डूसू चुनाव को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट की सख्त चेतावनी, कहा- नियमों का उल्लंघन माना जाएगा अदालत की अवमानना
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में नियमों के उल्लंघन पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि नियमों का उल्लंघन करने पर पिछली बार से भी सख्त कार्रवाई की जाएगी और इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा। अदालत ने डीयू की कार्यशैली पर नाराजगी जताई और चुनाव के दौरान नियमों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए।

विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। बार-बार अदालत के सख्त निर्देश और स्वयं उम्मीदवारों द्वारा लिखित माफीनामा देने के बाद भी दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में नियमों का उल्लंघन को देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने दो टूक चेतावनी दी है कि भविष्य में निर्देशों का कोई भी उल्लंघन अदालत की अवमानना माना जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने उम्मीदवारों, उनके समर्थकों और छात्रों से चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक किसी भी प्रकार का उल्लंघन नहीं करने का अनुरोध किया। पीठ ने यह भी कहा कि डूसू चुनाव में धन और बाहुबल का प्रदर्शन रोकने के लिए कुछ किया जाना चाहिए।
चुनाव प्रचार के लिए महंगी लग्जरी गाड़ियों, ट्रैक्टरों और जेसीबी का इस्तेमाल को देखते हुए इस बात पर जोर दिया कि इसे छात्र राजनीति में नहीं घुसने दिया जा सकता। अदालत को उम्मीद है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक नियमों का उल्लंघन नहीं होगा।
पीठ ने कहा कि पूरी दिल्ली की जनता की चिंता को देखते हुए छात्रों को आदेश पर ध्यान देना चाहिए। पीठ ने डीयू प्रशसान व पुलिस को कानून काे लागू करने का निर्देश देते हुए कहा कि उम्मीदवारों को कार्रवाई के माध्यम से संदेश दें। उन्हें पता होना चाहिए कि वे ऐसा नहीं कर सकते हैं।
पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया कि 23 यातायात पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और मोटरसाइकिल से पेट्रोलिंग भी कराई जा रही है। इसकी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निगरानी की जा रही है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता व वकील प्रशांत मनचंदा ने गड़बड़ी करने वाले उम्मीदवारों की तस्वीरें पेश करके कहा कि बाउंसर तैनात किए जा रहे हैं और कैंपस व हाइवे पर ट्रैक्टर हैं और उम्मीदवारों पर फूल बरसाने के लिए जेसीबी का उपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों का नामांकन रद करने की मांग की। अदालत प्रशांत मनचंदा की वर्ष 2017 की याचिका पर दाखिल ताजा आवेदन पर सुनवाई कर रही है। अदालत के दखल के बाद क्यों हुई डीयू की कार्रवाई सुनवाई के दौरान डीयू प्रशासन और दिल्ली पुलिस की तरफ से स्थिति रिपोर्ट दाखिल की गई।
डीयू की तरफ से पेश हुए वकील मोहिंदर रुपल ने पीठ को सूचित किया कि वाहनों के उल्लंघन के मामले में 695 चालान किए गए हैं और कई वाहनों को कंपाउंड किया गया है। उन्होंने कहा कि कोई भी शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है।
डीयू के इस जवाब से अंतुष्ट अदालत ने कहा कि क्या डीयू अपनी जिम्मेदारी से भाग सकती है और क्या डीयू और पुलिस प्रशासन को किसी आदेश की जरूरत थी। अदालत ने पूछा कि आखिर कोर्ट के दखल के बाद ही कार्रवाई क्यों की गई?
क्या संपत्ति को नुकसान की जांच के लिए नियुक्त करें कोर्ट कमिश्नर सुनवाई के दौरान एक उम्मीदवार की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि कुछ प्रत्याशियों को बदनाम करने के लिए यह याचिका दायर की गई है।
उक्त तर्काें से असहमत पीठ ने डीयू प्रशासन से सवाल किया कि क्या डीयू प्रशासन चुनाव को व्यवस्थित ढंग से कराने की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है? अदालत ने सवाल किया कि क्या हमें संपत्तियों की जांच के लिए एक कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करना चाहिए? क्या आप तस्वीरें देख रहे हैं? क्या वे तस्वीरें झूठी हैं?
पीठ ने कहा कि डीयू कैंपस में ट्रैक्टर हैं, लग्जरी कारें हैं और उम्मीदवार इन्हें कहां से ला रहे हैं? सभी प्रिंसिपल संतुष्ट केवल अदालत ही असंतुष्ट सुनवाई के दौरान अदालत ने डीयू प्रशासन से पूछा कि दिल्ली संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम, 2007 के तहत कितने चालान किए गए।
इसके जवाब में डीयू ने कहा कि मोरिस नगर थाना क्षेत्र में कोई चालान नहीं जारी किया गया, क्योंकि एक भी शिकायत नहीं मिली है। साथ ही संपत्तियों के नुकसान के संबंध में कहा कि इसके विरुद्ध डीयू प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई से सभी काॅलेज के प्रिंसिपल संतुष्ट है।
इसके जवाब में टिप्पणी करते हुए पीठ ने कहा कि सभी प्रिंसिपल संतुष्ट हैं, सिर्फ अदालत ही असंतुष्ट है। अदालत ने डीयू व दिल्ली पुलिस के साथ ही उम्मीदवारों को ताजा रिपाेर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 16 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

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