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Diwali 2020: स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम से मनाई गई इको-फ्रेंडली दीपावली

छात्र नुक्कड़-नाटक के जरिए दीपावली मनाने के कारण को बताते हैं दिल्ली पर जलाए जाने वाले दमघोंटू पटाखों के प्रदूषण के लिए एंटी क्रैकर अभियान के तहत रैलियां निकालते हैं। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते अब जब हर चीज ऑनलाइन ही हो गई है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 03:05 PM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 03:05 PM (IST)
Diwali 2020: स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम से मनाई गई इको-फ्रेंडली दीपावली
दीपावली की ऑनलाइन तैयारी करते हुए बच्‍चे।

नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। दीपावली एक ऐसा त्योहार है जिसका स्कूली छात्रों को बड़ा इंतजार रहता है। हर साल स्कूलों में बड़े जोर-शोर से तैयारियां की जाती हैं। स्कूलों में इसके लिए छात्र हफ्ते भर पहले से ही तैयारियां शुरू कर देते हैं। छात्र नुक्कड़-नाटक के जरिए दीपावली मनाने के कारण को बताते हैं, दिल्ली पर जलाए जाने वाले दमघोंटू पटाखों के प्रदूषण के लिए एंटी क्रैकर अभियान के तहत रैलियां निकालते हैं। लेकिन, इस बार कोरोना महामारी के चलते अब जब हर चीज ऑनलाइन ही हो गई है। ऐसे में स्कूलों ने भी दीपावली का त्योहार इस बार ऑनलाइन ही मनाया। छात्रों ने इस बार रंगोली, नुक्कड़ नाटक व फैंसी ड्रैस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, घरों में रहकर इको फ्रेंडली बंधनवार बनाएं। वहीं, कई स्कूलों में दिल्ली सरकार की मुहीम युद्ध- प्रदूषण के विरूद्ध के तहत पटाखें न जलाने की भी शपथ ली गई।

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छात्रों को रामायण के अरण्य कांड की कथा ऑनलाइन माध्यम से सुनाई जा रही हैं। इसमें छात्र ही रामायण के अलग-अलग पात्र बनकर सीता हरण से लेकर राम के सीता को ढूंढने की कहानी सुना रहे हैं। इसके साथ ही सभी छात्रों के लिए एक ऑनलाइन चैरिटी कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। छात्रों को इस बार स्कूलों की तरफ से ग्रीन दीवाली मनाने के लिए ई-ग्रीटिंग कार्ड भी भेजा गया है, जिसमें छात्रों को पटाखे न जलाने को कहा गया है।

ममता वी भटनागर, निदेशक, मानव स्थली स्कूल


हर बार छात्र स्कूल आकर दीवाली पूजन करते थे और अपनी कक्षाओं को सजाते थे। लेकिन इस बार छात्रों ने घरों में ही रहकर ईको-फ्रेंडली बंधनवार और रंगोली बनाई। इसके साथ ही भजन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है। छात्रों ने इसमें रामायण से जुड़े भजन सुनाएं। कक्षा पांच से आठ तक के छात्रों के लिए दीया व मोमबत्ती सजाने का कार्यक्रम रखा गया। दीवाली से कुछ दिन पहले छात्रों ने रामायण की कथा भी ऑनलाइन माध्यम से सुनाई थी।

ज्योति अरोड़ा, प्रधानाचार्या, माउंट आबू स्कूल


चूंकि अब सभी छात्र कोरोना महामारी के चलते इस बार घर पर हैं, ऐसे में छात्रों ने घरों में ही रहकर रंगोली प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है। छात्रों ने घर के पूजा स्थान के पास ईको-फ्रेंडली चीजों का इस्तेमाल कर रंगोली बनाई। इसके साथ ही बड़ी कक्षा के छात्रों को दीवाली से जुड़ी कविता या कहानी लिख कर भेजी है। वहीं, दीवाली वाले दिन छात्रों के लिए फैंसी ड्रैस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

अंजली पुरी, प्रधानाचार्या, श्रीमती सुशीला देवी लक्ष्मी गर्ल्स सीनियर सेकेंड्री स्कूल


इस बार छात्रों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं। इसमें रंगोली, दीया, कविता लेखन व मिठाई बनाने की प्रतियोगिता रखी गई थी। छात्रों ने घरों में ही रहकर मिठाई बनाई। इसके साथ ही छात्रों के लिए फैंसी ड्रैस प्रतियोगिता रखी गई थी जिसका विषय कोरोना था। इसमें छात्रों ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए चार्ट पेपर से तैयार ड्रैस पहनकर फोटों व वीडियों भेजे हैं।

प्रियंका गुलाटी, प्रधानाचार्या, एवरग्रीन पब्लिक स्कूल

मॉडर्न पब्लिक स्कूल, शालीमार बाग के छात्र/छात्राओं द्वारा वर्ष 2020 में कोविड -19 की स्थिति में भी दीपावली का महोत्सव अन्य वर्षों की तुलना में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रत्येक वर्ष एम.पी.एस के विद्यार्थी इस रौशनी के अवसर पर रैली निकालते हैं, पर इस वर्ष एम. पी. एस के छात्र / छात्राओं द्वारा ,ज़रूरतमंद लोगों के जीवन में खुशी और रौशनी लाने के लिए टॉफी, चॉक्लेट्स , सुंदर वस्त्र , स्टेशनरी वस्तुएं जैसे उपहार आदि से भरा 'जॉय बॉक्स' तैयार किया गया जिसे गरीब और वंचित लोगों तक पहुँचाया गया। मानवता के इस पाठ्यक्रम द्वारा बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास हुआ। बच्चों ने ई-विज्ञापन द्वारा अभिभावककों को पर्यावरण के अनुकूल , दीपावली का त्योहार मनाने की जागरुकता फैलाई और "युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध" के आचरण पर कार्य किया। विद्यार्थियों ने वास्तविक कक्षा में थाली की सुंदर सजावट की और स्वादिष्ट मिठाइयाँ तथा चॉकलेट्स बनाकर उन्हें उपहार के रूप में ज़रूरतमंद लोगों के साथ सांझा किया। साथ ही घरेलू सहायकों और चौकीदारों को भी बच्चों द्वारा बनाए गए सुंदर दीए, मोमबत्तियाँ, हाथ से बने बंदनवार आदि बांटे।  विद्यार्थियों ने अपने- अपने घरों में रंगोली बनाकर कक्षाध्यापक के साथ अपने चित्र सांझा किए। वास्तव में एम. पी. एस. के छात्र /छात्राओं ने सभी को पटाखे न जलाने की प्रेरणा दी है और युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध कार्य किया है।

अलका कपूर, मार्डन पब्‍लिक स्‍कूल, शालीमार बाग, नई दिल्‍ली।

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