DDA अपार्टमेंट में तेज धमाके से दहशत में लोग, बेसमेंट की फर्श में आईं दरारें और जमीन से निकलने लगा पानी
दिल्ली के द्वारका सेक्टर 16 बी में त्रिवेणी हाइट्स नामक डीडीए अपार्टमेंट में रविवार को एक तेज धमाका हुआ। अपार्टमेंट के बेसमेंट से तेज रफ्तार से पानी निकला और फर्श पर दरारें आ गईं। पानी में तेज बदबू आ रही थी। घटना के बाद से अपार्टमेंट के निवासी दहशत में हैं।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। द्वारका सेक्टर 16 बी स्थित डीडीए अपार्टमेंट त्रिवेणी हाइट्स में लोग रविवार से दहशत में जी रहे हैं। रविवार को यहां तेज धमाका हुआ और अपार्टमेंट के एक टावर के बेसमेंट में तेज रफ्तार के साथ पानी जमीन से उपर आने लगा।
देखते ही देखते पानी फर्श के उपर करीब दो फुट तक जमा हो गया। फर्श पर कई जगह बड़ी बड़ी दरारें आ गईं। जमीन से निकले पानी से तेज बदबू आ रही थी।
घटना के पीछे की वजह क्या है, इसका किसी को अभी तक कोई पता नहीं है। अपार्टमेंट निर्माण से जुड़ी एजेंसी डीडीए ने इस घटना की जांच कराने की बात कही है।
अपार्टमेंट की आरडब्ल्यूए के सचिव अरुण अग्रवाल ने बताया कि घटना की जानकारी पुलिस, अग्निशमन विभाग, डीडीए सभी को दी गई।
इसके बाद जिला प्रशासन सहित तमाम एजेंसियों के लोग यहां पहुंचे। घटना अपार्टमेंट के ए ब्लाक टावर की है। टावर की बेसमेंट में तेज धमाका के साथ पानी तेज रफ्तार के साथ निकला।
तेज धमाका और पानी की तेज रफ्तार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बेसमेंट में जगह पिलर पर दरार उभर आया। फर्श टूटने के कारण कंकीट के बड़े बड़े टूकड़े बेसमेंट की छत से टकराने के बाद वाहनों पर गिरे। कुछ वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए।
डीडीए ने कहां होगी जांच
अपार्टमेंट के लोगों का कहना है कि घटना को लेकर उनकी डीडीए के मुख्य अभियंता से बात हुई है। उन्होंने कहा कि पानी जो बेसमेंट की सतह पर जमीन से आया, उसका स्त्रोत कहां है।
इसका पता लगाया जाएगा। इसके लिए पानी के नमूने लिए गए हैं। घटना की भूविज्ञान विशेषज्ञ से जांच कराने की बात कही गई है।
लोगों को सता रहा डर
जिस टावर के नीचे की यह घटना है, वहां रहने वाले लोग चिंतित हैं। उन्हें अब पूरी इमारत की संरचना धमाके के बाद कितनी सुरक्षित है, इसे लेकर तरह तरह की चिंता सता रही है।
उन्हें सबसे अधिक डर पीलरों में आए दरार से है। हालांकि अभी तक प्रशासन की ओर से इमारत को खाली कराने का कोई नोटिस नहीं आया है लेकिन लोगों को डर लग रहा है कि कहीं इमारत को खाली करने की बात प्रशासन द्वारा न कही जाए। यहां लोगों ने करीब तीन साल पहले ही रहना शुरू किया है।
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