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    पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले को जमानत से इनकार, जानिए दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में क्या कहा

    Updated: Fri, 23 May 2025 04:40 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने जासूसी के मामले में मोहसिन खान की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा उसने देश की सुरक्षा को खतरे में डाला। उस पर पाकिस्तान उच्चायोग के वीजा अधिकारी को सेना की गोपनीय जानकारी देने का आरोप है। अदालत ने कहा राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है।

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    जासूसी के आरोप में तीन वर्ष से जेल में बंद आरेापित को जमानत से इनकार।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली:  पाकिस्तान के लिए जासूसी करने मामले में तीन वर्ष से जेल में बंद आरोपित मोहसिन खान को जमानत देने से दिल्ली हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया।

    दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि यह अपराध सिर्फ किसी व्यक्ति, संस्था या समूह के खिलाफ न होकर भारत की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के विरुद्ध था।

    आरोपित भारतीय सशस्त्र बलों से संबंधित संवेदनशील और क्लासीफाइड जानकारी पाकिस्तान को भेजता था और ऐसे मामले में नरमी नहीं बरती जा सकती। देश में शांति है क्योंकि सशस्त्र बल सतर्क रहते हैं।

    अदालत ने कहा, वह जमानत पर रिहा नहीं करना चाहती

    न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने कहा कि आरोपित का अपराध पूरे देश और भारतीयों की सुरक्षा से जुड़ा है और आरोपित देश की सुरक्षा के खिलाफ काम करने वाले एक गिरोह का हिस्सा था।

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    ऐसे में आरोपित को जमानत पर रिहा नहीं करना चाहती है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में हिरासत में बिताए गए समय के बजाय अदालत को न्याय और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित काम करना चाहिए।

    आरोपित मोहसिन खान ने कहा- उसके खिलाफ कोई सुबूत नहीं है

    जमानत की मांग करते हुए मोहसिन खान ने कहा कि उसे फंसाया गया है। जासूसी से उसका कोई संबंध नहीं है और उसके खिलाफ कोई सुबूत नहीं है।

    यह भी कहा कि मामले में आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है और वह तीन साल से जेल में है। मामले में सुनवाई धीमी हो रही है और 19 मई को ही आरोप तय किए गए हैं।

    वहीं, याचिका का विरोध करते हुए अभियोजन पक्ष ने कहा कि सह-आरोपित की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है और मोहसिन खान ने जासूसी में सक्रिय भूमिका निभाई है।

    मोबाइल रिपयेरिंग और रिचार्ज की दुकान चलाता था मोहसिन

    मोहसिन खान मोबाइल रिपेयरिंग और रिचार्ज की दुकान चलाता था। पाक उच्चायोग के वीजा अधिकारी को सेना की गोपनीय जानकारी उपलब्ध कराकर पैसे लेता था।

    वर्ष 2021 में दिल्ली क्राइम ब्रांच को खुफिया सूचना मिली कि दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ लोग देश विरोधी गतिविधि में शामिल हैं।

    क्राइम ब्रांच ने राजस्थान के पोखरण से आरोपित हबीबुर्रहमान को सेना के गोपनीय दस्तावेज के साथ गिरफ्तार किया। उसने बताया था कि गोपनीय दस्तावेज एक नाइक क्लर्क परमजीत कुमार से मिलते थे।

    पाकिस्तान के वीजा ऑफिसर काजिम जिया को पहुंचाता था दस्तावेज

    वह इन दस्तावेज को खुद या फिर तुर्कमान गेट निवासी मोहसिन खान के माध्यम से पाकिस्तान उच्चायोग में वीजा ऑफिसर राणा मोहम्मद कासिम जिया को दिया करता था। 

    जांच में पता चला कि वर्ष 2017 से 2019 के बीच नाइक क्लर्क पोखरण में तैनात था और वहां पर सब्जी की आपूर्ति करने वाले हबीबुर्रहमान से उसकी मुलाकात हुई थी।

    पोखरण के बाद परमजीत की तैनाती आगरा की संवदेनशील यूनिट में हुई और हबीबुर्रहमान वहां भी गया और परमजीत ने उसे गोपनीय दस्तावेज दिए थे।

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