Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi Liquor Scam : कैबिनेट के फैसले से छह माह पहले ही निजी ठेकेदारों ने बेचनी शुरू कर दी थी शराब, जांच शुरू

    दिल्ली विधानसभा की लोक लेखा समिति की जाँच में आबकारी घोटाले का चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। कैबिनेट की मंजूरी से पहले ही ठेकेदारों ने शराब बिक्री शुरू कर दी थी। समिति अध्यक्ष अजय महावर ने आबकारी आयुक्त से जवाब मांगा है। समिति ने कैग रिपोर्ट की समीक्षा की और बजट खर्च न करने वाले विभागों से स्पष्टीकरण मांगा। आने वाले समय में और भी खुलासे होने की संभावना है।

    By V K Shukla Edited By: Neeraj Tiwari Updated: Thu, 10 Jul 2025 02:42 PM (IST)
    Hero Image
    कैबिनेट की मंजूरी मिलने के पहले ही ठेकेदारों ने शुरू कर दिया था शराब बिक्री का काम। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    राज्य ब्यूरो, जागरण. नई दिल्ली। आबकारी घोटाले में प्रस्तुत हुई कैग रिपोर्ट की जांच कर रही दिल्ली विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) के सामने चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। बुधवार को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए हुई समिति की पहली बैठक में इस मामले को पकड़ा गया। इसमें पता चला है कि दिल्ली कैबिनेट के फैसले से छह माह पहले ही निजी ठेकेदारों ने दिल्ली में शराब बेचने का काम शुरू कर दिया था। इस मामले में समिति के अध्यक्ष अजय महावर ने आबकारी आयुक्त से जवाब मांगा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आबकारी आयुक्त से जवाब तलब

    महावर ने आबकारी आयुक्त से पूछा कि जब नीति लागू होने के छह महीने बाद कैबिनेट ने मंजूरी दी तो पहले ही लाइसेंसधारकों को काम करने की छूट किस आधार पर दी गई? अध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगली बार वे इस मामले में पूरे दस्तावेज, फाइलें और तथ्यों के साथ पूरी तैयारी के साथ उपस्थित हों।

    यह भी पढ़ें- Delhi Liquor Scam Case: केजरीवाल की जमानत के खिलाफ ED की याचिका, दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई

    बुलाये जा सकते हैं दिल्‍ली सरकार के पूर्व मंत्री

    बुधवार से समिति ने इस मुददे पर चर्चा शुरू कर दी है। कहा जा रहा है आने वाले समय में आबकारी मामले को लेकर कई मामले उजागर हो सकते हैं। आबकारी मामले में आरोपी रहे आप सरकार के पूर्व मंत्रियों को भी समिति में बुलाया जा सकता है।

    बजट खर्च न कर पाने वाले विभाग भी आये घेरे में

    दिल्ली विधानसभा की पीएसी की महत्वपूर्ण बैठक बुधवार को समिति के अध्यक्ष अजय महावर की अध्यक्षता में हुई। बैठक पिछली आबकारी नीति पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट और उस पर प्रस्तुत कार्रवाई रिपोर्ट की समीक्षा की गई। समिति ने उन विभागों से स्पष्टीकरण मांगा जिन्होंने बजट का बड़ा हिस्सा खर्च नहीं किया।

    यह भी पढ़ें- दिल्ली शराब नीति घोटाले में नया मोड़, PAC को भेजी जाएगी CAG की रिपोर्ट

    भटकाने का करते रहे प्रयास 

    सूत्रों का कहना है कि बैठक के दौरान विपक्षी सदस्यों द्वारा चर्चा को भटकाने की कोशिश भी की गई, जिससे कार्यवाही कुछ समय के लिए बाधित हुई।

    बैठक में पीएसी अध्यक्ष के साथ समिति के सदस्य विधायक अरविंदर सिंह लवली, आतिशी, सतीश उपाध्याय, शिखा राय, वीरेंद्र कादयान और कुलदीप कुमार शामिल रहे। वरिष्ठ अधिकारियों में महालेखाकार (आडिट), आबकारी आयुक्त, अपर मुख्य सचिव (वित्त) और दिल्ली विधानसभा सचिव भी बैठक में मौजूद रहे।

    बैठक करीब दो घंटे तक चली

    यह बैठक करीब दो घंटे तक चली और समिति द्वारा आबकारी सहित प्रमुख एजेंडा बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के पहले एजेंडे में ऑडिट पैरा माॅनिटरिंग सिस्टम (एपीएमसी) के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की गई।

    अधिकारियों ने बताया कि यह प्रणाली बीती 23 जून से लागू की गई है और परीक्षण के बाद इसे पूरी तरह सक्रिय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैठक में सकारात्मक चर्चा हुई और यह उम्मीद की जा रही है कि पीएसी आने वाले हफ्तों में कैग रिपोर्ट पर विस्तृत समीक्षा के लिए और बैठकें करेगी।

    यह भी पढ़ें- दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल के सामने नई मुसीबत, एलजी ने इस मामले में ED को मुकदमा चलाने की दी मंजूरी