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    Hindi Diwas 2022 : हिंदी का एक ऐसा उपन्यास, जिसने तोड़ दिए लोकप्रियता के सारे रिकॉर्ड

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Wed, 14 Sep 2022 04:20 PM (IST)

    चंद्रकांता की रचना 19वीं सदी के अंत में हुई थी। हिंदी के प्रचार प्रसार में चंद्रकांता संतित का बड़ा अहम योगदान है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसे पढ़ने के लिए पाठकों ने हिंदी सीखी।

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    Hindi Diwas 2022 : हिंदी का एक ऐसा उपन्यास, जिसने तोड़ दिए लोकप्रियता के सारे रिकॉर्ड

    नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Famous Hindi Novel Chandrakanta: 100 साल से भी अधिक पहले देश के विभिन्न हिंस्सों में हिंदी भाषा उतनी लोकप्रिय नहीं थी जितनी आज है। देश के विभिन्न राज्यों में बोलियां हावी थीं और बहुत कम लोग हिंदी भाषा में बोलते थे। सरकारी दफ्तरों में उर्दू भाषा में ही कामकाज होता था और ज्यादातर पढ़े-लिखे लोग उर्दू में ही वार्तालाप करना पसंद करते थे।

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    एक उपन्यास ने बदल दिया हिंदी बोलने वालों का फलक

    यह भी एक सच है कि उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद ने हिंदी को लोकप्रिय और जन जन की भाषा बनाने में अहम योगदान दिया है, लेकिन इससे पहले महान उपन्यासकार देवकी नंदन खत्री ने इसकी शुरुआत कर दी थी। 

    19वीं सदी में लिखे गए एक उपन्यास ने कर दिया चमत्कार

    देवकी नंदन खत्री हिंदी साहित्य के उन उपन्यासकारों में प्रमुख रूप से शुमार हैं, जिन्होंने हिंदी को एक उपन्यास के जरिये बढ़ावा दिया। दरअसल, चंद्रकांता हिंदी के शुरुआती उपन्यासों में है। इसे लेखनी के स्तर पर चमत्कार ही कहा जाएगा कि लेखक देवकी नंदन खत्री ने इसे लोकप्रिय बना दिया। 

    प्रकाशन के साथ ही बड़ी लोकप्रियता

    रहस्य और रोमांच से भरपूर उपन्यास 'चंद्रकांता' का लेखन 1880 का दशक रहा। इस उपन्यास का प्रकाशन वर्ष 1888 में हुआ और इसने लोकप्रियता हासिल शुरू कर दी। अपने पहले ही उपन्यास 'चंद्रकांता' में देवकी नंदन खत्री का जादू चला। प्रकाशन के कुछ सालों के भीतर ही यह उपन्यास इतना अत्यधिक लोकप्रिय हुआ कि इसके कई संस्करण छापने पड़े। 

    हिंदी का वह उपन्यास जिसके लिए लोगों ने सीखी हिंदी

    चंद्रकांता और चंद्रकांता संतति को पढ़ने के लिए लोगों ने हिंदी सीखी और इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसकी रचना 19वीं सदी के अंत में हुई थी, लेकिन यह आज भी लोकप्रिय है। इस पर 20वीं सदी में एक लंबा टेलीविजन धारावाहिक भी बन चुके हैं।  इसके बाद 21वीं सदी में भी इस पर एक टेलीविजन धारावाहिक बना। 

    हिंदी के प्रचार प्रसार में चंद्रकांता का बड़ा योगदान

    हिंदी के प्रचार प्रसार में चंद्रकांता संतित का बड़ा अहम योगदान है। ऐसा कहा जाता है कि इसकी लोकप्रियता से प्रभावित लाखों लोगों ने चन्द्रकांता संतति को पढ़ने के लिए ही हिंदी सीखी। यह उपन्यास कथा शिल्प के स्तर पर बेजोड़ साबित हुआ।