2.90 करोड़ की धोखाधड़ी में कंपनी का पूर्व निदेशक व उसका भाई गिरफ्तार
Delhi Crime News आरोपित को आर्थिक अपराध शाखा (Economic crime branch) ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पूर्व निदेशक के भाई को भी गिरफ्तार किया गया है। धोखाधड़ी के बाद से दोनों आरोपित फरार चल रहे थे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। निदेशक के पद से हटाए जाने के बाद कंपनी के खाते से 2.90 करोड़ रुपये भाई की कंपनी के खाते में ट्रांसफर करने के आरोपित को आर्थिक अपराध शाखा ( Delhi Economic crime branch) ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पूर्व निदेशक के भाई को भी गिरफ्तार किया गया है। धोखाधड़ी के बाद से दोनों आरोपित फरार चल रहे थे।
ईओडब्ल्यू के ज्वाइंट कमिश्नर ओपी मिश्रा ने बताया कि सिल्वर जुबली ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से विकासपुरी थाने में 2015 धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया था। इसमें कहा था कि वर्ष 2011 में अमित पाल को कंपनी का निदेशक बनाया गया था। इसके बाद अमित को ही बैंक खातों से लेनदेन के लिए हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत कर दिया गया था। एक अप्रैल 2015 को अमित को निदेशक के पद से हटा दिया गया, लेकिन बैंक खातों में कंपनी ने अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता का अधिकार वापस नहीं लिया।
आरोप है कि इसका फायदा उठाकर उसने जून 2015 में कंपनी के आइडीबीआइ बैंक के खाते से 2.90 करोड़ रुपये भाई नीरज कुमार के स्वामित्व वाली कंपनी निर्मल राइस एंटरप्राइजेज के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिए। यह जानकारी जब जुबली ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों को लगी तो उनके अनुरोध पर बैंक ने यह राशि कंपनी के खाते में वापस कर दी थी।
शिकायतकर्ता के मुताबिक अमित पाल कंपनी की मोटरसाइकिल भी नहीं लौटा रहा था। उधर, घटना के बाद अमित अपने भाई नीरज के साथ फरार हो गया। इधर, 2018 में यह मामला ईओडब्ल्यू में स्थानांतरित कर दिया गया। ईओडब्ल्यू जांच पड़ताल के बाद आरोपितों की तलाश कर रही थी। इसी बीच 18 अगस्त को नीरज की लोकेश विकासपुरी इलाके में मिलने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद 25 सितंबर को अमित पाल को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
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