केजरीवाल सरकार के दौरान कैलाश गहलोत ने केंद्र को दी थी चुनौती, भाजपा विधायक बनते ही कोर्ट से वापस ली याचिका
आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व मंत्री और बीजेपी के वर्तमान विधायक कैलाश गहलोत ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से अपनी याचिका वापस ले ली। बता दें कि जब वह आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री थे तब उन्होंने उस प्रावधान को चुनौती दी थी जिसके तहत मुख्यमंत्री समेत राज्य सरकार के मंत्रियों को विदेश यात्राओं के लिए केंद्र से राजनीतिक मंजूरी लेनी होती है।

पीटीआई,नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व मंत्री और बीजेपी के वर्तमान विधायक कैलाश गहलोत ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से अपनी याचिका वापस ले ली।
केजरीवाल सरकार के दौरान दायर हुई याचिका
बता दें कि जब वह आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री थे, तब उन्होंने उस प्रावधान को चुनौती दी थी जिसके तहत मुख्यमंत्री समेत राज्य सरकार के मंत्रियों को विदेश यात्राओं के लिए केंद्र से राजनीतिक मंजूरी लेनी होती है।
बिजवासन निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान भाजपा विधायक के वकील ने न्यायमूर्ति सचिन दत्ता से कहा कि वह मामले को वापस लेना चाहते हैं। वहीं, अदालत ने कहा, "याचिका वापस लिए जाने के कारण खारिज की जाती है।"
इस वजह से दायर की थी याचिका
यह याचिका 2022 में तत्कालीन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उस वर्ष 8वें विश्व शहरों के शिखर सम्मेलन के लिए सिंगापुर की यात्रा की अनुमति नहीं दिए जाने की पृष्ठभूमि में दायर की गई थी।
याचिका में कहा गया था कि इस तरह के "विवेक के दुरुपयोग" का यह पहला मामला नहीं है और जब गहलोत ने लंदन परिवहन के निमंत्रण पर लंदन जाने की मंजूरी मांगी थी, तब केंद्र सरकार के संबंधित अधिकारियों की ओर से तब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, जब तक कि अनुरोध निष्फल नहीं हो गया।
याचिका में की गई थी ये मांग
याचिका में कैबिनेट सचिवालय द्वारा जारी किए गए कई कार्यालय ज्ञापनों के कार्यान्वयन को दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई थी, जो केंद्र को राज्य सरकार के मंत्रियों को उनकी आधिकारिक क्षमता में विदेश यात्राओं की अनुमति देने या अस्वीकार करने का अधिकार देते हैं।
केंद्र के इस नियम को दी थी चुनौती
याचिका में कहा गया था, "भारतीय राजनेताओं के लिए यात्रा मंजूरी जिस मनमौजी और मनमानी तरीके से दी जा रही है, वह न केवल इस मामले में अच्छे शहरी प्रशासन के हितों के लिए बल्कि आम तौर पर वैश्विक मंचों पर राष्ट्रीय हितों के लिए भी हानिकारक है।
न केवल प्रतिवादी संख्या 1 (एलजी) ने सिंगापुर यात्रा के खिलाफ सलाह देकर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर काम किया है, बल्कि ऊपर उल्लिखित कार्यालय ज्ञापन द्वारा प्रदत्त शक्तियों का वास्तविक प्रयोग स्पष्ट रूप से मनमाना है और प्रतिवादियों की ओर से विवेक के अनियंत्रित और बेलगाम उपयोग को दर्शाता है।"
उल्लेखनीय है कि नवंबर 2024 में, परिवहन मंत्री गहलोत ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और बाद में भाजपा में शामिल हो गए।
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