Delhi Traffic News: कालिंदी कुंज से नोएडा आने वाला एक रास्ता बंद, 23 जुलाई तक जाम से जूझेंगे लोग
कांवड़ियों की सुरक्षा के मद्देनज़र यातायात पुलिस ने कालिंदी कुंज से नोएडा जाने वाले रास्ते को 23 जुलाई तक बंद कर दिया है। जिसके चलते कालिंदी कुंज चौक पर वाहनों की रफ़्तार धीमी हो गई है और शाहीन बाग तक जाम लग गया है। पुलिस ने कांवड़ियों के लिए अलग लेन बनाई है लेकिन 20 जुलाई से कांवड़ियों की संख्या बढ़ने पर स्थिति और खराब हो सकती है।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। कांवड़ियों को सुरक्षित निकालने के लिए यातायात पुलिस ने कालिंदी कुंज से नोएडा जाने वाले एक रास्ते को 23 जुलाई तक बंद कर दिया है। ऐसे में मंगलवार को दिनभर कालिंदी कुंज चौक पर वाहन रेंग-रेंग कर चलते रहे। हालांकि अभी कांवड़ियों के आने की संख्या कम है।
ऐसे में यातायात पुलिस व्यस्त समय में उस रास्ते से भी वाहनों को निकाल रही है। पुलिस का कहना है कि 20 जुलाई के बाद परेशानी ज्यादा बढ़ेगी। इसी तरह कालिंदी कुंज से फरीदाबाद की ओर जाने वाले मार्ग पर भी अलग लेन बनाकर कांवड़ियों को निकाला जा रहा है।
शाहीन बाग तक लग रही वाहनों की कतार
सावन मास के शुरू होते ही कांवड़ियों का हरिद्वार से जल लेकर आने का सिलसिला शुरू हो गया है। ऐसे में कांवड़ियों को कालिंदी कुंज चौक से सुरक्षित निकालने के लिए यातायात पुलिस ने दिल्ली से नोएडा जाने वाली एक लेन को बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया है।
इस कारण मंगलवार को दिल्ली से नोएडा की ओर जाने वाला ट्रैफिक रेंग-रेंग कर चलता रहा। वाहनों की रफ्तार धीमी हाेने के कारण शाहीन बाग तक वाहनों की कतार लगी रही।
इसी तरह नोएडा से फरीदाबाद की ओर जाने वाले मार्ग पर भी कांवड़ियों को निकालने के लिए पुलिस ने बैरीगेट और रस्सियों की मदद से करीब एक किलोमीटर लंबी लेन बनाई है ताकि वाहनों को निकलने में भी किसी तरह कोई परेशानी न हो।
23 जुलाई तक रहेगी परेशानी
भोले के भक्त 23 जुलाई को सावन की शिव रात्री पर भगवान शंकर का जलाभिषेक करेंगे। ऐसे में कालिंदी कुंज पर यह व्यवस्था 23 जुलाई तक बनी रहेगी। अभी दिनभर में चार-पांच कांवड़िये यहां से गुजर रहे हैं।
इस कारण कालिंदी कुंज चौक पर व्यस्त समय में वाहनों का दबाव बढ़ने पर यातायात पुलिसकर्मी मंगलवार को बंद रास्ते से भी वाहनों को निकालते दिखे। पुलिसकर्मियों का कहना है कि अभी चार-पांच दिन ज्यादा परेशानी नहीं होगी। दिक्कत बढ़ेगी 20 जुलाई से जब जल लेकर आ रहे कांवड़ियों की संख्या बढ़ेगी।
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