DUSU Chunav 2025: EVM को लेकर उठे सवाल पर हाईकोर्ट में सुनवाई, HC ने डीयू को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में इस्तेमाल हुई ईवीएम को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है। एनएसयूआई नेता रौनक खत्री और जोसलिन नंदिता चौधरी की याचिका पर कोर्ट ने डीयू से जवाब मांगा है। जोसलिन ने एबीवीपी के आर्यन मान के डूसू अध्यक्ष पद पर निर्वाचन को चुनौती दी है। अदालत इस मामले की आगे सुनवाई करेगी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में इस्तेमाल की गई इलेक्ट्राॅनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को सुरक्षित रखने का दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय व चुनाव आयुक्त को निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने डीयू को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। डूसू चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) नेता रौनक खत्री और डूसू चुनाव में अध्यक्ष पद की प्रत्याशी रहीं जोसलिन नंदिता चौधरी ने याचिका दायर की है।
मामले पर अगली सुनवाई 16 दिसंबर से होगी। डूसू चुनाव में अध्यक्ष पद पर मैदान में रहीं जोसलिन नंदिता चौधरी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के उम्मीदवार आर्यन मान के डूसू अध्यक्ष पद पर चुनाव को चुनौती दी है।
याचिका पर सुनवाई के दौरान डीयू की तरफ से पेश हुए वकील मोहिंदर रूपल ने आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि जिन कालेजों में छेड़छाड़ का आरोप है, उन्हें मामले में पक्षकार नहीं बनाया गया है और यहां तक कि विजयी उम्मीदवार को भी पक्षकार नहीं बनाया गया है।
एनएसयूआई ने याचिका दायर कर 18 सितंबर को हुए चुनाव को रद करने और ईवीएम को सुरक्षित रखने की मांग की है। साथ ही अध्यक्ष पद के लिए नए सिरे से मतदान कराने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।
याचिका में आरोप लगाया गया कि मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए एबीवीपी उम्मीदवार के नाम के आगे नीली स्याही से निशान बनाकर ईवीएम से छेड़छाड़ की गई थी। इससे चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता, पारदर्शिता और वैधता पर सवाल उठते हैं।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में चुनाव/रिटर्निंग अधिकारियों, डीयू प्रशासन और चुनाव ड्यूटी पर तैनात शिक्षकों से उक्त ईवीएम को सुरक्षित रखने व घटना की रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही मतदान प्रक्रिया रोकने का अनुरोध किया था।
लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस के कारण छेड़छाड़ किए गए ईवीएम से मतदान प्रक्रिया जारी रही और इसी के आधार पर परिणाम घोषित किए गए।
उल्लेखनीय है कि डूसू चुनाव में नियमों का उल्लंघन होने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने डीयू प्रशासन व दिल्ली पुलिस की खिंचाई की थी।
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