Delhi News: कहीं आपकी गाड़ी में भी तो नहीं डाला जा रहा नकली इंजन आयल? दिल्ली पुलिस ने किया गिरोह का भंडाफोड़
पश्चिमी दिल्ली पुलिस ने नकली इंजन ऑयल बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। एक आरोपित को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में नकली इंजन ऑयल बरामद किया है। आरोपित डिब्बों में नकली इंजन ऑयल भरकर कैस्टॉल कंपनी का स्टीकर लगाते थे। जिससे असली या नकली का पता नहीं चलता था।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली: अगर आपकी गाड़ी में नकली इंजन ऑयल डाल दिया जाए तो माइलेज कम मिलेगा और इंजन भी समय से पहले खराब हो जाएगा। लोगों की जेब पर डाका डाला जा रहा है। पुलिस ने दिल्ली में नकली इंजन ऑयल बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है।
लोग दुकान से इंजन ऑयल खरीदकर वाहनों में डलवा लेते हैं, लेकिन उन्हें पता भी नहीं होता कि वह असली है या नकली। बाजार में काफी संख्या में नकली उत्पाद बिक रहे हैं।
डिब्बों में नकली इंजन ऑयल भरकर लगाते थे कैस्टॉल कंपनी का स्टीकर
इस काले कारोबार को दिल्ली पुलिस ने निहाल विहार से पकड़ा है। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपित को गिरफ्तार किया है, जो कैस्ट्रॉल कंपनी के नाम से नकली इंजन ऑयल तैयार कर रहा था।
आरोपित डिब्बों में नकली इंजन ऑयल भरने के बाद उसमें नकली स्टीकर भी लगवा रहे थे, जिसे वह खुद ही छपवाते थे। इस वजह से ये नकली इंजन ऑयल हूबहू असली दिखता था। आरोपित काफी समय से नकली इंजन ऑयल बेच रहे थे
नांगलोई में एक गोदाम में छापेमारी कर पकड़ा गया काला कारोबार
जानकारी के अनुसार, निहाल विहार थाना पुलिस को जनवरी में नकली कैस्ट्राॅल इंजन ऑयल के अवैध कारोबार की जानकारी मिली थी। पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की और नांगलोई इलाके के एक गोदाम में छापेमारी की।
यहां से भारी मात्रा में केस्ट्राल कंपनी के नकली उत्पाद बरामद हुए। इसमें 400 से ज्यादा बोतल, ढाई हजार से ज्यादा बोतल के ढक्कन, पैकिंग शीट्, टेप रोल, लेबल शीट बरामद हुई। इस मामले में पश्चिम विहार के सुरेंद्र गोयल को पकड़ा गया है।
कॉपीराइट और ट्रेडमार्क एक्ट में रिपोर्ट दर्ज कर की गई कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में काॅपीराइट और ट्रेडमार्क एक्ट समेत कई धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है। शिकायतकर्ता ललित ने बताया कि नकली सामान की पैकेजिंग, रंग और डिजाइन में कैस्ट्राॅल के मूल उत्पादों की हूबहू नकल की गई थी, जिससे ग्राहकों को धोखा दिया जा रहा था।
नकली इंजन ऑयल की बिक्री से न केवल ग्राहकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि कंपनी की साख को भी ठेस पहुंच रही है। उपभोक्ता ऊंची कीमत पर नकली उत्पाद खरीद रहे हैं, जो उनकी गाड़ियों के लिए हानिकारक साबित हो रहा है।
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