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Solar Energy: भारत में बढ़ा सोलर ऊर्जा का उत्पादन, वैश्विक वृद्धि में देश का इस साल रहा 12 प्रतिशत योगदान

भारत ने वर्ष 2023 की पहली छमाही में सौर ऊर्जा उत्पादन में हुई वैश्विक वृद्धि में यूरोपीय संघ के समान 12% का योगदान दिया है। वैश्विक स्तर पर वर्ष 2023 की पहली छमाही में सौर ऊर्जा से 5.5% वैश्विक बिजली का उत्पादन हुआ जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से 16% (+104 TWh) की बढ़ोतरी है। भारत की 26% (+12 TWh) की सौर ऊर्जा वृद्धि वैश्विक औसत से अधिक थी।

By sanjeev GuptaEdited By: GeetarjunPublished: Thu, 05 Oct 2023 09:05 PM (IST)Updated: Thu, 05 Oct 2023 09:05 PM (IST)
भारत में बढ़ा सोलर ऊर्जा का उत्पादन, वैश्विक वृद्धि में देश का इस साल रहा 12 प्रतिशत योगदान

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत ने वर्ष 2023 की पहली छमाही में सौर ऊर्जा उत्पादन में हुई वैश्विक वृद्धि में यूरोपीय संघ के समान, 12% का योगदान दिया है। वैश्विक स्तर पर वर्ष 2023 की पहली छमाही में सौर ऊर्जा से 5.5% वैश्विक बिजली का उत्पादन हुआ, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से 16% (+104 TWh) की बढ़ोतरी है।

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भारत की 26% (+12 TWh) की सौर ऊर्जा वृद्धि वैश्विक औसत से अधिक थी, और इसने इसी अवधि में देश में बढ़ी मांग के आधे भाग को बिजली की आपूर्ति की। 50 देशों ने वर्ष 2023 की पहली छमाही में सौर ऊर्जा उत्पादन के नए मासिक रिकॉर्ड बनाए, जिसमें मई माह में भारत भी शामिल रहा। वर्ष 2023 की पहली संपूर्ण छमाही में, भारत ने अपनी 7.1% बिजली सौर ऊर्जा से उत्पन्न की।

इन बातों का पता एनर्जी थिंक टैंक Ember द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट से चलता है। इस रिपोर्ट में बिजली की वैश्विक मांग के 92% को दर्शाने वाले 78 देशों में बिजली डेटा का जनवरी से जून 2023 तक, पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में विश्लेषण किया गया है।

कोयला उत्पादन में धीमी वृद्धि

भारत में मांग में मध्यम वृद्धि के बीच रिन्यूबल एनर्जी में बढ़ोतरी के कारण कोयला उत्पादन में धीमी वृद्धि हुई। इसके परिणामस्वरूप, वर्ष 2023 की पहली छमाही में भारत के बिजली क्षेत्र के उत्सर्जन में 3.7% (+19 मिलियन टन CO2) की वृद्धि हुई जो वर्ष 2022 की पहली छमाही में देखी गई वृद्धि (+9.7%, +45 मिलियन टन CO2) के आधे से कम है भारत में, वर्ष 2023 की पहली छमाही में पवन और सौर ऊर्जा में हुई वृद्धि से 11 मिलियन टन उत्सर्जन की बढ़ोतरी रोकी गई।  

अपनी प्रतिक्रिया देते हुए Ember (एंबर) के भारतीय विश्लेषक नेशविन रोड्रिग्स कहते हैं, "भारत सौर ऊर्जा में प्रमुख वैश्विक पक्ष बनने की क्षमता रखता है। रिन्यूबल एनर्जी क्षमताएं भारत में उत्सर्जन वृद्धि को धीमा करने का काम कर रही हैं, जिससे दुनिया को बिजली क्षेत्र के उत्सर्जनों में एक समान स्तर पर लाने में मदद मिल रही है।"

जैसा कि कहा गया है, भारत की सौर ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि पूर्ण रूप से वर्ष 2022 और 2023 की पहली छमाही (+12 TWh) में समान रही थी। इसका मतलब यह है कि इस वर्ष की पहली छमाही (+26%) में सौर ऊर्जा की सापेक्ष वृद्धि पिछले वर्ष की इसी अवधि (+35%) की तुलना में कम है। Ember के एशिया प्रोग्राम लीड, आदित्य लोला कहते हैं, "यदि भारत को अपनी नई राष्ट्रीय विद्युत योजना में निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करना है और अपनी उच्च विकास दर को बनाए रखना है, तो उसे अगले 4-5 वर्षों में सौर ऊर्जा क्षमता में अत्यधिक बढ़ोतरी के लिए प्रयास करना होगा।"

विंड और सोलर एनर्जी की निरंतर बढ़त के चलते बिजली क्षेत्र के वैश्विक उत्सर्जन में स्थिरता 

रिपोर्ट से पता चला है कि बिजली क्षेत्र का वैश्विक उत्सर्जन वर्ष 2023 की पहली छमाही में स्थिर रहा जिसमें पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 0.2% (+12 mtCO2) की मामूली वृद्धि हुई, क्योंकि पवन और सौर ऊर्जा में वृद्धि जारी है। बहरहाल, संभवत: जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न प्रतिकूल जलीय स्थितियों ने उत्सर्जन में गिरावट को रोक दिया।

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रिपोर्ट के मुख्य लेखक और Ember के वरिष्ठ विद्युत विश्लेषक मैगोरज़ाटा वियाट्रोस-मोटाइका ने कहा, "यह अभी भी अधर में लटका हुआ है कि क्या वर्ष 2023 में बिजली क्षेत्र के उत्सर्जन में गिरावट देखी जाएगी।" “जबकि पवन और सौर ऊर्जा की उल्लेखनीय वृद्धि को देखना उत्साहजनक है, फिर भी हम जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न प्रतिकूल जलीय स्थितियों की कठोर वास्तविकता को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। दुनिया बिजली क्षेत्र के उत्सर्जन के चरम पर डगमगा रही है, और अब हमें इस दशक में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने के लिए वैश्विक समझौता करके जीवाश्म ईंधन में तेजी से गिरावट की गति को बढ़ाने की आवश्यकता है।


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