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    2030 तक सड़कों पर होंगी दस गुना इलेक्ट्रिक कारें, IEA की रिपोर्ट में दावा

    By sanjeev GuptaEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Wed, 25 Oct 2023 12:32 PM (IST)

    वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक की ताजा रिपोर्ट की मानें तो आने वाले कुछ सालों में सड़कों पर लगभग 10 गुना अधिक इलेक्ट्रिक कारें होंगी और रिन्यूबल एनर्जी स्त्रोत दुनिया के ऊर्जा स्रोतों का लगभग आधा हिस्सा बनाएंगे। साथ ही इसमें यह भी बताया गया है कि साल 2030 तक हीटिंग के लिए पारंपरिक जीवाश्म ईंधन बॉयलरों के मुकाबले इलैक्ट्रिक हीटिंग सिस्टम अधिक बिकेंगे।

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    2030 तक सड़कों पर होंगी दस गुना इलेक्ट्रिक कारें, IEA की रिपोर्ट में दावा

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। ऊर्जा जगत में साल 2030 तक बहुत कुछ बदलने वाला है। और यह बदलाव होगा मौजूदा नीतियों के चलते। वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक की ताजा रिपोर्ट की मानें तो आने वाले कुछ सालों में सड़कों पर लगभग 10 गुना अधिक इलेक्ट्रिक कारें होंगी, और रिन्यूबल एनर्जी स्त्रोत दुनिया के ऊर्जा स्रोतों का लगभग आधा हिस्सा बनाएंगे। लेकिन इस सब के साथ वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5°C तक सीमित करने के लिए मजबूत नीतियों की आवश्यकता भी होगी।

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    दरअसल अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक 2023 नामक एक रिपोर्ट जारी की है जो दर्शाती है कि सौर पैनल, पवन ऊर्जा, इलेक्ट्रिक कार और हीट पंप जैसी स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियां अधिक लोकप्रिय हो रही हैं। ये प्रौद्योगिकियां हमारे कारखानों, वाहनों, घरेलू उपकरणों और हीटिंग सिस्टम जैसी चीजों को बिजली देने के तरीकों को बादल रही हैं।

    साल 2030 में कैसी दिखेगी ऊर्जा प्रणाली?

    यह रिपोर्ट इस बारे में भी बात करती है कि साल 2030 में ऊर्जा प्रणाली कैसी दिखेगी। इसमें तब तक सड़क पर बहुत अधिक इलेक्ट्रिक कारों का होना, सोलर पैनलों से पूरे अमेरिकी बिजली प्रणाली की तुलना में अधिक बिजली पैदा होना, और रिन्यूबल एनर्जी का वैश्विक बिजली का लगभग 50% हिस्सा बनाना वगैरह शामिल हैं। साथ ही इसमें यह भी बताया गया है कि साल 2030 तक हीटिंग के लिए पारंपरिक जीवाश्म ईंधन बॉयलरों के मुकाबले इलैक्ट्रिक हीटिंग सिस्टम अधिक बिकेंगे।

    ये सभी परिवर्तन आज की नीतियों पर आधारित हैं। यदि देश ऊर्जा और जलवायु के बारे में अपने वादों पर कायम रहते हैं, तो हम क्लीन एनेर्जी में और भी तेजी से प्रगति देख सकते हैं। लेकिन यह स्पष्ट है कि ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रण में रखने के लिए मजबूत उपायों की आवश्यकता है।

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    ऊर्जा आपूर्ति में फोस्सिल फ्यूल की हिस्सेदारी घटने की उम्मीद

    क्लीन एनर्जी के बढ़ने और विश्व की अर्थव्यवस्था में बदलाव का फोस्सिल फ्यूल पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। इस दशक में कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस की मांग चरम पर पहुंचने की उम्मीद है, जो इस तरह के परिदृश्य में पहले नहीं हुआ था। विश्व की ऊर्जा आपूर्ति में फोस्सिल फ्यूल की हिस्सेदारी भी घटने की उम्मीद है, और ऊर्जा से संबंधित कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन 2025 में अपने उच्चतम बिंदु पर पहुंच जाएगा।

    इससे क्या लाभ होंगे?

    क्लीन एनेर्जी की ओर पूरी दुनिया बढ़ रही है और यह अपरिहार्य है। सरकारों, कंपनियों और निवेशकों को इस परिवर्तन का समर्थन करने की आवश्यकता है क्योंकि यह नई नौकरियां, स्वच्छ हवा और सुरक्षित जलवायु सहित कई लाभ लाता है। 

    - फतिह बिरोल, IEA के कार्यकारी निदेशक

    उन्होंने आगे बताया कि लेकिन अगर हम फोस्सिल फ्यूल का उपयोग कम नहीं करते हैं, तो हम वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएंगे। इससे अधिक गंभीर जलवायु समस्याएं पैदा हो सकती हैं और हमारी ऊर्जा प्रणाली खतरे में पड़ सकती है।

    1.5°C लक्ष्य को पूरा करना अभी भी संभव है, लेकिन यह आसान नहीं होगा। निष्क्रियता के परिणामस्वरूप वैश्विक तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है, जो पेरिस समझौते की अनुमति से अधिक है।

    विश्व ऊर्जा आउटलुक 2023 2030 तक दुनिया को पटरी पर लाने के लिए एक रणनीति का भी सुझाव देता है, जिसमें रिन्यूबल एनर्जी बढ़ाना, ऊर्जा दक्षता में सुधार करना, मीथेन एमिशन को कम करना, विकासशील देशों में स्वच्छ ऊर्जा में अधिक निवेश करना और जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना शामिल है।

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    रिपोर्ट स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर जोर देती है। यह मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव और पिछले साल के वैश्विक ऊर्जा संकट के लंबे समय तक बने रहने वाले प्रभावों के साथ दुनिया में ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों पर भी विचार करता है।

    अंतरराष्ट्रीय गैस बाजार में प्रभावित हो सकती है रूस की हिस्सेदारी

    रिपोर्ट प्राकृतिक गैस बाजार पर भी नजर डालती है, जो आपूर्ति संबंधी चिंताओं के कारण अनिश्चित है। हालांकि, तरलीकृत प्राकृतिक गैस परियोजनाओं में वृद्धि से उन चिंताओं में कमी आएगी और आपूर्ति अधिशेष पैदा हो सकता है। इससे अंतरराष्ट्रीय गैस बाजार में रूस की हिस्सेदारी प्रभावित हो सकती है।

    चीन वैश्विक ऊर्जा रुझानों में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है, और रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई है कि स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर बदलाव के कारण इस दशक के मध्य में चीन की ऊर्जा मांग चरम पर होगी।

    रिपोर्ट में इस दशक में सौर ऊर्जा में अधिक वृद्धि की संभावना के बारे में भी बात की गई है। इससे पता चलता है कि सौर ऊर्जा चीन और अन्य क्षेत्रों में कोयला आधारित बिजली उत्पादन को कम कर सकती है।

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