फिरौती मांगी थी, कॉल करके के बाद फोन बंद कर देते। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन निकाली, जिसके बाद ओखला के जंगलों में पैदल ही पीड़ित को कई दिनों तक ढूंढा। फिरौती मिलने पर बदमाशों ने पीड़ित को छोड़ दिया। बदमाश मोबाइल की लोकेशन बदलते रहे। बदमाशों को तलाश करती हुई पुलिस टीम जंगल में एक खंडर हो चुकी बिल्डिंग में बने फ्लैट में पहुंची, वहां से चारों को दबोच लिया। पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है बदमाशों ने कितने लोगों के साथ इस तरह की वारदात को अंजाम दिया है।
कई महीनों से चल रहा था साजिश पर काम
पुलिस को जांच में पता चला कि राजकुमार ने पूसा इंस्टीट्यूट से हार्डवेयर नेटवर्किंग का कोर्स किया है। इसकी मां पूसा में नौकरी करती थी। राजकुमार कई महीनों से अपहरण की साजिश बना रहा था। उसने स्पेशल-26 फिल्म को कई बार देखा, वहीं से अपहरण का पड्यंत्र रचा।
किस तरह से पुलिस से बचा जा सकता है, इसके लिए क्राइम पेट्रोल देखता। इसने स्पेशल-6 नाम का एक गिरोह बनाया। जिसमें अपने भाई व चार लोगों को और शामिल किया। गिरोह ने 24 नंवबर को चंड़ीगढ़ साइबर क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर ज्ञानेश्वर के कार्यालय पर रेड की थी, पूछताछ का बहाना बनाकर पीड़ित को कार में बैठाया और अपहरण कर ओखला ले गए थे। जांच में सामने आया कि राजकुमार ने अपनी मां के खंडर हुए फ्लैट में कारोबारी को रखा था, ताकि कोई शक न कर सके कि वहां भी कोई रहता है। पीड़ित चिल्लाए तो किसी को उसकी आवाज भी न सुनाई दे। 28 नवंबर को बदमाशों ने पीड़ित को छोड़ दिया था।
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