Yamuna Flood Alert: न टेंट लगे और न ही शौचालय की सुविधा, पानी के लिए भी तरस रहे हैं लोग
पूर्वी दिल्ली में बाढ़ पीड़ितों के लिए जिला प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठ रहे हैं। राहत शिविरों में टेंट कम होने से लोग परेशान हैं और मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। यमुना का पानी शिविरों में घुसने से स्थिति और खराब हो गई है। विधायक और पार्षद नावों से लोगों को बचाने में जुटे हैं वहीं संस्थाएं जानवरों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। दिल्ली में बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठ रहे हैं। जलस्तर से प्रभावित हुए लोगों के लिए टेंट कम पड़ गए हैं। शौचालय व पीने के पानी तक के लिए लोग परेशान हैं। सरकारी सुविधाएं न मिलने पर लोग फ्लाईओवर के नीचे, फुटपाट व डिवाइडर व बस स्टैंड पर रहने को मजबूर हैं।
वहीं, बारिश ने उनकी मुसीबत बढ़ा रखी है। तिरपाल ओढ़कर लोग खुद व अपने बच्चों और सामान को वर्षा से बचा रहे हैं। मयूर विहार फेज-एक में लगे राहत शिविर में यमुना का पानी पहुंच गया है। यहां रहने वाले लोगों को दूसरी जगह पहुंचाया गया है।
पुराना लोहापुल, उस्मानपुर पुश्ता, सिग्नेचर ब्रिज समेत कई स्थानों प्रभावित लोग रहे रहे हैं। आरोप है कि प्रशासन की ओर से कुछ ही टेंट लगाए गए हैं। जब जल स्तर बढ़ गया तक टेंट की कुछ ही संख्या बढ़ाई है। उन टेंट में लाइट भी नहीं है। वर्षा व धूप का सितम वह झेल रहे हैं। प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। वह टेंट लगाए।
विधायक व पार्षद नाव लेकर लोगों को बचाने पहुंचे
घोंडा के विधायक अजय महावर व भजनपुरा की पार्षद रेखा रानी बोट लेकर गढ़ी मांडू गांव गए। उन्होंने कई लोगों को बोट से रेस्क्यू किया। वर्षा के बीच भी रेस्क्यू जारी रखा। विधायक ने उस्मानपुर गांव की चौपाल प्रभावित लोगों के लिए खोल दी है, लोग वहां रह सकते हैं।
कुत्ताें को बचाने पहुंच रही हैं संस्थाएं
यमुना खादर में पानी में फंसे कुत्तों को बचाने के लिए कई संस्थाएं आगे आई हैं। मयूर विहार, गीता कालोनी, पुराना लोहापुल व सोनिया विहार, पुराना उस्मानपुर में संस्थाएं पहुंच रही हैं। बोट के जरिये वह पानी में कुत्तों को तलाश रही हैं और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रही हैं।
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लोहापुल के पास प्रशासन की बहुत बद इंतजामिया हैं। एक ही शौचालय है, वह बहुत गंदा है। खुले में लोग शौच कर रहे हैं। लाइट की कोई व्यवस्था नहीं है। - बीएन मिश्रा, पुराना लोहापुल
प्रशासन ने नाम मात्र शिविर उस्मानपुर पुश्ता रोड पर बनाएं हैं। मैं अपने परिवार के साथ बस स्टैंड पर रह रही हूं। वर्षा में भीगने से परिवार के कई लोग बीमार हो गए। खाना भी नहीं मिल रहा है। - बिलकिस
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