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    दिल्ली में छिपे ISI एजेंट, आम आदमी की तरह जीते है जिंदगी; चौंका देगी ये रिपोर्ट

    Updated: Fri, 23 May 2025 07:53 AM (IST)

    दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां ऑपरेशन सिंदूर के बाद आईएसआई एजेंटों की तलाश में जुटी हैं। ये एजेंट जो आतंकियों को मदद करते हैं और सामान्य जीवन जीते हैं रिश्तेदारी का फायदा उठाकर दिल्ली एनसीआर में छिपे हैं। तकनीक के इस्तेमाल से उनका काम आसान हो गया है। दिल्ली पुलिस ने पिछले छह सालों में 63 आतंकियों को गिरफ्तार किया है जिसमें केंद्रीय एजेंसियों का सहयोग रहा है।

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    रिश्तेदारी का फायदा उठाकर दिल्ली में रहते हैं आइएसआइ एजेंट।

    मोहम्मद साकिब, नई दिल्ली। दिल्ली हमेशा से आतंकियों के निशाने पर रही है। आइएसआइ के एजेंट यहां होने वाली गतिविधियों पर नजर रखते हैं और जानकारियां पाकिस्तान तक पहुंचाते हैं। इसके अलावा जंग जैसी परिस्थितियों में भी पाकिस्तानी तनाव का फायदा उठाकर देश में कुछ न कुछ नापाक हरकत करने के बारे में सोचते रहते हैं। आपरेशन सिंदूर के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां ऐसे एजेंटों को खोजने के लिए पूरी तरह से सक्रिय मोड में हैं।

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    स्पेशल सेल के अधिकारी के मुताबिक, आइएसआइ एजेंट को ढूंढना सबसे मुश्किल होता है क्योंकि यह लोग रिश्तेदारी का फायदा उठाकर दिल्ली एनसीआर में रहते हैं। यह लोग यहां रह रहे लोगों से लिंक जोड़ते हैं उनका विश्वास जीतते हैं और उनके जरिये यहां का सिम कार्ड निकलवा लेते हैं। उस सिम कार्ड से वाट्सएप डाउनलोड करते हैं, जिससे पाकिस्तान में बैठे आइएसआइ एजेंटों से संपर्क किया जाता है। एक बार जब वाट्सएप से बातचीत शुरू हो जाती है तो यह लोग सिम कार्ड तोड़कर फेंक देते हैं।

    ये एजेंट तब तक सक्रिय नहीं होते, जब तक उनके आका की तरफ से उनको कोई मैसेज या जानकारी नहीं मिलती है। बढ़ती हुई टेक्नोलाजी ने इनका काम भी आसान कर दिया है। जब आतंकी संगठनों या फिर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ को इन्हें सक्रिय करना होता है तो कोई मैसेज, फोन काल या फिर कोई और सीक्रेट कोड के जरिए इन्हें एक्टिव किया जाता है। कई एप्लीकेशन और गेम्स का इस्तेमाल इसके लिए किया जाता है। एजेंटों को कई बार तो यह खुद पता नहीं होता है कि वे किसके लिए काम कर रहे हैं। आइएसआइ एजेंटों के लिए टेक्निकल रूप से सक्षम लोगों की तलाश करती है, जिनपर कोई क्राइम रिकार्ड न हो। इसकी वजह है कि पुलिस को इन पर जल्दी कोई संदेह न हो और वे पकड़े जाने पर भी बच निकलें।

    केंद्रीय एजेंसियों व राज्य पुलिस के बीच समन्वय से होती कार्रवाई

    दिल्ली पुलिस समय-समय पर विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारियों को दिल्ली बुलाकर अंतरराज्यीय समन्वय बैठकें भी करती हैं, जिसमें गोपनीय सूचनाओं के आदान प्रदान के दावे किए जाते हैं। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ भी राज्यों की पुलिस की समन्वय बैठकें होती हैं। दिल्ली में आइबी और मिलिट्री इंटेलिजेंस समेत कई केंद्रीय एजेंसियों के होने के कारण इनकी सालों भर गोपनीय ऑपरेशन चलते रहता है। जिससे ये एजेंसियां भी आतंकियों, जासूसों और एजेंटों को पकड़ने का काम करती है।

    छह साल में दिल्ली पुलिस ने पकड़े 63 आतंकी

    एनसीआर से आतंकी या एजेंट के पकड़े जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है। दिल्ली पुलिस की एंटी टेरिस्ट यूनिट स्पेशल सेल को इन केंद्रीय एजेंसियों से मदद मिलने के कारण आतंकियों और एजेंटों को पकड़ने में महारत हासिल है। पिछले छह साल के आंकड़ों को देखें तो स्पेशल सेल ने दिल्ली समेत देश भर में कार्रवाई कर 63 आतंकियों को गिरफ्तार किया है।

    वर्ष - केस दर्ज - गिरफ्तारी

    2019 - 3 - 4

    2020 - 6 - 32

    2021 - 3 - 10

    2022 - 5 - 15

    2023 - 4 - 14

    2024 - 2 - 16

    2025 - 0 - 0

    स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किए गए लश्कर ए तैयबा, इंडियन मुजाहिद्दीन, आइएस, हिजबुल मुजाहिद्दीन, खालिस्तानी व अन्य संगठनों के आतंकी

    2019

    दिनांक - गिरफ्तार आतंकी

    20 जनवरी- अब्दुल लतीफ गिन्नी- जम्मू-कश्मीर,

    हिलाल अहमद भट्ट -- जम्मू-कश्मीर

    24 अगस्त -- असलम अंसारी- नेपाल

    17 दिसंबर -- अलेमला जमीर -- नगालैंड

    2020

    18 फरवरी -- जावेद इकबाल -- जम्मू-कश्मीर, देवेंद्र सिंह-जम्मू-कश्मीर, इरफान सैफी मीर -- -जम्मू-कश्मीर, सैयद नवेद मुश्ताक -- -जम्मू-कश्मीर

    8 मार्च -- समी उर्फ दावूद इबराहीम -- श्रीनगर

    16 मार्च -- सुखमीत पाल सिंह -- -- पंजाब, जगतार सिंह जोहल -- खालिस्तानी,

    16 जून -- मोहिन्दर सिंह -- जम्मू-कश्मीर, राजकुमार -- हरियाणा, गुरतेज सिंह -- पंजाब

    10 जुलाई -- -मोहम्मद मुस्तकीम खान -- बलरामपुर, यूपी

    2021

    21 जनवरी -- शेख शहजाद, मोतिहारी, बिहार,

    हबीबुर रहमान -- -मालदा, बंगाल

    10 सितंबर -- ओसामा उर्फ समी -- जामिया नगर, अबू बकर -- बहराइच, यूपी, जान मोहम्मद शेख -- मुंबई, मूल चंद -- -रायबरेली यूपी, जीशान कमर -- प्रयागराज यूपी, मोहम्मद आमिर जावेद -- लखनऊ, हुमैदुर रहमान -- प्रयागराज

    8 अक्टूबर -- मोहम्मद अशरफ -- पाकिस्तान

    2022

    07 जनवरी -- रईसुल आजम -- चंमापरण, बिहार

    17 जून -- अनीकुल इस्लाम, मालदा, बंगाल, शारिकुल शेख -- मालदा, फारूक शेख -- मालदा

    चार अगस्त -- -- रहीमुल्लाह -- ग्रेटर नोएडा, मुस्तफा स्तानिकजाई -- जैतपुर, मनजीत सिंह -- पंजाब, रविंद्र सिंह -- पंजाब, नवदीप सिंह उर्फ नवी -- गुरदासपुर, तरनजोत सिंह उर्फ तन्ना -- गुरदासपुर, गगनदीप -- पंजाब, कवर रणदीप सिंह -- पटियाला पंजाब, अर्शदीप भट -- रसूलपुर, पंजाब,दिलप्रीत सिंह -- नूरपुर पंजाब

    2023

    12 जनवरी -- जगजीत सिंह -- उधमसिंह नगर, उत्तराखंड, नौशाद -- जहांगीरपुरी, मनप्रीत सिंह -- फिरोजपुर पंजाब

    18 सितंबर -- मोहम्मद रिजवान अशरफ -- लखनऊ, अरशद वारसी -- गढ़वा, झारखंड, शाहनवाज आलम -- हजारीबाग झारखंड

    2024

    18 जनवरी -- विक्रम उर्फ उस्मान -- बेगुसराय बिहार, मोहम्मद नसीर -- कुन्नूर केरल, सुहैल खान -- बेंगलुरु, खाजा मोइद्दीन -- तमिलनाडु

    15 जुलाई -- अनामुल अंसारी -- रांची, शाहबाज अंसारी -- रांची, अल्ताफ अंसारी -- झारखंड, हसन अंसारी -- झारखंड, अरशद खान-रांची, उमर फारूक -- रांची, फैजान अहमद -- झारखंड, मुतीउर रहमान -- रांची, मोहम्मद रिजवान -- रांची, इश्तियाक अहमद -- रांची, रहमतुल्लाह -- रांची, शाहबाज अंसारी -- रांची