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    मुस्तफाबाद हादसे में बच्चों के लिए फरिश्ता बना पिता चांद, ढाल की तरह मलबे के नीचे आया; पत्नी की गई जान

    Updated: Sat, 19 Apr 2025 10:26 PM (IST)

    पूर्वी दिल्ली में एक मकान गिरने से बड़ा हादसा हुआ जिसमें चांद नामक व्यक्ति ने अपने बच्चों को मलबे से बचाया। खाना खाने के बाद सो रहे चांद पर मलबा आ गिरा लेकिन उसने अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए खुद को ढाल बनाया। इस घटना में कई लोग घायल हुए हैं और दंगे में मारे गए मकान मालिक के बेटे का परिवार बाल-बाल बच गया।

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    मुस्तफाबाद हादसे में पिता चांद ने अपने दोनों बच्चों को बचाया।

    शुजाउद्दीन, पूर्वी दिल्ली। 'हिम्मत ए मर्दा मदद ए खुदा' की कहावत एक बार फिर से सच साबित हुई। एक पिता की जान उसके बच्चों में बसती है। जाे मकान एक कब्रगाह बन गया। उसी मकान में रहने वाला मकान मालिक का बेटा चांद अपने बच्चों के लिए फरिश्ता साबित हुआ। वह खुद और अपने बच्चों को मौत के मुंह से बाहर खींच लाया। बेड पर सो रहे बच्चों पर मलबा न गिरे वह उनके लिए ढाल बन गया।

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    चांद व उसके दो बच्चे सान्या (2) और शान (4) सही सलामत है। उन्हें मामूली चोट लगी है। बच्चों व खुद की जान बचने पर चांद ऊपर वाले का शुक्र अदा कर रहा है। चांद ने बताया कि वह मकान की पहली मंजिल पर पीछे वाले कमरे में अपने परिवार के साथ रहता था।

    बच्चों को बचाने के लिए उसके ऊपर आ गया

    शुक्रवार रात को खाना खाने के बाद परिवार के साथ बैड पर सो रहा था। अचानक से लगा कि भूकंप आया और जैसे ही उसकी आंख खुलीं, उसकी पत्नी पर मलबा आकर गिरा। उसने करवट ली और बच्चों को बचाने के लिए उनके ऊपर आ गया। मलबे का एक बडा स्लैब बैड के सिरहाने पर आकर गिरा। मकान गली की तरफ गिरा था, वह पिछले कमरे में थे। उनके कमरे पर ज्यादा मलबा नहीं था।

    मंजर का शब्दों में नहीं हो सकता बयां: स्थानीय

    स्थानीय लोगों ने थोड़ा सा मलबा हटाया वह और उनके बच्चे स्लैब के नीचे थे। उन्होंने उन्हें बाहर निकाल लिया। उन्होंने कहा कि जो मंजर उन्होंने देखा वह शब्दों में बयां नहीं कर सकते। खुद की जान बचाने के साथ ही बच्चों के लिए जद्दोजहद कर रहा था। जबान पर ऊपर वाले का नाम था। उन्होंने कहा उन्हें और उनके बच्चों को नया जीवनदान मिला है। वह जीवन में कभी इस हादसे को भूल नहीं सकते हैं।

    दंगे में मारा गया था मकान मालिक का बेटा

    मोहम्मद तहसीन के तीन बेटे आस मोहम्मद, चांद व नाजिम हैं। तीनों शादीशुदा हैं। चांद बैटरी रिक्शा चालक है और नाजिम का स्क्रैप का कारोबा है। फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी जिले में सीएए व एनआरसी को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन हुए थे। उसी दौरान दंगे भड़क गए थे। इसकी आंच मुस्तफाबाद तक पहुंची थी। तहसीन के सबसे बड़े बेटे आस मोहम्मद दंगे के दौरान गोकलपुरी नाला रोड से अपने घर जा रहे थे। दंगाइयों ने घेरकर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। शव नाले में फेंक दिया था। हत्या के अगले दिन शव नाले से बरामद हुआ था।

    हादसे से तीन दिन पहले ही बड़ी बहू शादी में गई थी

    तहसीन के सबसे बड़े बेटे आस मोहम्मद की पत्नी गुलशन अपने दो बच्चों को लेकर हादसे से दो दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गई थी। घर से बाहर होने की वजह से गुलशन का परिवार हादसे का शिकार होने से बच गया।

    घायलों की सूची

    1. जीनत (59) मकान मालिक की पत्नी

    2. चांद मोहम्मद (25) मकान मालिक का बेटा

    3. सानया (2) पुत्री-चांद मोहम्मद

    4. शान (4) पुत्र-चांद मोहम्मद

    5. नबी अहमद (45) किरायेदार

    6. तनू (15) पुत्र-नबी अहमद

    7. अलफेज (20) पुत्र-नबी अहमद

    8. आलिया (17) पुत्री नबी अहमद

    9. शाहिद (45) किरायेदार

    10. रिहाना (38) पत्नी-शाहिद

    11. नेहा (19) पुत्री शाहिद

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