Farmers Protest: किसानों की फिर से दिल्ली कूच की तैयारी, यीडा के दफ्तर के बाहर दूसरे दिन भी धरना जारी
Kisan Andolan यमुना प्राधिकरण के खिलाफ किसानों का गुस्सा दूसरे दिन भी लगातार जारी रहा। किसानों और महिलाओं ने प्राधिकरण कार्यालय के बाहर धरना दिया और जमकर नारेबाजी की। किसान 10 प्रतिशत आबादी भूखंड और नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ की मांग कर रहे हैं। किसानों ने यीडा कार्यालय की पार्किंग में टेंट लगाकर महापड़ाव शुरू किया। जो रविवार तक चलेगा।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर तीन दिन महापड़ाव के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान संगठनों ने बृहस्पतिवार को यमुना प्राधिकरण के खिलाफ हुंकार भरी। उनकी यह हुंकार दूसरे दिन भी जारी रही।
ग्रेटर नोएडा से पैदल, ट्रैक्टर ट्रॉली, बाइक और चार पहिया वाहनों में सवार होकर प्राधिकरण के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हजारों किसान यमुना प्राधिकरण (यीडा) के कार्यालय पहुंचे। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए प्राधिकरण कार्यालय पर सुबह से ही पुलिस बल ने मोर्चा संभाल रखा था।
गेट पर लगे बैरिकेड को तोड़ते हुए किसानों ने जैसे ही प्राधिकरण कार्यालय में प्रवेश करने का प्रयास किया, पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान पुलिस व किसानों के बीच नोकझोंक भी हुई।
दो दिसंबर को किसान करेंगे दिल्ली कूच
इसके बाद किसान पार्किंग स्थल में धरना देकर बैठ गए। किसानों ने यीडा कार्यालय की पार्किंग में टेंट लगाकर महापड़ाव शुरू कर दिया है। यह रविवार तक चलेगा। दो दिसंबर को किसान दिल्ली कूच करेंगे। बृहस्पतिवार करीब तीन बजे किसानों ने यमुना प्राधिकरण कार्यालय की ओर कूच किया।
सड़कों पर किसानों के पैदल मार्च और वाहनों के कारण परीचौक पर भी जाम की स्थिति बन गई। नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे होते हुए किसान यीडा कार्यालय पहुंचे जहां पुलिस ने पहले से ही सड़क पर बैरिकेड लगा रखे थे। ट्रैक्टर ट्राली से बैरिकेड को तोड़ते हुए किसान प्राधिकरण कार्यालय के परिसर में दाखिल हो गए।
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पहले ही लोहे के चैनल को बंद कर दिया गया था। सर्विस रोड व मुख्य सड़क की एक साइड पर भी वाहनों के कारण आवाजाही ठप हो गई। आगे चल रही महिलाओं ने कार्यालय में प्रवेश की कोशिश की, लेकिन पुलिस व सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया।
किसानों की है प्रमुख मांगे
इसके बाद किसानों ने धरना शुरू कर दिया। भारतीय किसान यूनियन के पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा कि 10 प्रतिशत आबादी भूखंड और नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ की मांग लंबे समय से की जा रही है। प्राधिकरण और शासन की हठधर्मिता से किसानों को इनसे वंचित रखा जा रहा है।
जय जवान जय किसान मोर्चा के सुनील फौजी ने कहा किसानों को 10 प्रतिशत भूखंड और 64.7 प्रतिशत बढ़ा मुआवजा, नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ के साथ बाजार दर का चार गुना मुआवजा, भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार तथा पुनर्वास के लाभ मिलने चाहिए। विकास प्रधान ने कहा कि किसान अब अपना शोषण बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है।
किसानों के महापड़ाव में जय जवान जय किसान मोर्चा, अखिल भारतीय भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान परिषद, किसान एकता संघ, किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा तथा भाकियू कृषक शक्ति, भाकियू अजगर और सिस्टम सुधार आदि संगठनों के कार्यकर्ता थे।
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