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    पत्नी की हत्या के मामले में 20 साल से फरार सजायाफ्ता सेना का पूर्व जवान गिरफ्तार, कोर्ट ने सुनाई थी आजीवन कारावास

    दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पत्नी की हत्या के मामले में 20 साल से फरार चल रहे पूर्व सैनिक अनिल कुमार तिवारी को गिरफ्तार किया है। अनिल ने 1989 में अपनी पत्नी को जलाकर मार डाला था जिसके लिए उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी। पैरोल मिलने के बाद वह फरार हो गया था। पुलिस ने उसे मध्य प्रदेश से पकड़ा।

    By Rakesh Kumar Singh Edited By: Sonu Suman Updated: Mon, 14 Apr 2025 10:54 PM (IST)
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    पत्नी की हत्या के मामले में 20 साल से फरार सजायाफ्ता पूर्व सेना का जवान गिरफ्तार।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पत्नी की हत्या के मामले में 20 साल से पैरोल जम्प कर फरार चल रहे पूर्व सेना के जवान अनिल कुमार तिवारी को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। 1989 में अनिल ने दिल्ली कैंट इलाके में पत्नी को आग लगाकर जलाकर मार डाला था। हत्या के मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है।

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    डीसीपी आदित्य गौतम के मुताबिक अनिल कुमार तिवारी चुरहट, मध्य प्रदेश का रहने वाला है। पत्नी को आग लगाकर हत्या करने के आरोप में उसके खिलाफ दिल्ली कैंट थाने में 14 मई 1989 को हत्या की धारा में मामला दर्ज 31 मई 1989 को गिरफ्तार कर लिया गया था। पोस्टमार्टम के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ट्रायल के बाद उसे दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

    दिल्ली हाईकोर्ट से मिली थी दो हफ्ते की पैरोल

    इसके बाद 21 नवंबर 2005 को दिल्ली हाई कोर्ट से उसे दो सप्ताह के लिए पैरोल दिया गया था। पैरोल की अवधि खत्म होने के बाद उसने जेल में समर्पण नहीं किया और तब से फरार चल रहा था। उसे पकड़ने की जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच को सौंपी गई।

    एसीपी रमेश चंद्र लांबा व इंस्पेक्टर सतेंद्र मोहन की टीम को जांच से पता चला कि वह कुछ समय पहले प्रयागराज और फिर अपने गांव के पास देखा गया। जिसके बाद पुलिस की टीम उसे ढूंढने के लिए चुरहट, सिद्धि, मध्य प्रदेश के लिए रवाना की गई। जांच के बाद आखिरकार 12 अप्रैल को अनिल कुमार तिवारी को उसके गांव से पकड़ लिया गया।

    ड्राइवर के रूप में भारतीय सेना में हुआ शामिल

    अनिल कुमार तिवारी की शादी 1981 में रीवा, मध्य प्रदेश की रहने वाली एक युवती से हुई थी। शादी के बाद 1986 में वह दिल्ली कैंट में आर्डिनेंस कोर यूनिट में ड्राइवर के रूप में भारतीय सेना में शामिल हो गया। उसने 18 साल तक भारतीय सेना में नौकरी की। इस दौरान उसकी तैनाती देश के विभिन्न हिस्सों में हुई। उसके वैवाहिक संबंध छोटी-छोटी बातों और घरेलू झगड़ों के कारण खराब हो गए।

     2005 में नायक के पद से उसे बर्खास्त कर दिया गया

    पत्नी से झगड़ा रहने पर एक दिन उसने पहले पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को जला डाला। उसने घटना को आत्महत्या के रूप में पेश करने की कोशिश की लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सारा राज खुल गया। हत्या का आरोप लगने सेना ने 2005 में नायक के पद से उसे बर्खास्त कर दिया। जिसके बाद वह अक्सर अपने काम और रहने की जगह बदलता रहा।

    जीवन यापन करने के लिए वह ड्राइवर का काम करता था। पुलिस से बचने के लिए वह हमेशा नकद में लेन-देन करता था ताकि कोई इलेक्ट्रानिक साक्ष्य न मिले। बाद में उसने दोबारा शादी कर ली। दूसरी शादी से उसके चार बच्चे हैं।

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