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    पंजाब के युवाओं के लिए ये काम करता था शातिर एजेंट, गिरफ्तार होते ही खुले कई राज

    By Agency Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sat, 03 May 2025 02:22 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने 29 वर्षीय अभिनेश सक्सेना को गिरफ्तार किया है जिसने दो पंजाबी यात्रियों को फर्जी शेंगेन वीजा दिलाने में मदद की थी। आरोपियों ने रोम के रास्ते स्वीडन जाने की कोशिश की थी। पुलिस ने बताया कि सक्सेना ने 2022 से लल्ली के साथ मिलकर नकली वीजा और यात्रा दस्तावेज तैयार करने का काम किया था। लल्ली की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

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    अभिनेश को दो यात्रियों को जाली पासपोर्ट देने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। जागरण

    पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के एक 29 वर्षीय व्यक्ति को कथित तौर पर पंजाब के दो यात्रियों को रोम के रास्ते स्वीडन की अवैध यात्रा करने के लिए फर्जी शेंगेन वीजा हासिल करने में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। 

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    अभिनेश सक्सेना को दो यात्रियों को जाली पासपोर्ट देने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। ये यात्री दोहा के रास्ते रोम जाने वाली फ्लाइट में सवार होने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें एयरपोर्ट पर रोका गया था।

    जाली दस्तावेज के लिए 31 लाख की मांग

    दोनों यात्री एक रिश्तेदार के जरिए लल्ली नाम के एजेंट के संपर्क में आए थे, जिसने कथित तौर पर उनके यात्रा दस्तावेज और टिकट की व्यवस्था करने के लिए 31 लाख रुपये मांगे थे।

    अभिनेश ने उसके निर्देश पर दिल्ली के महिपालपुर के एक होटल में फर्जी दस्तावेज पहुंचाए, इससे पहले कि दोनों रवाना होने वाले थे।

    अधिकारी ने बताया कि यात्रियों की पहचान 18 वर्षीय तरनवीर सिंह और 20 वर्षीय गगनदीप सिंह के रूप में हुई है। दोनों ही पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले हैं।

    21-22 अप्रैल की रात को वे IGI एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन डेस्क पर क्लीयरेंस के लिए गए थे, जहां उन्हें हिरासत में ले लिया गया। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (IGI) उषा रंगनानी ने कहा, "जांच के दौरान, इमिग्रेशन अधिकारियों ने पाया कि उनके भारतीय पासपोर्ट पर लगे शेंगेन वीजा नकली थे।"

    आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज

    उन्होंने कहा कि दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर BNS और पासपोर्ट अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।

    पूछताछ के दौरान, दोनों ने पुलिस को बताया कि वे चचेरे भाई हैं और अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए स्वीडन जाने की कोशिश कर रहे थे, जो पहले बेहतर आर्थिक अवसरों की तलाश में पलायन कर गए थे। लल्ली का पता लगाने के लिए पंजाब में कई छापे विफल होने के बाद, तकनीकी निगरानी ने सक्सेना का पता लगाने में मदद की, जिसे दिल्ली में एक ठिकाने से गिरफ्तार किया गया।

    अधिकारी ने कहा, "पूछताछ के दौरान, सक्सेना ने अपनी संलिप्तता कबूल की और खुलासा किया कि वह 2022 से लल्ली के साथ काम कर रहा था। उसने अवैध रूप से विदेश जाने के इच्छुक लोगों के लिए नकली वीजा और यात्रा दस्तावेजों की व्यवस्था करना स्वीकार किया।" लल्ली को गिरफ्तार करने और नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं।

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