दिल्ली से गायब हो जाएंगे एक लाख ऑटो, इस तारीख से बंद होगा रजिस्ट्रेशन; जानें क्या है सरकार की है बड़ी योजना
दिल्ली सरकार सीएनजी ऑटो को हटाकर इलेक्ट्रिक ऑटो चलाने की योजना बना रही है। नए सीएनजी ऑटो का पंजीकरण बंद करने और पुराने ऑटो को इलेक्ट्रिक में बदलने पर विचार चल रहा है। सरकार ऑटो चालकों को सब्सिडी देने पर विचार कर रही है ताकि उन्हें नुकसान न हो। ऑटो चालक मांग कर रहे हैं कि अगर उनके ऑटो को रोका जाता है तो उन्हें मुआवजा मिले।
वी के शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार एक लाख सीएनजी ऑटो को हटाकर इनकी जगह इलेक्ट्रिक ऑटो को दिल्ली में चलवाने की योजना बना रही है। इस योजना को दो तरह से अमल में लाया जाएगा। पहले नए सीएनजी ऑटो का 15 अगस्त से पंजीकरण बंद किए जाने पर विचार हो रहा है और इनके स्थान पर इलेक्ट्रिक ऑटो सड़कों पर उतारे जाएंगे और दूसरे प्रयोग के तहत पुराने सीएनजी ऑटो काे इलेक्ट्रिक में बदला जाएगा। इसके लिए उन कंपनियों की मदद ली जाएगी, जो इस काम में लगी हुई हैं।
दोनों ही मामलों में भाजपा सरकार ने ऑटो चालकों को अभी कोई सब्सिडी और रियायत देने की घाेषणा नहीं की है। मगर सूत्रों का कहना है कि सरकार इस बारे में गंभीरता से सोच रही है कि इस प्रक्रिया में किसी ऑटो चालक का अहित नहीं हो। सरकार जल्द ही इस बारे में घोषणा कर सकती है। उधर ऑटो चालक यह मांग उठा रहे हैं कि अगर उनके ऐसे ऑटो को सड़कों से चलने से रोका जाता है कि जिनकी उम्र अभी बची हुई है तो सरकार उन्हें इसका उचित मुआवजा दे।
वाहनों से होने वाले प्रदूषण को करना होगा कम
दिल्ली में सत्ता में आई भाजपा यह बात अच्छी तरह से समझ रही है कि दिल्ली का प्रदूषण अगर काम करना है तो इसके लिए दिल्ली में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को पूरी तरह रोकना होगा। इसके लिए सबसे पहले सरकार अपने स्तर पर ही मैदान में उतरने जा रही है। जिसमें इस साल में सीएनजी ऑटो के पंजीकरण पर रोक लगाई जाने की योजना बनाई गई है। जिसके तहत अब कोई भी नया ऑटो इलेक्ट्रिक में ही पंजीकृत हो सकेगा।
इसी तरह आगे चलकर अन्य व्यावसायिक व सार्वजनिक वाहनों को भी धीरे-धीरे सड़कों से हटाया जाएगा और उनकी जगह पर इलेक्ट्रिक वाहनों को लाया जाएगा। दिल्ली की वर्तमान स्थिति की बात करें तो दिल्ली में प्रति माह 300 सीएनजी ऑटो स्क्रैप किए जाते हैं।इनके स्थान पर नया इलेक्ट्रिक ऑटो लाने में कोई समस्या भी नहीं है।
ऑटो चालकों को सब्सिडी देने की मांग उठाती रही
दक्षिण भारत में सीएनजी ऑटो को इलेक्ट्रिक में बदलने के काम में लगीं कंपनियां भी पिछले सालों में उस समय की आप सरकार से इस मामले में ऑटो चालकों को सब्सिडी देने की मांग उठाती रही हैं। कंपनियां यह समझ रही हैं कि महंगा होने से चालक अपने ऑटो को सीएनजी से इलेक्ट्रिक में नहीं बदलवाएगा, जब आप सरकार ने सब्सिडी नहीं दी तो कंपनियों ने दिल्ली की ओर से मुंह माेड़ लिया। जबकि इनका मॉडल पास हो चुका है और दक्षिण भारत में यह काम किया जा रहा है।
हम दिल्ली में काम करने के लिए तैयार: श्रीनिवासन
तिपहिया को इलेक्ट्रिक में बदलने का काम कर रहे हैदराबाद की कंपनी जीरो-21 के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रानी श्रीनिवासन ने कहा कि हम दिल्ली में काम करने के लिए तैयार हैं। वह कहते हैं कि उनकी कंपनी डीजल, पेट्रोल और सीएनजी के तिपहिया को साढे़ चार घंटे में इलेक्ट्रिक में बदल देती है, परिणाम बेहतर आ रहे हैं। तीन से लेकर चार रुपये एक किलाेमीटर चलने वाला तिपहिया अब 50 पैसे प्रति किलोमीटर के खर्च पर चल रहा है।
एक बार चार्ज करने वाली बैटरी 175 किलाेमीटर चलती है।नया इलेक्ट्रिक ऑटो साढ़े तीन लाख के करीब का आता है,जबकि पुराना ऑटो एक लाख 80 हजार में नया बन जाता है। सरकार कुछ सब्सिडी देगी तो यह जनता काे और सस्ता पड़ जाएगा।हम जल्द ही सरकार के साथ इसे लेकर बैठक करने वाले हैं।
नए ऑटो के इलेक्ट्रिक में पंजीकरण के पक्ष में ऑटो चालक
हम इस पक्ष में हैं कि जो भी नए ऑटो का पंजीकरण किया जाए, उसे इलेक्ट्रिक में पंजीकरण किया जाए और सीएनजी का पंजीकरण बंद कर दिया जाए। मगर जो ऑटो चल रहे हैं और जिनकी लाइफ अभी बची हुई है उन पर यह प्रतिबंध न लगाया जाए। अगर सरकार एक साथ सभी सीएनजी ऑटो को बंद करना चाहती है तो उसे आटाे चालकों का हित भी देखना पड़ेगा, उसे पुराने ऑटो चालकों को उचित मुआवजा या सब्सिडी देनी पड़ेकगी, ताकि उनके नुकसान की भरपाई हो सके।अन्यथा यह प्रयोग ऑटो चालकों के हित में नहीं रहेगा। - संतोष कुमार पांडेय, अध्यक्ष, आपका अपना ऑटो यूनियन (भाजपा समर्थित)
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