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    किसानों के दिल्ली कूच से पहले बॉर्डर पर बढ़ी सुरक्षा, अलर्ट मोड पर अधिकारी; चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात

    Updated: Fri, 06 Dec 2024 08:14 AM (IST)

    Farmers Protest संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में पंजाब के किसान 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करने वाले हैं। किसानों के आंदोलन को लेकर हरियाणा सरकार अलर्ट मोड पर है। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस ने देर रात हरियाणा से सटे टीकरी बॉर्डर को सील करना शुरू कर दिया है। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।

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    पंजाब के किसान आज दिल्ली कूच करेंगे। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में पंजाब के किसान छह दिसंबर (शुक्रवार) को दिल्ली कूच पर आमादा हैं। किसान दोपहर में एक बजे दिल्ली के लिए कूच करेंगे। 

    किसानों के आंदोलन को लेकर पुलिस अधिकारी अलर्ट मोड पर आ गए हैं। सभी चौहारों पर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। 

    पटियाला-अंबाला सीमा पर स्थित शंभू बॉर्डर पर किसान जुटने लगे हैं, लेकिन हरियाणा सरकार उन्हें आगे बढ़ने देने के लिए तैयार नहीं है। अंबाला में शंभू और जींद में खनौरी बार्डर पर सख्ती बढ़ाते हुए हरियाणा ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है। 

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    पुलिस ने गाड़ दि तंबू

    (पुलिस ने तंबू गाड़ दिए हैं। जागरण फोटो)

    किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए टीकरी बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने तंबू गाड़ दिए हैं। एक होटल की छत पर भी तंबू लगाया गया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार रात को कंटेनर, लोहे के कंटीले, तार लगे बैरिकेड भी बॉर्डर पर सड़क किनारे लाकर रख दिए। क्रेन भी यहीं पर खड़ी हैं।

    (टीकरी बॉर्डर पर एक होटल की छत पर भी पुलिस ने तंबू लगाया है।)

    अगर किसानों के दिल्ली आने की जानकारी मिलती है तो एक घंटे से भी कम समय में बॉर्डर सील करने की तैयारी कर ली गई है। फिलहाल वाहनों की आवाजाही जारी है। धीरे-धीरे यातायात व पुलिस कर्मी बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं।

    महापंचायत करने पर बड़ा एक्शन, 75 गिरफ्तार

    नोएडा में हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने सहित अन्य मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसानों और प्राधिकरण के बीच टकराव कम होता दिखाई नहीं दे रहा है। गुरुवार को पुलिस ने किसानों को यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट पर महापंचायत नहीं करने दी।

    किसानों ने इसका विरोध किया तो 75 किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि कुछ किसान नेताओं की तलाश में छापेमारी की गई। कई किसान नेताओं को नजरबंद करने के साथ ही कई को हिरासत में लिया गया है।

    इधर, दिल्ली कूच के दौरान बैरियर तोड़कर नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे पर जाम लगाने वाले 112 किसानों पर थाना फेज-1 में रिपोर्ट दर्ज की गई है। इन सभी पर सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने का आरोप है। 10 प्रतिशत आबादी भूखंड, नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ देने और हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर 10 किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 25 नवंबर से सात दिन तक ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण कार्यालय पर महापड़ाव किया था।

    वहीं, दो दिसंबर को किसानों के दिल्ली कूच करने के दौरान पुलिस-प्रशासन व किसानों के बीच नोकझोंक हुई थी। मुख्य सचिव से वार्ता कराने का आश्वासन मिलने के बाद किसान दलित प्रेरणा स्थल पर धरने पर बैठ गए थे। पुलिस ने नेताओं समेत 123 किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

    किसान नेता सुखबीर और सोरन भी गिरफ्तार

    थाना प्रभारी निरीक्षक अमित कुमार भडाना ने 55 पेज में शिकायत दी है, जिस पर किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसमें कहा गया है कि दो दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 500 पुरुष व 100 से अधिक महिलाएं दलित प्रेरणा स्थल के गेट नंबर-1 पर एकत्र हुए, जबकि धारा 163 लागू थी।

    प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़कर गेट नंबर-2 पर गए। यहां समझाने पर किसान दलित प्रेरणा स्थल पर रुक गए। तीन दिसंबर को दोबारा रास्ता अवरुद्ध किया। रोकने पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला कर दिया। शांति व्यवस्था कायम करने के लिए प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया।