Delhi Pollution: दिल्ली में अक्टूबर से पहले लागू हो सकता है GRAP, जानें क्या होगा बदलाव
Delhi Pollution दिल्ली में प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है। इसे देखते हुए अक्टूबर से पहले ग्रेप के नियम को लागू किया जा सकता है। इसमें प्रदूषण को रोकने के लिए कई पाबंदियां लगाई जाएंगी। दिल्ली में हवा अब मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]l दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को वायु प्रदूषण के स्तर में हुई वृद्धि भले ही मंगलवार की वर्षा के बाद आंशिक रूप से कम हो गई हो, लेकिन यह कमी टिकाऊ नहीं साबित होने वाली है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि 25-26 सितंबर के बाद वर्षा का दौर खत्म हो जाएगा, तो प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगेगा।
मानसून के विदा होने का समय पास आते ही दिल्ली-एनसीआर में सांसों के आपातकाल का दौर भी करीब आ गया है। लंबे समय से संतोषजनक श्रेणी में चल रही हवा मध्यम श्रेणी में आ गई है। अगले सप्ताह तक इसके खराब श्रेणी में पहुंच जाने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने का दौर शुरू हो गया है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान की धूल भी आती है दिल्ली-NCR
ऐसे में ग्रेप के नियम लागू करने की नौबत भी पहले ही बन सकती है। अभी तक पूर्वी और दक्षिणी-पश्चिमी हवा चल रही है, जो बंगाल की खाड़ी से आ रही है। लेकिन, उत्तर भारत से दक्षिणी-पश्चिमी मानसून की विदाई होने के साथ ही हवा का रुख उत्तर-पश्चिमी हो जाएगा। यह हवा जम्मू-कश्मीर की ओर से आती है।
इस हवा के साथ पहाड़ों की ठंडक ही नहीं, पंजाब व हरियाणा में जलने वाली पराली का धुआं भी दिल्ली पहुंचता है। यही नहीं, उत्तर-पश्चिमी हवा के साथ ही राजस्थान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान की धूल भी दिल्ली-एनसीआर आती है। पर्यावरणविदों के मुताबिक हवा की दिशा बदलने वाली है। मानसून भी दिल्ली-एनसीआर से विदा होने वाला है।
ऐसे में प्रदूषण भी धीरे-धीरे लगातार बढ़ेगा। दिल्ली-एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 का आंकड़ा पार कर मध्यम श्रेणी में पहले ही आ चुका है, जो अगले सप्ताह तक 200 का आंकड़ा पार कर खराब श्रेणी में पहुंच सकता है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान फिर फेल, कई इलाकों में वर्षा
मौसम विभाग एक बार फिर सटीक पूर्वानुमान दे पाने में नाकाम साबित हुआ है। दो दिन पहले पूरे सप्ताह वर्षा न होने का पूर्वानुमान जारी किया था, जबकि मंगलवर को हुई वर्षा के बाद अब पूरे सप्ताह वर्षा का अनुमान जताया जा रहा है। इसके पीछे मौसम विज्ञानी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने का तर्क दे रहे हैं।
मौसम विभाग का कहना है कि पहले इसका असर दिल्ली तक नहीं आना था, लेकिन बदली परिस्थितियों में यह राजधानी तक देखने को मिल रहा है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 33.7 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 24.5 डिग्री सेल्सियस रहा। हवा में नमी का स्तर 93 से 61 प्रतिशत रहा। मौसम विभाग की मानें तो अगले कुछ दिनों तक हल्की वर्षा से राजधानी में सुहाना मौसम रहने की संभावना है। मंगलवार दोपहर बाद उत्तरी, मध्य एवं नई दिल्ली सहित अलग-अलग इलाकों में तेज वर्षा हुई।
शाम लगभग छह बजे तक विभिन्न इलाकों में वर्षा होती रही। रिज क्षेत्र में 87 मिमी, दिल्ली विश्वविद्यालय में 83.5 मिमी, नजफगढ़ में 9.5 मिमी वर्षा हुई, जबकि आयानगर और लोधी रोड में बूंदाबांदी दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार कुछ दिन बादल छाए रहेंगे और कुछ इलाकों में वर्षा होगी। बुधवार को अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री और न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री रहने का अनुमान है।
दिल्ली-एनसीआर का एक्यूआइ
- दिल्ली- 130
 - फरीदाबाद- 121
 - गुरुग्राम- 141
 - गाजियाबाद- 105
 - नोएडा- 111
 - ग्रेटर नोएडा - 121
 
हवा की दिशा बदलने पर दिल्ली आएगा पराली का धुआं
दिल्ली सरकार पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हवा की दिशा बदलने पर पराली का धुआं दिल्ली आएगा। पराली प्रबंधन को लेकर एनसीआर के राज्यों व केंद्र सरकार से जरूरी कदम उठाने का आग्रह कर रहे हैं। दिल्ली में भी प्रदूषण कम करने का प्रयास कर रहे हैं।
वहीं सीपीसीबी पूर्व अपर निदेशक डा. दीपांकर साहा ने कहा कि मानसून की विदाई शुरू होते ही उत्तर भारत में हवा की दिशा पूर्वी से उत्तर-पश्चिमी हो जाएगी। इस हवा के साथ धूल और पराली दोनों का प्रदूषण आता है। लिहाजा, दिल्ली-एनसीआर की हवा खराब होने लगेगी।
मध्यम श्रेणी में रही हवा
सीपीसीबी के अनुसार मंगलवार को एनसीआर का एक्यूआइ 100 के पार रहा। हालांकि, वर्षा से इसमें सोमवार के मुकाबले कुछ गिरावट आई, लेकिन हवा की गुणवत्ता संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में ही है। सफर इंडिया का कहना है कि दो-तीन दिन तक वायु प्रदूषण मध्यम श्रेणी में ही रहेगा।

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