दादी की मौत पर Delhi लौटा तो पता चला Fake Passport पर गया था फ्रांस, एजेंट गिरफ्तार
आईजीआई एयरपोर्ट पर फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले एक एजेंट को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित रोहित वैद ने एक युवक का फर्जी पासपोर्ट बनवाया था। यात्री के फ्रांस से लौटने पर पासपोर्ट की जांच के दौरान मामला सामने आया। पुलिस फरार चल रहे दूसरे एजेंट की तलाश कर रही है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) Airport थाना पुलिस ने फर्जी पासपोर्ट और अवैध तरीके से विदेश भेजने वाले रैकेट का भंडाफोड़ कर एजेंट को गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान शाहदरा के रहने वाले रोहित वैद के रूप में हुई है।
आरोपित ने पंजाब के एक युवक का फर्जी पासपोर्ट बनवाने में मदद की थी। यात्री जब फ्रांस से दिल्ली आया तो एयरपोर्ट पर दस्तावेज की जांच के दौरान फर्जी पासपोर्ट पकड़ा गया। पुलिस अब इस मामले में फरार चल रहे एक और एजेंट की तलाश कर रही है।
पकड़े गए यात्री के पासपोर्ट में फ्रांस जाने का कोई रिकार्ड नहीं था
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 29 अप्रैल को पंजाब के होशियारपुर का जशनप्रीत सिंह फ्रांस से IGI Airport पर उतरा। जब उसके कागजात की जांच की गई तो पता चला कि उसके पासपोर्ट पर कोई प्रस्थान रिकार्ड उपलब्ध नहीं था। इसके बाद आरोपित को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई।
पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसके दोस्त ने उसे गुरदासपुर में एजेंट जगमोहन सिंह से मिलवाया, जिसने 12 लाख रुपये में उसे विदेश भेजने का इंतजाम किया। जशनप्रीत ने बताया कि जगमोहन ने उसका पासपोर्ट और फोटो लिया और उसे शाहदरा में रोहित वैद से मिलवाया।
रोहित ने जशनप्रीत को अपने भाई तनु वैद की पहचान दी और अपने पते का उपयोग कर नया पासपोर्ट बनवाया। स्पेन का वीजा मिलने के बाद वह मार्च 2022 को रोहित के साथ दिल्ली से मुंबई गया और 26 मार्च को तनु वैद के पासपोर्ट पर अबू धाबी होते हुए स्पेन पहुंचा। वहां से वह फ्रांस गया।
फ्रांस पहुंचाने के बाद एजेंट ने नष्ट कर दिया फर्जी पासपोर्ट
फ्रांस पहुंचने के बाद एजेंट ने उसे छोड़ दिया और फर्जी दस्तावेज नष्ट कर दिए। जशनप्रीत ने फ्रांस में कई महीने तक काम किया। 27 अप्रैल को अपनी दादी की मृत्यु के बाद वह अपने मूल पासपोर्ट पर दिल्ली लौटा, जहां उसे पकड़ लिया गया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों एजेंट को पकड़ने के लिए टीम बनाई गई। पुलिस के पहुंचने से पहले जगमोहन फरार हो गया। रोहित ने बताया कि वह 10वीं तक पढ़ा है और शेंगेन देशों में प्रदर्शनियों के आयोजन में काम करता है।
इस दौरान वह जगमोहन उर्फ नरेंद्र से मिला, जो फर्जी नौकरी और यात्रा के नाम पर लोगों को ठगता था। रोहित ने कमीशन के लालच में जगमोहन के साथ काम शुरू किया और जशनप्रीत के लिए फर्जी पासपोर्ट की व्यवस्था की।
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