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    दिल्ली में ईवी सब्सिडी में देरी से स्वच्छ परिवहन को झटका, इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 85 प्रतिशत गिरी

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 07:05 PM (IST)

    दिल्ली में ईवी सब्सिडी वितरण में देरी से स्वच्छ परिवहन का सपना खतरे में पड़ गया है। 50 हजार से अधिक ईवी वाहनों की सब्सिडी का भुगतान न होने से ईवी बिक्री में 85 प्रतिशत की गिरावट आई है। सरकार ने 2025 में पाॅलिसी विस्तार और सब्सिडी बहाली से स्थिति संभालने की कोशिश की है। परिवहन मंत्री ने जल्द ही नई ईवी पाॅलिसी लाने की बात कही है।

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    राष्ट्रीय राजधानी में करोड़ों की सब्सिडी बकाए से घटी 85 प्रतिशत ईवी बिक्री। जागरण

    अनूप कुमार सिंह, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में वर्ष 2020 तक स्वच्छ परिवहन का सपना फिलहाल दिल्ली सरकार की ईवी पाॅलिसी 2020 के चलते पूरा होता नहीं लगा रहा। 48 करोड़ से अधिक की सब्सिडी वितरण में देरी हो गई है।

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    आरोप है कि 50 हजार से अधिक ईवी की सब्सिडी का भुगतान नहीं होने से पिछले वर्षों की तुलना में ईवी बिक्री में 85 प्रतिशत की कमी हो गई है। हालांकि दिल्ली सरकार 25 हजार वाहनों की सब्सिडी बकाया की बात कर रही है।

    ईवी सब्सिडी को लेकर आरोप और सरकारी दावे के झगड़े से टूटे उपभोक्ताओं के विश्वास ने दिल्ली में ईवी की बिक्री पर जबरदस्त प्रतिकूल प्रभाव डाला है। 2020 में दिल्ली सरकार की ईवी पाॅलिसी के तहत प्रत्येक ईवी खरदी पर पांच हजार से लेकर डेढ़ लाख तक की सब्सिडी दी जा रही थी।

    इस सरकारी नीति से दिल्ली में ईवी बिक्री को गति मिली थी। वाहन पोर्टल और काउंसिल ऑन एनर्जी एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीइइडब्ल्यू) की रिपोर्ट अनुसार दिल्ली की कुल वाहन संख्या में ईवी की हिस्सेदारी 2020 के 7.4 प्रतिशत से बढ़कर 11.2 हो गई थी।

    लेकिन, दिल्ली सरकार की ईवी पाॅलिसी 2020 के तहत दी जाने वाली 48.36 करोड़ से अधिक की सब्सिडी वितरण में देरी ईवी की बिक्री प्रभावित हुई है। सरकारी वादे से उपभोक्ताओं का भरोसा उठ गया। इसके भुगतान को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करनी पड़ी।

    वाहन पोर्टल के आंकड़ों अनुसार दिल्ली में 2020 में ईवी पाॅलिसी लागू होने पर ईवी रजिस्ट्रेशन 25,814 (कुल वाहन 3,50,000 का 7.4 प्रतिशत) था, जो कोविड काल में भी उत्साहजनक रहा। 2021 में यह 45,000 (कुल 4,58,919 वाहन का 9.8 प्रतिशत) हो गया।

    तकरीबन 74 प्रतिशत की वृद्धि। ईवी खरीद पर मिलने वाली सब्सिडी (5,000 से 1.5 लाख रुपये) और दिल्ली में विकसीत हुई ईवी चार्जिंग इंफ्रा ने इसके बाजार को गति दी।

    2022 में 60,000 (कुल 6,08,378 वाहन का 9.9 प्रतिशत) 33 प्रतिशत वृद्धि और 2023 में 73,610 (कुल 6,57,312 वाहन का 11.2 प्रतिशत) 23 प्रतिशत वृद्धि संग दिल्ली की कुल वाहन संख्या में ईवी की हिस्सेदारी 11 प्रतिशत से अधिक हो गई। इससे दिल्ली स्वच्छ परिवहन के लक्ष्य प्राप्ति की ओर मजबूती से बढ़ती नजर आई।

     2024 में सब्सिडी भुगतान में देरी, तीन वर्षीय ईवी पाॅलिसी 2020 की समाप्ति से ईवी रजिस्ट्रेशन घटकर 11,041 (कुल 7,00,000 वाहन का 1.6 प्रतिशत) हो गया। यानी 85 प्रतिशत तक की भयावह गिरावट। इस दौरान उपभोक्ताओं ने ईवी की स्थान पर पेट्रोल-डीजल वाहनों की खरीद पर जोर दिया। जो दिल्ली में ईवी के बाजार ठप होने का कारण बना।

    इससे चिंतित सरकार ने 2025 में पाॅलिसी विस्तार (मार्च 2026 तक) और सब्सिडी बहाली से स्थिति संभालने की कोशिश की पर, जो नुकसान होना था, वह तो हो ही गया। हालांकि सरकार के नए कदम से उम्मीद जगी है, दिल्ली में स्वच्छ परिवहन का सपना इस उम्मीद पर ही टिका है।

    दिल्ली सरकार जल्द ही नई ईवी पाॅलिसी लेकर आ रही है, यह सभी ईवी पाॅलिसी से बेहतर होगी। फिलहाल फिलहाल ईवी पाॅलिसी की अवधि का मार्च 2026 तक विस्तार व सब्सिडी बहाली कर दी गई है। दिल्ली में स्वच्छ परिवहन का सपना टूटने नहीं दिया जाएगा।

    - डाॅ. पंकज सिंह, परिहवन मंत्री दिल्ली सरकार

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