अनोखा आविष्कार: अब हाईवे पर नींद की झपकी से नहीं होंगे एक्सीडेंट, DU के छात्रों ने बनाया खास डिवाइस
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है जो वाहन चालकों को नींद आने पर सतर्क करेगा। यह डिवाइस कैमरे और सेंसर के माध्यम से काम करता है और ड्राइवर को अलर्ट भेजता है। टीम अब इसे अपग्रेड करने पर काम कर रही है। हाल ही में झपकी आने से कई सड़क हादसे हुए हैं ऐसे में यह उपकरण मददगार साबित हो सकता है।

शालिनी देवरानी, दक्षिणी दिल्ली। लंबी दूरी पर वाहन चलाने वाले ड्राइवरों के लिए अब नींद हादसे का कारण नहीं बनेगी। दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध श्री अरबिंदो कॉलेज में छात्रों की टीम आर्केट ने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है, जो ड्राइवर को झपकी आते ही तुरंत अलर्ट करेगा।
बताया गया कि ये डिवाइस कैमरे की मदद से चेहरे और आंखों को डिटेक्ट करेगा और जरूरत पड़ते ही रियल टाइम में बजर और एलईडी सिग्नल के जरिए ड्राइवर को तुरंत अलर्ट भेजेगा। इससे सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिल सकती है।
देशभर में आए दिन वाहन चलाते वक्त झपकी आने से होने वाले सड़क हादसों में कई लोग जान गंवाते हैं। ऐसे में छात्रों का ये नवाचार हादसों पर लगाम लगाने में मददगार साबित हो सकता है। इस डिवाइस को डैशबोर्ड के ऊपर अटैच किया जाएगा, जोकि ड्राइवर की आंखों की गतिविधियों पर नजर रखेगा और झपकी आने पर तुरंत बजर और एलईडी सिग्नल सक्रिय करेगा।
इसे स्मार्ट इंडिया इंटरनल हैकाथान प्रतियोगिता के पहले चरण में पहला स्थान मिला है। नवाचार और तकनीकी शोध को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से यह प्रतियोगिता श्री वेंकटेश्वर कॉलेज में आयोजित कराई गई थी, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों के छात्रों ने भाग लिया था।
चार सेकेंड से ज्यादा आंखे बंद होते ही चेताएगा
इस डिवाइस में कैमरा मॉड्यूल, एमक्यू-7 सेंसर और आर्डूइनो यूनो का उपयोग किया गया है। कैमरा मॉड्यूल ड्राइवर के आंखों और गतिविधियों की निगरानी करता है और ड्राइवर की आंखें चार सेकेंड से ज्यादा समय के लिए बंद होने या उबासी आने पर तुरंत अलर्ट भेजेगा।
इसके अलावा डिवाइस में एमक्यू-7 सेंसर भी लगा है, जोकि हवा में कार्बन मोनोआक्साइड की मौजूदगी का पता लगाता है। गैस का पता चलते ही ये माइक्रोकंट्रोलर (आर्डूइनो यूनो) तक पहुंचकर बजर या अलर्ट को सक्रिय करेगा।
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सफर को स्मार्ट और सुरक्षित बनाना मकसद
टीम लीडर सुहानी चड्ढा ने कहा कि कैब और ट्रक ड्राइवर अक्सर लंबी दूरी तय करते हैं। थकान के चलते नींद आने से उनकी और दूसरों की जान को भी खतरा रहता है। टीम अब डिवाइस को अपग्रेड करते हुए उसमें इंटरनेट आफ थिंग्स (आइओटी) की मदद से लाइव ट्रैकिंग, मोबाइल अलर्ट और डेटा विश्लेषण जैसी सुविधाओं को जोड़ने के लिए काम कर रही है।
सफर सुरक्षित बनाने के लिए इलेक्ट्रानिक्स विभाग में प्रो. शुभ्रा गुप्ता के मार्गदर्शन में टीम ने इस डिवाइस का प्रोटोटोइप करीब 15 दिनों में तैयार किया है। इसमें वैष्णव वी.पी., आदित्य मिश्रा, तौफिक अहमद, अनमोल सिंह और राजदीप शामिल हैं।
झपकी आने से पिछले कुछ दिनों में हुए हादसे
- 6 अक्तूबर- दिल्ली से बिजनौर लौट रहे परिवार की कार गंगनहर पुल पर दुर्घटनाग्रस्त, दो की मौत।
- 5 अक्टूबर- दक्षिणी दिल्ली के सरिता विहार में एक डंपर चालक की मौत।
- 4 अक्टूबर- गाजियाबाद के सिहानी थानाक्षेत्र में बेकाबू कार ने तीन महिलाओं की मौत।
- 2 अक्टूबर- मुजफ्फरनगर में अनियंत्रित कार हाईवे पर खड़े ट्रक में घुसी छह लोगों की मौत।
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