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    TMC सांसद साकेत गोखले की बढ़ेंगी मुश्किलें, अदालत ने दिया सख्त आदेश, मिला सिर्फ 4 सप्ताह का समय

    Updated: Mon, 23 Dec 2024 02:40 PM (IST)

    संयुक्त राष्ट्र में पूर्व भारतीय सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी ने टीएमसी सांसद साकेत गोखले के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। कोर्ट ने गोखले को अपनी सभी संपत्तियों का और बैंक खातों की जानकारी देने का निर्देश दिया है। अदालत ने गोखले को सिर्फ चार सप्ताह का समय दिया है। आगे विस्तार से जानिए आखिर गोखले से जुड़ा पूरा मामला क्या है।

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    लक्ष्मी पुरी ने साकेत गोखले पर अदालत की अवमानना का आरोप लगाया है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। मानहानि मामले में अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर संयुक्त राष्ट्र में पूर्व भारतीय सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी ने तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। लक्ष्मी पुरी ने साकेत गोखले पर अदालत की अवमानना का आरोप लगाया है।

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    50 लाख रुपये देने का दिया निर्देश

    उन्होंने कहा है कि अदालत ने एक जुलाई को पारित अपने आदेश में चार सप्ताह के अंदर साकेत गोखले को उनके विरुद्ध किए गए सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने व 50 लाख रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया था। हालांकि, उक्त आदेश का अनुपालन अभी तक नहीं किया गया।

    हलफनामा दाखिल करने का दिया निर्देश

    वहीं, इस मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने गोखले को चार सप्ताह के भीतर अपनी सभी संपत्तियों और बैंक खातों की जानकारी देते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

    जिनेवा में काले धन से खरीदा था घर

    पूर्व में लक्ष्मी पुरी ने गोखले के खिलाफ मानहानि मुकदमा दायर किया था। इसमें कहा गया था कि साकेत गोखले ने 13 और 23 जून, 2021 को उनके और उनके पति केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के खिलाफ झूठा और अपमानजनक आरोप लगाया था। इसमें साकेत ने कहा था कि उन्होंने वर्ष 2006 में जिनेवा (स्विट्जरलैंड) में काले धन से एक घर खरीदा है।

    वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह हुए पेश

    एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में लक्ष्मी एम. पुरी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह (पूर्व एएसजी) पेश हुए। न्यायालय ने गोखले को अपने ट्विटर हैंडल पर माफी मांगने के लिए भी कहा। न्यायालय ने कहा "ट्विटर हैंडल पर माफी छह महीने तक रहनी चाहिए।" यह मुकदमा वादी लक्ष्मी पुरी के खिलाफ मानहानि से उत्पन्न हुआ है, जिसमें प्रतिवादी साकेत गोखले ने वादी की ईमानदारी के बारे में अपमानजनक ट्वीट या पोस्ट प्रकाशित किए थे। 

    न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कहा, "वादी को प्रतिवादी नंबर 1, यानी साकेत गोखले के अपमानजनक बयानों के कारण अपूरणीय क्षति हुई है और उसे वादी से माफी मांगने का निर्देश दिया जाता है। इसके अलावा प्रतिवादी एक्स अकाउंट पर प्रकाशित पोस्ट (ट्वीट) को 6 महीने की अवधि के लिए बनाए रखा जाएगा।

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    अदालत ने कहा, "गोखले को वादी के खिलाफ आगे कोई अपमानजनक सामग्री प्रकाशित करने से रोका जाता है। वादी को उसकी प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए 50,00,000 रुपये का हर्जाना दिया जाता है।"

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