Delhi Metro: 2004 से 2024 दिल्ली मेट्रो का विस्तार, वादे तो बहुत; पर विकास की रफ्तार धीमी
Delhi Metro Update दिल्ली मेट्रो ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है लेकिन हाल के वर्षों में इसके विस्तार की रफ्तार धीमी हो गई है। फेज चार की परियोजनाओं को स्वीकृति मिलने में देरी कोरोना महामारी और अन्य चुनौतियों के कारण निर्माण में विलंब हुआ है। इस लेख में हम दिल्ली मेट्रो के विस्तार की वर्तमान स्थिति चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करेंगे।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली को कभी लंदन तो कभी पेरिस बनाने के दावे बहुत किए गए। आम आदमी पार्टी (आप) ने भी ये दावे किए और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार भी दिल्ली को विश्वस्तरीय बनाने के दावे कर चुकी है। दिल्ली लंदन व पेरिस जैसी तो नहीं बन पाई लेकिन दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान बनाने में जरूरत कामयाब रही।
यही वजह है कि विश्वस्तरीय परिवहन सुविधा उपलब्ध कराकर मेट्रो न सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की लाइफ लाइन बन गई। इसलिए मेट्रो दिल्ली के चुनाव में हमेशा एक अहम एजेंडा रहा है। जिसमें सवार होकर राजनीतिक दल चुनावी वैतरणी पार करने का प्रयास करते रहे हैं।
इस क्रम में भाजपा, कांग्रेस हो या आम आदमी पार्टी (आप) तीनों दल मेट्रो के विकास और विस्तार का श्रेय लेते रहे हैं लेकिन हाल के वर्षों में दिल्ली में मेट्रो के विस्तार की रफ्तार धीमी हो गई है। मेट्रो कॉरिडोर के विकास के आंकड़े व मेट्रो फेज चार के विस्तार परियोजनाओं की स्थिति इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं।
मास्टर प्लान के तहत वर्ष 2021 तक दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 413.83 किलोमीटर हो जाना चाहिए था। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए फेज चार की परियोजनाएं वर्ष 2021 तक पूरी हो जानी चाहिए थी। इसके चार वर्ष बाद भी अकेले दिल्ली मेट्रो तो दूर एनसीआर में मौजूद मेट्रो के कुल नेटवर्क को मिलाकर भी यह लक्ष्य अब तक हासिल नहीं किया जा सका है।
फेज चार के परियोजनाओं को स्वीकृति मिलने में हुई देरी इसका एक बड़ा कारण रहा। बाद में फेज चार के प्रमुखता वाले तीन कारिडोर का निर्माण शुरू भी हुआ तो पहले कोरोना और बाद में पेड काटने में स्वीकृति मिलने में देरी व जमीन अधिग्रहण की समस्या आड़े आने से निर्माण में विलंब हुआ।
यदि फेज चार की परियोजना समय से पूरी हुई होती तो राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो की सुविधा ज्यादा सुलभ व सुगम होती। इससे आवागमन की सुविधा बेहतर होने के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रित करने में भी यह मददगार होती।
मौजूदा समय में एनसीआर में मेट्रो का नेटवर्क करीब 392 किलोमीटर व 288 स्टेशन हैं। जिसमें से करीब 350 किलोमीटर दिल्ली मेट्रो का अपना नेटवर्क है। दिल्ली मेट्रो के कारिडोर पर 256 मेट्रो स्टेशन हैं। अभी नवंबर में ही दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि वर्ष 1998 से वर्ष 2014 तक सिर्फ 193 किलोमीटर मेट्रो की लाइन बनी।
तब 143 मेट्रो स्टेशन थे। वर्ष 2014 से 2024 के बीच 200 किलोमीटर मेट्रो की लाइनें बनी। इसलिए अब 288 मेट्रो स्टेशन हैं। बहरहाल, 24 दिसंबर 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली में रेड लाइन पर शाहदरा से इंद्रलोक के बीच पहली मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
इसलिए भाजपा भी मेट्रो के विकास का श्रेय लेती रही है। मौजूदा केंद्र सरकार भी वर्ष 2014 के बाद एनसीआर में मेट्रो का नेटवर्क अधिक बढ़ाने का दावा करती रही है।
वर्ष 2011 तक 188.05 किलोमीटर था मेट्रो का नेटवर्क
यदि मेट्रो के विस्तार पर गौर करें तो एक सच्चाई यह भी है कि दिल्ली में कांग्रेस की शीला दीक्षित की सरकार में वर्ष 2011 तक दिल्ली मेट्रो के फेज एक व फेज दो के कार्य पूरे हो गए थे और कुल 188.051 किलोमीटर कॉरिडोर पर मेट्रो परिचालन शुरू हो चुका था। इस हिस्से पर 145 मेट्रो स्टेशन थे। इसके बाद से अब तक सिर्फ फेज तीन के 162.377 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क का निर्माण हुआ।
वर्ष 2015 के बाद 140.43 किलोमीटर बढ़ा मेट्रो का कॉरिडोर
फेज तीन की मेट्रो परियोजना भी कांग्रेस सरकार में स्वीकृत हुई थीं और उस पर काम भी शुरू हो गया था। यही वजह है कि वर्ष 2015 तक दिल्ली मेट्रो के 209.97 किलोमीटर कॉरिडोर व 160 स्टेशनों तक मेट्रो का परिचालन शुरू हो चुका था। वर्ष 2015 के बाद दिल्ली मेट्रो के 140.43 किलोमीटर कॉरिडोर व 96 स्टेशनों के बीच परिचालन शुरू हुआ।
इसका 2.01 किलोमीटर हिस्सा (एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के द्वारका सेक्टर 21-यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25) व एक स्टेशन यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25 को छोड़कर बाकी हिस्सा फेज तीन का ही था। वर्तमान सरकार में स्वीकृत फेज चार के किसी कारिडोर के हिस्से पर भी अभी मेट्रो का परिचालन शुरू नहीं हो पाया है।
दो वर्ष विलंब से मिली फेज चार की परियोजनाओं को स्वीकृति
दिल्ली सरकार ने 19 दिसंबर 2018 में फेज चार में कुल 103.93 किलोमीटर के छह मेट्रो कारिडोर बनाने के लिए की स्वीकृति दी। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) यह स्वीकृति मिलने में करीब दो वर्ष की देरी हुई थी।
बाद में केंद्र सरकार ने मार्च 2019 में फेज चार के तीन कॉरिडोर को स्वीकृति दी। जिसमें जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम, मजलिस पाक-मौजपुर, तुगलकाबाद-एरोसिटी कॉरिडोर शामिल है।
तब तीन कॉरिडोर लंबित रह गए। 30 दिसंबर 2019 में स्वीकृत मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण शुरू हुआ लेकिन निर्माण की धीमी गति के कारण पांच वर्ष में भी ये कॉरिडोर बनकर तैयार नहीं हो पाए।
मार्च 2026 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है लेकिन बताया जा रहा है कि अभी 56 प्रतिशत ही निर्माण कार्य हो पाया है ऐसे में वर्ष 2026 के अंत तक भी कार्य पूरा होना मुश्किल दिख रहा है। वैसे मौजपुर-मजलिस पार्क और जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कॉरिडोर एक बड़े हिस्से पर नए वर्ष में मेट्रो का परिचालन शुरू होने की उम्मीद है।
स्वीकृति तीन कॉरिडोर निर्माण जल्द शुरू करने की दरकार
केंद्र सरकार 13 मार्च 2024 को फेज चार के दो कॉरिडोर इंद्रप्रस्त-इंद्रलोक और लाजपत नगर-साकेज जी ब्लॉक मेट्रो कारिडोर को स्वीकृति दी। इसके करीब साढ़े नौ माह बाद भी डीएमआरसी (DMRC) इन तीनों कॉरिडोर के निर्माण के लिए अभी तक टेंडर जारी नहीं कर पाया है।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने हाल ही में रिठाला-कुंडली कारिडोर को भी स्वीकृति दी है। इन तीनों कारिडोर का निर्माण भी जल्द शुरू करने की दरकार है। नए वर्ष में इन तीनों कॉरिडोर का निर्माण शुरू होगा और चार वर्ष में वर्ष 2029 तक तैयार होगा। ऐसे में फेज चार का जो काम इस दशक के शुरुआत में पूरा होना था अब वह इस दशक के अंत में पूरा होगा।
दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क (किलोमीटर में) व स्टेशनों की संख्या
फेज | नेटवर्क | स्टेशन |
फेज एक | 64.751 | 59 |
फेज दो | 123.300 | 86 |
फेज तीन | 162.377 | 111 |
कुल | 348.418 | 256 |
दिल्ली मेट्रो का मौजूदा समय में राष्ट्रीय राजधानी व एनसीआर में नेटवर्क (किलोमीटर में) व स्टेशन
राज्य | नेटवर्क | स्टेशन |
दिल्ली | 291.929 | 213 |
एनसीआर | 56.489 | 42 |
वर्तमान समय में मौजूद मेट्रो लाइन की लंबाई (किलोमीटर में) व स्टेशनों की संख्या
मेट्रो लाइन | लंबाई | स्टेशन |
रेड लाइन | 34.549 | 29 |
यलो लाइन | 49.019 | 37 |
ब्लू लाइन तीन | 56.114 | 50 |
ब्लू लाइन चार | 8.511 | 8 |
ग्रीन लाइन | 28.781 | 24 |
वॉयलेट लाइन | 46.341 | 34 |
पिंक लाइन | 59.242 | 38 |
मजेंटा लाइन | 37.461 | 25 |
ग्रे लाइन | 5.491 | 04 |
ऑरेंज लाइन | 24.917 | 07 |
नोट- एयरपोर्ट लाइन ऑरेंज लाइन के रूप में पहचानी जाती है।
फेज चार में निर्माणाधीन तीन मेट्रो कारिडोर की लंबाई (किलोमीटर में) व स्टेशनों की संख्या
कॉरिडोर- लंबाई- स्टेशन
कॉरिडोर | लंबाई | स्टेशन |
जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम | 29.262 | 22 |
एरोसिटी-तुगलकाबाद | 23.622 | 15 |
मजलिस पार्क-मौजपुर | 12.318 | 18 |
कुल | 65.202 | 45 |
फेज चार के स्वीकृति तीन मेट्रो कॉरिडोर की लंबाई (किलोमीटर में) व स्टेशनों की संख्या
कॉरिडोर | लंबाई | स्टेशन |
रिठाला-कुंडली | 26.463 | 21 |
इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ | 12.377 | 10 |
लाजपत नगर-साकेज जी ब्लॉक | 8.385 | 08 |
फेज चार के निर्माणाधीन व स्वीकृत कारिडोर की कुल लंबाई- 112.427 किलोमीटर
- फेज चार में बनेंगे कुल स्टेशन- 84
- फेज चार की परियोजना पूरी होने के बाद दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क- 460.845 किलोमीटर
- दिल्ली मेट्रो के स्टेशन होंगे- 339
- एनसीआर में मेट्रो का नेटवर्क बढ़कर होगा- 504.875 किलोमीटर
- एनसीआर में स्टेशनों की कुल संख्या होगी- 372
- दिल्ली में पहली बार चली मेट्रो
- 24 दिसंबर 2002- रेड लाइन का शाहदरा-तीस हजारी कॉरिडोर
कॉरिडोर की लंबाई- 8.35 किलोमीटर
स्टेशनों की संख्या- छह
अब तक अंतिम बार खुला कॉरिडोर 17 सितंबर 2023- एयरपोर्ट एक्सप्रेस लइन पर द्वारा सेक्टर 21 से यशोभूमि द्वारा सेक्टर 25 मेट्रो स्टेशन
- कॉरिडोर की लंबाई- 2.01 किलोमीटर
- स्टेशन की संख्या-एक
- वर्ष दर वर्ष इस तरह बढ़ता गया मेट्रो का कॉरिडोर व स्टेशन
फाइलों इन परियोजनाओं ने तोड़ी दम
- यमुना बैंक-लोनी मेट्रो कारिडोर- 11.97 किलोमीटर
- कीर्ति नगर-द्वारका सेक्टर 23 मेट्रो लाइट कारिडोर- 18.17 किलोमीटर
- त्रिलोकपुरी-शास्त्री पार्क मोनो रेल कारिडोर- 20 किलोमीटर
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