FBU जासूसी मामला: केजरीवाल और सिसोदिया पर राजद्रोह का केस दर्ज करने की मांग, कांग्रेस नेता ने LG को लिखा पत्र
FBU snooping case कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने दिल्ली एलजी विनय सक्सेना से कथित फीबैक यूनिट (एफबीयू) स्नूपिंग मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल मनीष सिसोदिया और अन्य सभी अधिकारियों पर राजद्रोह अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने का अनुरोध किया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार एक्साइज पॉलिसी मामले में सीबीआई द्वारा मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से बैकफुट पर बनी हुई है। अब जानकारी आ रही है कि कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने बुधवार को दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना से मुलाकात की और कथित फीबैक यूनिट (एफबीयू) स्नूपिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य सभी अधिकारियों के खिलाफ राजद्रोह अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने का आग्रह किया।
कांग्रेस नेता ने लिखा एलजी को पत्र
बैठक के बाद एएनआई से बात करते हुए संदीप दीक्षित ने कहा, "दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जासूसी के लिए फीडबैक यूनिट बनाई और फीडबैक यूनिट के लिए खरीदी गई मशीनें दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती हैं।" दीक्षित ने बताया कि आंतरिक सुरक्षा भी दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है इसलिए एक फीडबैक यूनिट का गठन किया गया था और यह निर्णय सीएम अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता वाली दिल्ली कैबिनेट ने लिया था।
उन्होंने कहा, "उपराज्यपाल से मांग की गई है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और फीडबैक यूनिट स्थापित करने वाले अधिकारियों पर राजद्रोह कानून के तहत मुकदमा चलाया जाए।"
Congress leader Sandeep Dikshit requested Delhi LG Vinai Saxena to prosecute Delhi CM Arvind Kejriwal and all other officials under Sedition Act in the alleged Feeback Unit (FBU) snooping case.— ANI (@ANI) March 1, 2023
गृह मंत्रालय ने दी मुकदमा चलाने की मंजूरी
वहीं, बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 'फीडबैक यूनिट' (Feedback Unit) से विपक्षी दलों की कथित जासूसी कराने के मामले में मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी।
इससे पहले दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने मामला दर्ज करने के लिए सीबीआई के अनुरोध को मंजूरी दी थी और इसे गृह मंत्रालय को भेज दिया था। सीबीआई ने सिसोदिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मंजूरी मांगी थी, जो दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग के प्रमुख हैं, जिसके तहत आम आदमी पार्टी सरकार ने 2015 में गुप्त रूप से विभिन्न मंत्रालयों, विपक्षी राजनीतिक दलों की जासूसी करने के लिए एक फीडबैक यूनिट (FBU) बनाई थी।
सत्ता में आने के बाद किया था FBU का गठन
बता दें कि वर्ष 2015 में सत्ता में आने के बाद दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने एक फीडबैक यूनिट (Feedback Unit) का गठन किया था। इसका मकसद सभी विभागों के काम पर नजर रखना था। इसे बनाने के पीछे केजरीवाल सरकार ने तर्क दिया था कि वो विभागों के भ्रष्टाचार पर नजर रखना चाहते हैं। हालांकि, बाद में दिल्ली सरकार पर इस यनिट से विपक्षी दलों की जासूसी कराने का आरोप लगा है।