एम्प्लायमेंट आउटकम में DU ने पाया विश्व में 30वां स्थान, पिछले साल के मुकाबले 14 स्थान की लगाई छलांग
दिल्ली विश्वविद्यालय ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में 328वां स्थान प्राप्त किया है। रोजगार परिणाम मानक में डीयू 14 पायदान ऊपर चढ़कर 30वें स्थान पर है जो भारत में पहले स्थान पर है। डीयू का ओवरआल स्कोर भी बढ़ा है। कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने इस प्रगति को सराहा और संकाय शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों को श्रेय दिया। डीयू ने रिसर्च और साइटेसन्स में भी वृद्धि दर्ज की है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में 328वां स्थान हासिल किया है। एम्प्लायमेंट आउटकम मानक में पिछले साल के मुक़ाबले डीयू 14 स्थान ऊपर चढ़कर दुनिया में 30वें स्थान पर पहुंच गया है। इसके साथ ही भारत के संस्थानों में इस श्रेणी में डीयू पहले स्थान पर है, जबकि ओवरआल सातवें स्थान पर है।
कुलपति प्रो. योगेश सिंह कहा कि डीयू ने क्यूएस रैंकिंग 2026 में उल्लेखनीय प्रगति की है। ओवरआल स्कोर में डीयू 2025 के 33.8 से बढ़कर 2026 में 42.6 तक पहुंच गया है। प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि हमारे संकाय, शोधकर्ता और विद्यार्थी इस परिवर्तन में सबसे आगे हैं जो लगातार नवाचार, उच्च प्रभाव वाले शोध और अंतर्राष्ट्रीय संबंध प्रदान कर रहे हैं।
प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों में डीयू की उल्लेखनीय प्रगति (2025 से 2026)
- एम्प्लायमेंट आउटकम: 2025 में 44 से 2026 में 30 तक सुधार (14 स्थान ऊपर)
- अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क: 406 से 294 तक सुधार (112 स्थान ऊपर)
- प्रति संकाय साइटेसन्स: 488 से 403 तक सुधार (85 स्थान ऊपर)
क्यूएस 2026 परफार्मेंस हाइलाइट्स
- वैश्विक रैंक: 328 (2025 से बरकरार)
- ओवरआल स्कोर: 42.6 (33.8 से ऊपर - 2025 से 26 प्रतिशत सुधार)
- भारतीय विश्वविद्यालयों में: पहला स्थान (टॉप पब्लिक यूनिवर्सिटीज़ के रूप में बरकरार)
भारतीय संस्थानों में डीयू की स्थिति
- ओवरआल में 7वां स्थान (बनाए रखा)
- एम्प्लॉयमेंट आउटकम में पहला स्थान (बनाए रखा)
- अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च नेटवर्क में दूसरा स्थान (एक स्थान ऊपर हुआ)
- शैक्षणिक प्रतिष्ठा में 6वां स्थान
- स्थिरता में 6वां स्थान
प्रमुख क्यूएस संकेतकों में शीर्ष 300 वैश्विक रैंकिंग
- शैक्षणिक प्रतिष्ठा: 248वां स्थान
- अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क: 294वां स्थान
- स्थिरता: 297वां स्थान
- रिसर्च और साइटेसन्स वृद्धि
- प्रकाशनों में 13 प्रतिशत की वृद्धि
- कुल साइटेसन्स में 24 प्रतिशत की वृद्धि
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