Delhi Liquor Scam : कैबिनेट के फैसले से छह माह पहले ही निजी ठेकेदारों ने बेचनी शुरू कर दी थी शराब, जांच शुरू
दिल्ली विधानसभा की लोक लेखा समिति की जाँच में आबकारी घोटाले का चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। कैबिनेट की मंजूरी से पहले ही ठेकेदारों ने शराब बिक्री शुरू कर दी थी। समिति अध्यक्ष अजय महावर ने आबकारी आयुक्त से जवाब मांगा है। समिति ने कैग रिपोर्ट की समीक्षा की और बजट खर्च न करने वाले विभागों से स्पष्टीकरण मांगा। आने वाले समय में और भी खुलासे होने की संभावना है।
राज्य ब्यूरो, जागरण. नई दिल्ली। आबकारी घोटाले में प्रस्तुत हुई कैग रिपोर्ट की जांच कर रही दिल्ली विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) के सामने चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। बुधवार को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए हुई समिति की पहली बैठक में इस मामले को पकड़ा गया। इसमें पता चला है कि दिल्ली कैबिनेट के फैसले से छह माह पहले ही निजी ठेकेदारों ने दिल्ली में शराब बेचने का काम शुरू कर दिया था। इस मामले में समिति के अध्यक्ष अजय महावर ने आबकारी आयुक्त से जवाब मांगा है।
आबकारी आयुक्त से जवाब तलब
महावर ने आबकारी आयुक्त से पूछा कि जब नीति लागू होने के छह महीने बाद कैबिनेट ने मंजूरी दी तो पहले ही लाइसेंसधारकों को काम करने की छूट किस आधार पर दी गई? अध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगली बार वे इस मामले में पूरे दस्तावेज, फाइलें और तथ्यों के साथ पूरी तैयारी के साथ उपस्थित हों।
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बुलाये जा सकते हैं दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री
बुधवार से समिति ने इस मुददे पर चर्चा शुरू कर दी है। कहा जा रहा है आने वाले समय में आबकारी मामले को लेकर कई मामले उजागर हो सकते हैं। आबकारी मामले में आरोपी रहे आप सरकार के पूर्व मंत्रियों को भी समिति में बुलाया जा सकता है।
बजट खर्च न कर पाने वाले विभाग भी आये घेरे में
दिल्ली विधानसभा की पीएसी की महत्वपूर्ण बैठक बुधवार को समिति के अध्यक्ष अजय महावर की अध्यक्षता में हुई। बैठक पिछली आबकारी नीति पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट और उस पर प्रस्तुत कार्रवाई रिपोर्ट की समीक्षा की गई। समिति ने उन विभागों से स्पष्टीकरण मांगा जिन्होंने बजट का बड़ा हिस्सा खर्च नहीं किया।
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भटकाने का करते रहे प्रयास
सूत्रों का कहना है कि बैठक के दौरान विपक्षी सदस्यों द्वारा चर्चा को भटकाने की कोशिश भी की गई, जिससे कार्यवाही कुछ समय के लिए बाधित हुई।
बैठक में पीएसी अध्यक्ष के साथ समिति के सदस्य विधायक अरविंदर सिंह लवली, आतिशी, सतीश उपाध्याय, शिखा राय, वीरेंद्र कादयान और कुलदीप कुमार शामिल रहे। वरिष्ठ अधिकारियों में महालेखाकार (आडिट), आबकारी आयुक्त, अपर मुख्य सचिव (वित्त) और दिल्ली विधानसभा सचिव भी बैठक में मौजूद रहे।
बैठक करीब दो घंटे तक चली
यह बैठक करीब दो घंटे तक चली और समिति द्वारा आबकारी सहित प्रमुख एजेंडा बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के पहले एजेंडे में ऑडिट पैरा माॅनिटरिंग सिस्टम (एपीएमसी) के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की गई।
अधिकारियों ने बताया कि यह प्रणाली बीती 23 जून से लागू की गई है और परीक्षण के बाद इसे पूरी तरह सक्रिय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैठक में सकारात्मक चर्चा हुई और यह उम्मीद की जा रही है कि पीएसी आने वाले हफ्तों में कैग रिपोर्ट पर विस्तृत समीक्षा के लिए और बैठकें करेगी।
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