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    आंखें मूंदे बैठे अधिकारी, दिल्ली की इन चार कॉलोनियों में चल रहा बड़ा खेल; खतरे में लोगों की जिंदगी

    Updated: Wed, 16 Jul 2025 09:41 AM (IST)

    पूर्वी दिल्ली के शाहदरा जिले में अवैध निर्माण से खतरा बढ़ गया है। झुग्गी बस्तियों में ऊंची इमारतें बन गई हैं जिससे हादसे का डर बना हुआ है। आनंद विहार झिलमिल कलंदर और जनता कॉलोनी में लगभग डेढ़ लाख लोग रहते हैं। पानी की किल्लत के लिए लोग सबमर्सिबल का उपयोग कर रहे हैं और घरों में अवैध ड्राई क्लीनिंग यूनिट्स चल रही हैं।

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    जेजे क्लस्टर कालोनियों में "झुग्गी'' की जगह बन गई ऊंची इमारतें। जागरण

    शुजाउद्दीन, पूर्वी दिल्ली। दिल्ली में शाहदरा जिला में चार जेजे क्लस्टर कॉलोनियां हैं। कहने को यह झुग्गी क्षेत्र है, लेकिन यहां मौजूदा वक्त में ऊंची-ऊंची इमारते बन गई है। यहां अवैध निर्माण इस हद तक है अगर हादसा होगा तो कई लोगों की जिंदगी को ले डूबेगा।

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    वहीं, ठीक उसी तरह से जैसे शनिवार को वेलकम स्थित जनता कॉलोनी में अवैध चार मंजिला मकान जमींदाेज होने पर सात लोगों की जान गई। शाहदरा एसडीएम ने सोमवार को जनता कॉलोनी में निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी। निगम से कहकर यहां के मकानों के स्ट्रक्चर की जांच करने के आदेश दिए हैं।

    इस आदेश के बाद जागरण संवाददाता ने मंगलवार को आनंद विहार, झिलमिल, कलंदर व जनता कॉलोनी गए। इन कॉलोनियाें में करीब डेढ़ लाख लोग रहते है। इन कॉलोनी के आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लेागों का आरोप है कि इन झुग्गी क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध निर्माण और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड व निगम के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे रहे। उनके सामने झुग्गियां इमारतों में तब्दील हो गई। उन इमारतों का निर्माण मजबूत नहीं है।

    झिलमिल झुग्गी कॉलोनी में कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की झुग्गियां हैं। जो उन्होंने किराये पर दी हुई हैं। वह खुद अच्छी कालोनियों में रहते हैं। यहां तीन से पांच मंजिला मकान बने हुए हैं। घर में इतनी जगह नहीं है कि सीढ़ियां बन सके। यहां लोगों ने ऊपरी मंजिलों पर जाने के लिए लोहे की सीढ़ियां घर के बाहर गली में लगवाई हुई हैं। अधिकतर घरों में ऐसे ही हालात हैं। गार्डर व पटियों से बिना मजबूती के मकान बने हुए हैं। एक माह पहले यहां तीन मंजिला मकान झुक गया था।

    निगम ने उस मकान को खाली कराकर तोड़ दिया था। आनंद विहार की झुग्गी कालोनी में अधिकतर मकानों की स्थिति खराब है। मकान गिर न जाएं। उन्हें रोकने के लिए घर के बाहर लोहे के पाेल लगाए हुए हैं। कुछ मकान यहां तीन से चार मंजिला आरसीसी टैंलर के साथ नए बने हुए हैं। मकानों में दरारें आई हुई हैं। कुछ जगह मकान का निर्माण कार्य भी चल रहा है। कलंदर कालोनी में भी मकानों की स्थिति बहुत खराब है। भले ही एसडीएम ने जनता कालोनी में निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। लेकिन यहां के लोगों को चिंता नहीं है।

    यहां के स्थानीय लोगों का कहना है यहां ढाई से चार फुट चौड़ी गलियां हैं। कई वर्षों से कालोनी है। यहां मकान हवा में नहीं बन गए। अधिकारियों को पता है कब और कैसे मकान बने। कुछ गलियां इतनी संकरी है, वहां दो पहिया वाहन नहीं जा सकता। मकान एक दूसरे के सहारे टीके हैं। निगम अगर किसी मकान को यहां तोड़ेगा तो पास का मकान गिरने की संभावना है। चार कॉलोनियों में मकानों की स्थिति खराब है। हादसे न इसके लिए जिला प्रशासन क्या कदम उठा रहा है। इसके लिए जिलाधिकारी ऋषिता गुप्ता को फोन किया। लेकिन उन्होंने उठाया नहीं।

    छोटे-छोटे घरो में करवाए हुए हैं सबमर्सिबल

    सबमर्सिबल करने वाले लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन चार कालोनी में करीब 10 हजार सबमर्सिबल लगे हुए हैं। उनसे पूछा कि इतना आंकड़ा कैसे हो सकता है। इसपर उन्होंने कहा कि यह कालोनियां अब झुग्गी नहीं रह गई, यहां कई-कई मंजिल मकान बने हैं।

    वहीं, प्रशासन भले ही इस आंकड़े को झूठला दे, लेकिन इन कॉलोनियों में वास्तविक स्थिति को नहीं बदल सकते। सबकुछ सबकी आंखों के सामने हैं। क्योंकि यह सबमर्सिबल गलियो में लगे हैं और उनके पाइप घरों में जा रहे हैं। कई घरों में हालात ऐसे हैं हर मंजिल का मालिक अलग है तो उसने अपना सबमर्सिबल भी अलग करवाया हुआ है। यहां पीने के पानी के किल्लत है। उसके लिए लोगों ने अवैध रूप से सबमर्सिबल लगाए हुए हैं।

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    यहां के लोग इस बात को अच्छे से जानते है कि संकरी गलियों में प्रशासन के अधिकारी आकर भटकते नहीं है। उन्हीं के कंधों पर अवैध सबमर्सिबल करने वालों पर कार्रवाई करने का जिम्मा है। जनता कॉलोनी में जींस की सिलाई का काम बहुत है। यहां लोगों ने अपने घरों में अवैध रूप से ड्राई क्लीन की यूनिट लगाई हुई हैं। उन यूनिट में सबमर्सिबल का पानी इस्तेमाल होता है।

    इस मामले को जिला विकास समिति की बैठक में उठाया जाएगा। हादसा न हो अधिकारियों की जिम्मेदारियां तय की जाएंगी। - जितेंद्र महाजन, चेयरमैन जिला विकास समिति

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