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    'सरकार बनने के बाद संतोष कोली की मौत भूल गए AAP नेता', संकट में परिवार

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Mon, 06 Feb 2017 07:33 AM (IST)

    संतोष की मां कलावती बताती हैं कि 'आप' के नेताओं ने परिवार से मुंह मोड़ लिया। कोई हालचाल तक जानने नहीं आता।

    'सरकार बनने के बाद संतोष कोली की मौत भूल गए AAP नेता', संकट में परिवार

    नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। सुंदर नगरी के एफ ब्लॉक स्थित 22 गज का मकान। आज से करीब चार साल पहले यहां एक आंदोलन की पटकथा तैयार हुई थी। इस आंदोलन की अगुवाई करने वाले आज राजधानी की सत्ता संभाल रहे हैं। लेकिन इस मकान में रहने वाले बदहाली के शिकार हो चुके हैं। ऐसा नहीं है कि इस आंदोलन से इस परिवार को कुछ नहीं मिला। लेकिन जो मिला अब वह खत्म हो चुका है।

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    'आप' पार्टी से टिकट पाने वाली इस परिवार की बेटी संतोष कोली की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इसके बाद संतोष के स्थान पर छोटे भाई धर्मेंद्र कोली को टिकट मिला और वह विधायक बन गए। करीब डेढ़ साल तक विधायक रहे धर्मेंद्र को अगले चुनाव में टिकट नहीं मिला। इसके बाद परिवार आर्थिक संकट में घिरता चला गया। आलम यह है कि 13 साल तक अरविंद केजरीवाल के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चलने वाली संतोष की 33वींं जयंती (दो फरवरी) पर 'आप' का कोई नेता उनके घर नही पहुंचा।

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    32 वर्षीय धर्मेंद्र के परिवार में मां कलावती, पिता रंजीत कोली, पत्नी के अलावा भाई हुकुम सिंह-भाभी और एक भतीजा है। यह परिवार सुंदर नगरी के एफ ब्लॉक में रहता है। धर्मेंद्र को 2015 के चुनाव में टिकट न मिलने के बाद वह घर बैठ गए। फरवरी 2015 में उनकी शादी हो गई। मां कलावती बताती हैं कि 'आप' के नेताओं ने परिवार से मुंह मोड़ लिया। कोई हालचाल तक जानने नहीं आता। पति रंजीत कोली गारमेंट की फैक्ट्री में काम करते थे। बेटे के विधायक बनने के साथ यह काम छूट गया।

    पूर्व विधायक होने के कारण कोई न तो धर्मेंद्र को काम देने को राजी है और न ही उनके बड़े भाई हुकुम सिंह को। धर्मेंद्र की साढ़े सात हजार रुपये की पेंशन पर ही पूरा परिवार निर्भर है। तंगहाली में पिता रंजीत ने उसी जगह सिलाई मशीन लगाकर दुकान खोल दी, जहां अरविंद केजरीवाल 13 दिनों तक अनशन पर बैठे थे। रंजीत बताते हैं कि उनकी उम्र 60 से ज्यादा हो चुकी है। तबीयत भी ठीक नहीं रहती। दुकान में छोटा-मोटा सिलाई का जो काम आता है उससे अपना खर्च भी निकालना मुश्किल है।

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    केजरीवाल के साथ 2002 से जुड़ी थीं संतोष

    कलावती बताती हैं कि उनकी बेटी संतोष केजरीवाल के साथ 2002 से जुड़ी थी। तब वह परिवर्तन एनजीओ चला रहे थे। सुंदर नगरी में दोनों ने कई सामाजिक कार्य किए। अनशन के दौरान भी संतोष साथ रही। 30 जून, 2013 को वह केजरीवाल से मिलने वैशाली स्थित उनके आवास पर गई थी। इस दौरान अज्ञात वाहन की टक्कर में वह जख्मी हो गई। करीब 50 दिन तक अस्पताल में रहने के बाद दम तोड़ दिया। शुरुआत में केजरीवाल से लेकर सभी 'आप' नेता इसमें साजिश की बात करते रहे। लेकिन सरकार बनने के बाद संतोष की मौत को भूल गए।