दिल्ली में छिपे ISI एजेंट, आम आदमी की तरह जीते है जिंदगी; चौंका देगी ये रिपोर्ट
दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां ऑपरेशन सिंदूर के बाद आईएसआई एजेंटों की तलाश में जुटी हैं। ये एजेंट जो आतंकियों को मदद करते हैं और सामान्य जीवन जीते हैं रिश्तेदारी का फायदा उठाकर दिल्ली एनसीआर में छिपे हैं। तकनीक के इस्तेमाल से उनका काम आसान हो गया है। दिल्ली पुलिस ने पिछले छह सालों में 63 आतंकियों को गिरफ्तार किया है जिसमें केंद्रीय एजेंसियों का सहयोग रहा है।

मोहम्मद साकिब, नई दिल्ली। दिल्ली हमेशा से आतंकियों के निशाने पर रही है। आइएसआइ के एजेंट यहां होने वाली गतिविधियों पर नजर रखते हैं और जानकारियां पाकिस्तान तक पहुंचाते हैं। इसके अलावा जंग जैसी परिस्थितियों में भी पाकिस्तानी तनाव का फायदा उठाकर देश में कुछ न कुछ नापाक हरकत करने के बारे में सोचते रहते हैं। आपरेशन सिंदूर के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां ऐसे एजेंटों को खोजने के लिए पूरी तरह से सक्रिय मोड में हैं।
स्पेशल सेल के अधिकारी के मुताबिक, आइएसआइ एजेंट को ढूंढना सबसे मुश्किल होता है क्योंकि यह लोग रिश्तेदारी का फायदा उठाकर दिल्ली एनसीआर में रहते हैं। यह लोग यहां रह रहे लोगों से लिंक जोड़ते हैं उनका विश्वास जीतते हैं और उनके जरिये यहां का सिम कार्ड निकलवा लेते हैं। उस सिम कार्ड से वाट्सएप डाउनलोड करते हैं, जिससे पाकिस्तान में बैठे आइएसआइ एजेंटों से संपर्क किया जाता है। एक बार जब वाट्सएप से बातचीत शुरू हो जाती है तो यह लोग सिम कार्ड तोड़कर फेंक देते हैं।
ये एजेंट तब तक सक्रिय नहीं होते, जब तक उनके आका की तरफ से उनको कोई मैसेज या जानकारी नहीं मिलती है। बढ़ती हुई टेक्नोलाजी ने इनका काम भी आसान कर दिया है। जब आतंकी संगठनों या फिर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ को इन्हें सक्रिय करना होता है तो कोई मैसेज, फोन काल या फिर कोई और सीक्रेट कोड के जरिए इन्हें एक्टिव किया जाता है। कई एप्लीकेशन और गेम्स का इस्तेमाल इसके लिए किया जाता है। एजेंटों को कई बार तो यह खुद पता नहीं होता है कि वे किसके लिए काम कर रहे हैं। आइएसआइ एजेंटों के लिए टेक्निकल रूप से सक्षम लोगों की तलाश करती है, जिनपर कोई क्राइम रिकार्ड न हो। इसकी वजह है कि पुलिस को इन पर जल्दी कोई संदेह न हो और वे पकड़े जाने पर भी बच निकलें।
केंद्रीय एजेंसियों व राज्य पुलिस के बीच समन्वय से होती कार्रवाई
दिल्ली पुलिस समय-समय पर विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारियों को दिल्ली बुलाकर अंतरराज्यीय समन्वय बैठकें भी करती हैं, जिसमें गोपनीय सूचनाओं के आदान प्रदान के दावे किए जाते हैं। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ भी राज्यों की पुलिस की समन्वय बैठकें होती हैं। दिल्ली में आइबी और मिलिट्री इंटेलिजेंस समेत कई केंद्रीय एजेंसियों के होने के कारण इनकी सालों भर गोपनीय ऑपरेशन चलते रहता है। जिससे ये एजेंसियां भी आतंकियों, जासूसों और एजेंटों को पकड़ने का काम करती है।
छह साल में दिल्ली पुलिस ने पकड़े 63 आतंकी
एनसीआर से आतंकी या एजेंट के पकड़े जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है। दिल्ली पुलिस की एंटी टेरिस्ट यूनिट स्पेशल सेल को इन केंद्रीय एजेंसियों से मदद मिलने के कारण आतंकियों और एजेंटों को पकड़ने में महारत हासिल है। पिछले छह साल के आंकड़ों को देखें तो स्पेशल सेल ने दिल्ली समेत देश भर में कार्रवाई कर 63 आतंकियों को गिरफ्तार किया है।
वर्ष - केस दर्ज - गिरफ्तारी
2019 - 3 - 4
2020 - 6 - 32
2021 - 3 - 10
2022 - 5 - 15
2023 - 4 - 14
2024 - 2 - 16
2025 - 0 - 0
स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किए गए लश्कर ए तैयबा, इंडियन मुजाहिद्दीन, आइएस, हिजबुल मुजाहिद्दीन, खालिस्तानी व अन्य संगठनों के आतंकी
2019
दिनांक - गिरफ्तार आतंकी
20 जनवरी- अब्दुल लतीफ गिन्नी- जम्मू-कश्मीर,
हिलाल अहमद भट्ट
24 अगस्त
17 दिसंबर
2020
18 फरवरी
8 मार्च
16 मार्च
16 जून
10 जुलाई
2021
21 जनवरी
हबीबुर रहमान
10 सितंबर
8 अक्टूबर
2022
07 जनवरी
17 जून
चार अगस्त
2023
12 जनवरी
18 सितंबर
2024
18 जनवरी
15 जुलाई
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